रूद्रप्रयाग: केदारनाथ पैदल मार्ग में भीम बली में बादल फटने से करीब 50 से 200 तीर्थयात्री फंसे हुए हैं. भारी बोल्डर आने से मार्ग का 30 मीटर हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है. पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त होने से आवाजाही बंद हो गई है. मूसलाधार बारिश के बाद बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है. अभी तक किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है. प्रशासन की टीम राहत बचाव कार्य में जुटी हुई है।
पत्थर गिरने से नदी झील में हुई तब्दील
केदारनाथ में कई घंटे से हो रही बारिश और लिनचोली और महाबली के पास पत्थर गिरने से मंदाकिनी नदी झील जैसी दिखने लगी है. गौरीकुंड में गर्म कुंड बह गया है. पैदल मार्ग पर बोल्डर आ गए. गौरीकुंड और सोनप्रयाग में लोग डरकर चिल्लाते हुए इधर उधर भागने लगे।
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ऊखीमठ के उपजिलाधिकारी अनिल कुमार शुक्ला ने बताया कि पैदल मार्ग पर जंगलचट्टी-भीमबली के बीच बादल फटा है। इस घटना से कई मीटर रास्ता भी पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है। साथ ही मंदाकिनी नदी का जलस्तर बढ़ने से गौरीकुंड, सोनप्रयाग के निचले इलाके खाली करा दिए गए हैं। रामबाड़ा से केदारनाथ तक पूरी तरह से सुरक्षित है। इधर, अगस्त्यमुनि से लेकर रुद्रप्रयाग को भी हाई अलर्ट जोन में रखा गया है।
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वही बड़ी लिंचोली में एनडीआरएफ, डीडीआरएफ जवान श्रद्धालुओं को निकालने में जुटे हैं। केदारनाथ पैदल मार्ग से लेकर गौरीकुंड और सोनप्रयाग लिनचोली में आपदा से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। फंसे यात्रियों को हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू किया जा रहा है। सड़क और पैदल मार्ग को क्षतिग्रस्त है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रुद्रप्रयाग में अतिवृष्टि से हुए आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। इस दौरान वह बचाव व राहत कार्यों की स्थिति की समीक्षा की जाएगी। केदारनाथ पैदल मार्ग पर जंगलचट्टी से भीमबली के बीच लिंचोली के पास बादल फटने से मंदाकिनी नदी का जलस्तर खतरे के निशाने से ऊपर पहुंच गया है। सुरक्षा को देखते हुए जिला प्रशासन ने देर रात गौरीकुंड और सोनप्रयाग बाजार को खाली करवा दिया।
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