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उत्तराखंड हिमस्खलन में 46 श्रमिक सुरक्षित, अंतिम शव मिलने से मृतकों की संख्या हुई 8

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चमोली: चीन सीमा पर माणा के पास शुक्रवार को हिमस्खलन की चपेट में आए सभी लोगों को ढूंढ लिया गया है, जिसमें से 46 सुरक्षित हैं, जबकि आठ की मौत हो गई। रविवार को लापता सभी चार श्रमिकों के शव रेस्क्यू टीम ने बरामद कर लिए हैं। जबकि चार श्रमिकों के शव शनिवार को बरामद हो गए थे। वहीं, रविवार को एक अन्य घायल को एम्स ऋषिकेश के लिए रेफर कर दिया गया है, जबकि एक घायल श्रमिक शनिवार को रेफर किया गया था। इसके साथ ही तीन दिनों से चला आ रहा रेस्क्यू अभियान भी समाप्त हो गया।

सभी मजदूर भारत-चीन सीमा के पास स्थित चमोली के माणा गांव के पास बीआरओ के निर्माण कार्य में लगे हुए थे। 28 फरवरी को अचानक ग्लेशियर टूट गया और वहां मौजूद 54 मजदूर इसकी चपेट में आ गए।हादसे के बाद भारतीय सेना और अन्य बचाव दलों ने बर्फ में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। इस दौरान 51 मजदूरों को रेस्क्यू किया गया, जिनमें से बाद में चार मजदूरों की जान चली गई। इसके अलावा एक मजदूर अपने घर पहुंच गया है और बाकी चार की तलाश की जा रही है।

आपको बता दें कि जनपद चमोली के जिलाधिकारी ने बीआरओ के प्रतिनिधियों को निर्देश दिया कि जो मजदूर लापता हैं, उनके घर फोन कर जानकारी प्राप्त की जाए। बीआरओ को पता चला कि हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा निवासी सुनील कुमार अपने घर पहुंच गया है।इस बीच, वायु सेना का एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर, तीन चीता हेलीकॉप्टर, उत्तराखंड सरकार के 2 हेलीकॉप्टर, एम्स ऋषिकेश से एक एयर एंबुलेंस राहत एवं बचाव कार्य में लगाए गए हैं।

अधिकारी के अनुसार, माणा गांव में रविवार सुबह ऑपरेशन फिर से शुरू कर दिया गया है। सेना और आईटीबीपी द्वारा माणा एवलांच प्वाइंट पर आज सुबह एक बार फिर से बचाव अभियान शुरू कर दिया गया। अभी भी 4 श्रमिक लापता हैं। एक मजदूर अपने घर सुरक्षित पहुंच गया है।जो चार श्रमिक लापता हैं, उनमें हिमाचल प्रदेश का हर्मेश चंद, उत्तर प्रदेश का अशोक, उत्तराखंड का अनिल और अरविंद कुमार शामिल हैं। इसके अलावा जिन मजदूरों की मौत हुई है, उनमें हिमाचल प्रदेश का जितेंद्र सिंह और मोहिंद्र पाल, उत्तर प्रदेश का मंजीत यादव और उत्तराखंड का अलोक यादव शामिल हैं।

एम्स ऋषिकेश के पीआरओ संदीप सिंह ने बताया कि पांच लोगों को यहां लाया जाना था, लेकिन बाद में हमें पता चला कि 4 लोगों को यहां लाया जाएगा। अशोक कुमार को यहां लाया गया है और उन्हें रीढ़ की हड्डी में चोट लगी है। उनकी जांच की जा रही है। उनकी रीढ़ की सर्जरी शायद आज की जाएगी। उनके पैर अभी काम नहीं कर रहे हैं। टीम उनकी निगरानी कर रही है। पवन कुमार को भी आज यहां एयरलिफ्ट किया जाना है।

मृतकों का विवरण

– अनिल कुमार (21) पुत्र ईश्वरी दत्त, ठाकुर नगर रुद्रपुर ऊधमसिंह नगर उत्तराखंड।

– अशोक (28) पुत्र रामपाल, गंगहोल बेनाऊ फतेहपुर उत्तर प्रदेश।

– हरमेश (31) पुत्र ज्ञानचंद्र, कुठार ऊना हिमाचल प्रदेश।

– मोहिंदर पाल (42) पुत्र देशराज, हिमाचल।

– आलोक यादव, निवासी कानपुर उत्तर प्रदेश।

– मंजीत यादव, पुत्र शंभू, निवासी सरवान उत्तर प्रदेश

– जितेंद्र सिंह, (26) पुत्र कुलवंत सिंह, बिलासपुर उत्तर प्रदेश।

– अरविंद कुमार सिंह (43), पुत्र देवेंद्र कुमार, निवासी गोकुल धाम भगत निवास, न्यू कालोनी क्लेमेंटाउन देहरादून।

हिमस्खलन की चपेट में 54 लोग आए थे, 46 को सुरक्षित निकाल लिया गया। आईटीबीपी और सेना से मिली जानकारी के अनुसार जो अंतिम व्यक्ति लापता था उसका शव भी बरामद हो गया है। हादसे में कुल आठ लोगों की जान गई है। सात शव आर्मी अस्पताल ज्योतिर्मठ पहुंच गए हैं, एक शव अभी माणा क्षेत्र में है, उसे भी हेलीकॉप्टर से लाने की कार्रवाई की जा रही है।

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