अल्मोड़ा: अल्मोड़ा जिले के सल्ट क्षेत्र में राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डभरा परिसर से 161 संदिग्ध जिलेटिन रॉड मिलने के बाद इलाके में सनसनी फैल गई है। यह बरामदगी न केवल सुरक्षा एजेंसियों के लिए सिरदर्द बन गई है बल्कि स्थानीय लोगों में भी डर और आशंका का माहौल बना हुआ है। पुलिस अब हर उस पहलू की जांच में जुट गई है जिससे यह स्पष्ट हो सके कि आखिर इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री यहां पहुंची कैसे। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और पूरे परिसर को घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू किया। मौके से बरामद जिलेटिन रॉड को फिलहाल सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है। शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि जिलेटिन रॉड किसी निर्माण कार्य में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री जैसी प्रतीत होती हैं, लेकिन इतनी अधिक मात्रा और उनका विद्यालय परिसर में पाया जाना गंभीर सवाल खड़ा करता है।
दरअसल, सल्ट और इसके आसपास के क्षेत्रों में इस समय कई सड़क निर्माण और मरम्मत कार्य चल रहे हैं। पर्वतीय इलाकों में सड़क कटान और निर्माण के दौरान नियंत्रित विस्फोटक जैसे जिलेटिन रॉड का उपयोग आम बात है। लेकिन यह सामग्री आमतौर पर ठेकेदारों के पास लाइसेंस प्राप्त गोदामों में सुरक्षित रखी जाती है। ऐसे में बिना अनुमति और बिना सुरक्षा व्यवस्था के यह जिलेटिन जंगल क्षेत्र में कैसे पहुंचा, यह पुलिस जांच का मुख्य बिंदु बन गया है।स्थानीय लोगों के अनुसार, विद्यालय के आसपास हाल के महीनों में कोई निर्माण कार्य नहीं चल रहा था। इससे यह शक और गहराता जा रहा है कि कहीं इन रॉड्स का उद्देश्य कुछ और तो नहीं था। कुछ ग्रामीणों ने यह भी संभावना जताई कि शायद किसी ने इन रॉड्स को किसी दुर्घटना या छापेमारी के डर से यहां छिपा दिया हो।
वहीं पुलिस का कहना है कि जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि यह दुर्लभ लापरवाही है या किसी साजिश का हिस्सा। जिलाधिकारी और पुलिस प्रशासन ने आसपास के स्कूलों और निर्माण स्थलों पर सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। सुरक्षा एजेंसियों को भी अलर्ट कर दिया गया है ताकि जिले में अन्य स्थानों पर ऐसी किसी संदिग्ध सामग्री का पता लगाया जा सके। फॉरेंसिक टीम को भी मौके से सैंपल एकत्रित करने के लिए बुलाया गया है ताकि जिलेटिन रॉड्स की प्रकृति और स्रोत की वैज्ञानिक जांच कराई जा सके।पुलिस सूत्रों के अनुसार, जिले में जारी सड़क निर्माण परियोजनाओं की सूची भी खंगाली जा रही है। इस बात की भी जांच की जा रही है कि किन-किन ठेकेदारों के पास हाल में विस्फोटक सामग्री मंगाने की अनुमति थी और क्या उनके रिकॉर्ड में कहीं कोई गड़बड़ी तो नहीं। यह भी संभव है कि यह सामग्री किसी पुराने ठेकेदार द्वारा उपयोग न होने पर गलत तरीके से फेंक दी गई हो, लेकिन ऐसी लापरवाही भी गंभीर अपराध की श्रेणी में आती है।
इस घटना ने प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर यह जिलेटिन किसी गलत मंशा से यहां रखा गया था, तो यह सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकता था। वहीं अगर यह निर्माण कार्य के लिए इस्तेमाल की सामग्री है, तो भी इसे विद्यालय परिसर में छोड़ देना लापरवाही को दर्शाता है। दोनों ही स्थितियों में जिम्मेदारी तय होना जरूरी है।फिलहाल पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सल्ट क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। स्थानीय लोग भी अब उम्मीद कर रहे हैं कि जांच जल्द पूरी हो और सच सामने आए कि 161 जिलेटिन रॉड आखिर यहां लाई क्यों गई थीं — विकास के नाम पर लापरवाही या किसी गहरी साजिश की तैयारी।
