बहराइच: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में बुधवार यानि आज एक दर्दनाक हादसा हुआ जब यात्रियों से भरी नाव कौड़ियाला नदी में पलट गई। हादसे के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि नाव में करीब 29 लोग सवार थे, जिनमें से अब तक पांच को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है, जबकि 24 लोगों की तलाश जारी है। घटना की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंच गई और राहत-बचाव कार्य शुरू कर दिया गया।
हादसा बहराइच के मिहींपुरवा क्षेत्र के अंतर्गत कौड़ियाला नदी में हुआ। शुरुआती जानकारी के अनुसार, यह नाव रोज़ की तरह नदी पार करने के लिए चलाई जाती थी, लेकिन बुधवार को नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ था। तेज धार के बीच अचानक नाव का संतुलन बिगड़ गया और वह पलट गई। नदी के ऊपरी हिस्से में बहाव तेज होने के कारण कई लोग बह गए। ग्रामीणों ने प्रशासन को सूचना दी और खुद ही बचाव प्रयास शुरू कर दिए। स्थानीय लोगों ने बताया कि यह मार्ग क्षेत्र के लोगों के लिए एकमात्र जलमार्ग है और स्कूली छात्र, मजदूर और किसान रोज इसी नाव का उपयोग करते हैं। हादसे के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने नाव की सुरक्षा व्यवस्था और क्षमता पर सवाल उठाए हैं। दावा किया जा रहा है कि नाव में तय सीमा से कहीं ज्यादा यात्री सवार थे, जिससे हादसे की संभावना और बढ़ गई।
 
जैसे ही यह खबर प्रशासन तक पहुंची, बहराइच जिले के शीर्ष अधिकारी, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुट गईं। मौके पर गोताखोरों की मदद ली जा रही है और नदी के दोनों किनारों पर सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। बचाए गए पांच लोगों को प्राथमिक उपचार के लिए निकट के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है, जिनमें दो की हालत गंभीर बताई जा रही है।
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त की है और जिला प्रशासन को तत्काल राहत व बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने लापता लोगों की शीघ्र तलाश व पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद उपलब्ध कराने का आदेश जारी किया है। मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी बयान के अनुसार, राहत कार्यों की लगातार निगरानी की जा रही है और आवश्यक संसाधन मौके पर भेजे जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों से यह भी कहा है कि नाव संचालन से जुड़े नियमों की पूरी समीक्षा की जाए जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिया है कि पीड़ितों के आश्रितों को आर्थिक सहायता प्रदान करने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाए।
घटना को लेकर पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है। परिजन व स्थानीय लोग नदी के किनारे अपने लापता प्रियजनों का इंतजार कर रहे हैं। बचाव दल लगातार सर्च ऑपरेशन चला रहा है लेकिन अब तक कोई ठोस सफलता नहीं मिल पाई है। प्रशासन ने आसपास के गांवों से नाविकों और गोताखोरों की अतिरिक्त मदद ली है। जिले में धुंध और शाम होने के कारण बचाव कार्य में कठिनाई आ रही है, मगर अधिकारी पूरी कोशिश कर रहे हैं कि सभी लापता लोगों को जल्द ढूंढ निकाला जाए।
इस भीषण हादसे ने एक बार फिर जलमार्ग सुरक्षा और नाव क्षमता नियमों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन अगर नावों की नियमित जांच और सुरक्षा इंतजाम समय पर करता, तो यह दर्दनाक घटना शायद टल सकती थी। अब सभी की निगाहें राहत एवं बचाव दलों पर टिकी हैं, जो दिन-रात एक कर लापता लोगों की तलाश में जुटे हुए हैं।
 
  
		 
		
 
									 
					

