चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले के सीमांत क्षेत्र माना गांव के पास ग्लेशियर टूटने से बड़ा हादसा हो गया है। बताया जा रहा है कि इस हादसे में 57 मजदूर दब गए हैं। यह मजदूर सीमा सड़क संगठन (BRO) के ठेकेदार के तहत काम कर रहे थे। इनमें से 10 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। जबकि बाकी 47 मजदूरों की तलाश जारी है। मौसम खराब होने की वजह से राहत और बचाव कार्य में कुछ दिक्कतें भी आ रही हैं। पिछले दो दिनों से उच्च हिमालयी क्षेत्र में लगातार बर्फबारी भी जारी है।
आईजी राजीव स्वरूप ने बताया कि सभी को सुरक्षित निकालने और रास्ता खोलने की लगातार जारी हैं। मौके पर एसडीआरएफ और एनडीआरएफ समेत तमाम बचाव दल रवाना हो चुके हैं। लगातार राहत और बचाव कार्य भी जारी है। याद आया 2021 का दर्दनाक एवलांच इस घटना ने 2021 में चमोली जिले में हुए एक अन्य ग्लेशियर हादसे की यादें ताजा कर दी हैं, जब ग्लेशियर टूटने से भारी तबाही मची थी और कई लोगों की जान चली गई थी। वर्तमान में, राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। जिसमें स्थानीय प्रशासन, पुलिस, आईटीबीपी और एनडीआरएफ की टीमें शामिल हैं। क्षेत्र में मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद, बचाव दल मलबे में फंसे मजदूरों तक पहुंचने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
57 मजदूर बर्फ में दबे, बचाव अभियान जारी
BRO कमांडर अंकुर महाजन ने बताया कि हमें सुबह 8:00 बजे पहाड़ी से एवलांच यानि ग्लेशियर फटने की सूचना मिली थी. अंकुर महाजन ने बताया कि सूचना मिलते ही बचाव और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. जानकारी के अनुसार, एक निजी ठेकेदार के 57 मजदूर बर्फ में दबे हैं. ये सभी मजदूर वहीं पर कैंप बना कर रह भी रहे थे, तभी हादसे का शिकार हो गए.
बद्रीनाथ धाम में इस समय भारी बर्फबारी हो रही है. जनजीवन सामान्य करने के लिए सड़कों पर से बर्फ को हटाया जा रहा है. BRO कमांडर अंकुर महाजन ने बताया कि बर्फबारी की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है. फिर भी हमारी टीम मजदूरों को सकुशल बर्फ से निकाले का प्रयास कर रही है. वहीं ITBP और सेना का भी मदद ली जा रही है।
एनडीआरएफ के डीजी पीयूष आनंद ने कहा, “16 लोगों को निकाला गया है। एनडीआरएफ की चार टीमें तैनात की गई हैं। केंद्रीय गृह मंत्री इस अभियान की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने मुझसे और डीजी आईटीबीपी दोनों से बात की है। हमारा ध्यान अधिक से अधिक लोगों को बचाने पर है। गृह मंत्री ने हर जान बचाने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं।”
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