देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए प्रदेश में देवभूमि परिवार योजना लागू करने का फैसला किया है। मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस योजना को मंजूरी दी गई। यह योजना प्रदेश के हर परिवार की पहचान और सरकारी सेवाओं को एकीकृत करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। योजना के तहत उत्तराखंड में रह रहे सभी परिवारों की एक यूनिक पारिवारिक आईडी बनाई जाएगी, जिसके माध्यम से उनके सदस्यों, आय, संपत्ति, और सरकारी योजनाओं के लाभ संबंधी जानकारी एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगी।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में देवभूमि परिवार योजना के साथ 12 अन्य प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई। सरकार ने इस योजना को पारदर्शिता बढ़ाने, फर्जी लाभार्थियों पर रोक लगाने और सरकारी योजनाओं का वास्तविक लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचाने के उद्देश्य से तैयार किया है।
योजना का उद्देश्य
देवभूमि परिवार योजना का सबसे बड़ा उद्देश्य समग्र सामाजिक और आर्थिक डेटा एकत्र करना है, ताकि प्रदेश के विकास कार्यों में सटीक और प्रमाणिक आंकड़ों का उपयोग किया जा सके। अभी तक अलग-अलग विभागों द्वारा नागरिकों की जानकारी बिखरी हुई रहती थी। इस व्यवस्था के तहत अब एक परिवार की सभी जानकारी एक ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगी। इससे न केवल योजनाओं की निगरानी आसान होगी बल्कि पात्रता निर्धारण में भी स्पष्टता आएगी।
कैसे बनेगी पारिवारिक आईडी
परिवार के मुखिया के नाम पर यह यूनिक आईडी जनरेट की जाएगी। इसके लिए आधार कार्ड, राशन कार्ड, और मोबाइल नंबर जैसी बुनियादी जानकारियों की जरूरत होगी। जो परिवार पहले से राशन कार्ड या अन्य सरकारी योजनाओं से जुड़ चुके हैं, उन्हें प्राथमिकता के साथ इस प्रणाली में जोड़ा जाएगा। जो परिवार अभी पंजीकरण से बाहर हैं, उनके लिए पंचायत, नगर निकाय और ब्लॉक स्तर पर विशेष कैंप आयोजित किए जाएंगे।
यह भी पढ़ें:पत्रकार पर हमला: लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर प्रहार, हल्द्वानी में बढ़ती पत्रकार विरोधी घटनाओं से रोष
लोगों को क्या लाभ होगा
देवभूमि परिवार योजना के तहत एक बार आईडी बनने पर नागरिकों को अलग-अलग सरकारी योजनाओं के लिए बार-बार दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी।
- विद्यार्थीवृत्ति, वृद्धावस्था पेंशन, रोजगार योजनाओं या स्वास्थ्य बीमा जैसी सभी सेवाएं इस एक आईडी से जुड़ेंगी।
- जरूरतमंद परिवारों तक सरकारी सहायता सीधे पहुंचेगी।
- फर्जी नामों या दोहरी प्रविष्टियों को समाप्त किया जा सकेगा।
- प्रदेश स्तर पर नीति निर्माण में विश्वसनीय डाटा उपलब्ध रहेगा।
- पारदर्शिता और सुशासन की दिशा में कदम
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह योजना उत्तराखंड को डिजिटल पारदर्शिता और सुशासन की दिशा में आगे बढ़ाएगी। देवभूमि परिवार योजना का उद्देश्य किसी की निगरानी करना नहीं, बल्कि नागरिकों को सरकारी सेवाओं से सरलता और सम्मानपूर्वक जोड़ना है। उन्होंने कहा कि “हर घर, हर परिवार, हर नागरिक तक सरकार का सीधा लाभ पहुंचे, यही हमारी प्राथमिकता है।
अन्य फैसले
कैबिनेट की बैठक में देवभूमि परिवार योजना के अलावा 12 अन्य प्रस्ताव भी पारित किए गए। इनमें राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों से जुड़े मामलों, पर्यटन क्षेत्र के सुधार, नई औद्योगिक नीति, और पर्वतीय क्षेत्रों में आधारभूत ढांचे के विकास से जुड़े निर्णय शामिल हैं। इन प्रस्तावों का उद्देश्य राज्य की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना और रोजगार के नए अवसर पैदा करना है।
