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कर्नाटक, गुजरात के बाद अब कोलकाता पहुंचा HMPV वायरस, अब तक देश में इतने मामले आए सामने

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कर्नाटक, गुजरात के बाद अब कोलकाता पहुंचा HMPV वायरस, अब तक देश में इतने मामले आए सामने

बेंगलुरु: ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) ने दुनिया में एक बार फिर दहशत पैदा कर दी है। लोगों के मन में सवाल उठने लगा है कि क्या एक बार फिर कोरोना जैसा कहर लोगों पर टूटने वाला है। कोरोना महामारी से अभी दुनिया पूरी तरह उबरी नहीं है कि HMPV नाम के इस नए वायरस ने लोगों को डरा दिया है। इस बीच कर्नाटक सरकार ने सोमवार को आश्वासन दिया कि HMPV को लेकर चिंता करने की कोई बात नहीं है। बेंगलुरु में एचएमपीवी के दो मामले सामने आने के बाद राज्य सरकार ने यह बात कही। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इन दोनों मरीजों का अंतरराष्ट्रीय यात्रा का कोई इतिहास नहीं हैं। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि हमें घबराना चाहिए, क्योंकि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है। वायरस देश में पहले से ही मौजूद है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि यह भारत में एचएमपीवी का पहला मामला है, जो सच नहीं है क्योंकि एचएमपीवी वायरस देश में पहले से ही मौजूद है और कुछ प्रतिशत लोग इस वायरस से संक्रमित होते हैं तथा यह कोई नई बात नहीं है।’’

आपको बता दें कि बेंगलुरु के बाद गुजरात के अहमदाबाद में भी ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) का एक मामला सामने आया है. अहमदाबाद के चांदखेडा इलाके में 2 महीने के बच्चे में इस वायरस का संक्रमण पाया गया है. नवजात का यहां के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है. यह परिवार राजस्थान के डुंगरपुर से बच्चे का इलाज कराने के लिए अहमदाबाद पहुंचा था. बच्चे की स्थिति अभी स्टेबल है. बेंगलुरु के बैपटिस्ट अस्पताल में एक 8 महीने के लड़के और 3 महीने की लड़की में सांस लेने में दिक्कत पैदा करने वाले वायरस एचएमपीवी का पता चला है. अधिकारियों ने बताया कि इन दोनों मरीजों या उनके परिजनों की कोई इंटरनेशनल ट्रैवल हिस्ट्री नहीं थी।

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चीन में वायरल इंफेक्शन में वृद्धि की रिपोर्ट के बीच ये मामले सामने आए हैं, जो ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) से जुड़े हैं. यह वायरस श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है, जिसके बारे में पहली बार 2001 में पता चला था. एचएमपीवी बुजुर्गों और बच्चों को खासकर प्रभावित करता है. बेंगलुरु में पाए गए दोनों मामलों में ब्रोन्कोपमोनिया की मेडिकल हिस्ट्री थी, जो निमोनिया का एक रूप है. तीन महीने के बच्चे को पहले ही छुट्टी दे दी गई है, जबकि 8 महीने का बच्चा रविवार को वायरस से संक्रमित पाया गया और ठीक हो रहा है. भारत सरकार ने लोगों से न घबराने की अपील करते हुए कहा है कि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है. यह विश्व स्तर पर और देश के भीतर पहले से ही मौजूद है. सर्दियों के मौसम में यह वायरस लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है।

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