नई दिल्ली: आगामी लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने आज यानि सोमवार, 11 मार्च को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. बता दें भारतीय नागरिकता (संशोधन) कानून पर 5 साल पहले ही मुहर लग गई थी, लेकिन यह अब तक यह लागू नहीं हो सका था. लेकिन सोमवार को मोदी सरकार ने CAA को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दी है. आइए इस खबर के माध्यम से जानते हैं कि आखिरकार CAA क्या है और इसे लागू करने से देश में क्या बदलाव देखें जाएंगे-
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क्या है CAA?
नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 (CAA) एक अधिनियम है, जो 11 दिसंबर, 2019 को संसद में पारित किया गया था। CAA 2019 में 1955 के नागरिकता अधिनियम में बदलाव किया गया। इसमें अब हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता की अनुमति दी गई, जो दिसंबर 2014 से पहले “धार्मिक उत्पीड़न या उत्पीड़न” के कारण पड़ोसी मुस्लिम बहुसंख्यक देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भाग कर भारत आए हैं। हालांकि, अधिनियम में मुसलमानों को शामिल नहीं किया गया है। CAA 2019 संशोधन के तहत, 31 दिसंबर, 2014 तक भारत में प्रवेश करने वाले और अपने मूल देश में “धार्मिक उत्पीड़न या धार्मिक उत्पीड़न के डर” का सामना करने वाले प्रवासियों को नए कानून के तहत भारतीय नागरिकता के लिए पात्र बनाया गया था। ऐसे प्रवासियों को छह सालों में फास्ट ट्रैक भारतीय नागरिकता प्रदान की जाएगी। संशोधन ने इन प्रवासियों के देशीयकरण के लिए निवास की जरूरत को 11 साल से घटाकर पांच साल कर दिया।
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ममता ने साधा निशाना कहा केंद्र द्वारा आज सीएए नियमों की अधिसूचना जारी होने की संभावना को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि पहले मुझे नियमों को देखने दीजिए। अधिसूचना अभी तक जारी नहीं की गई है। अगर लोगों को नियमों के तहत उनके अधिकारों से वंचित किया जाता है, तो हम इसके खिलाफ लड़ेंगे। यह चुनाव के लिए बीजेपी का प्रचार है और कुछ नहीं है।
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