देहरादून: उत्तराखंड देवभूमि के ऊँचाई वाले क्षेत्रों में आज मौसम ने करवट बदली और सुबह से ही हल्की से तेज बर्फबारी का दौर शुरू हो गया। बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, नीती और माणा घाटी में लगातार गिर रही बर्फ ने पूरे इलाके को सफेद चादर से ढक दिया है। वहीं चमोली जिले के अन्य ऊँचाई वाले हिस्सों में भी बर्फबारी और शीतलहर का असर महसूस किया जा रहा है। इस बार की बर्फबारी ने जहां स्थानीय निवासियों के लिए ठंड बढ़ा दी है, वहीं दूर-दूर से आए तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए यह नज़ारा किसी प्राकृतिक उत्सव से कम नहीं है।
बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब में पहली बर्फबारी
बदरीनाथ धाम में इस सीजन की पहली भारी बर्फबारी ने यात्रियों का मन मोह लिया है। मंदिर परिसर और आस-पास की पहाड़ियों पर बर्फ की मोटी परत जम चुकी है। सुबह से तापमान शून्य से नीचे चला गया है, जिससे यहाँ शीतलहर का असर और तेज हो गया है। हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा भी बर्फ की मोटी परत में ढक गया है। तीर्थयात्री इस अद्भुत नज़ारे को कैमरे में कैद करने में व्यस्त हैं, लेकिन मौसम के अचानक खराब होने से कुछ यात्राओं को समय से पहले समाप्त करना पड़ा।
नीती और माणा घाटी का अनूठा सौंदर्य
भारत-चीन सीमा से लगे नीती और माणा घाटी में भी बर्फबारी की सफेद चादर लहराने लगी है। यहाँ के पहाड़ी रास्ते, घास के मैदान और नदियों के किनारे बर्फ से ढक गए हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात आईटीबीपी और सेना के जवानों के लिए मौसम चुनौतीपूर्ण बन गया है। कई जगहों पर गलन इतनी ज्यादा है कि पानी जमने लगा है।
चमोली में शीतलहर का असर
चमोली जिले के दूर-दराज के पहाड़ी गांवों में सुबह से बर्फबारी और शीतलहर का असर साफ दिखाई दे रहा है। ग्रामीण अपने घरों में अलाव जलाकर ठंड से बचने की कोशिश कर रहे हैं। बाजारों में रौनक कम हो गई है और लोगों ने आवश्यक सामान पहले से ही जमा कर लिया है। स्थानीय निवासी बताते हैं कि इस बार ठंड अक्टूबर के शुरुआती दिनों में ही इतनी तेज हो गई है, जो पिछले कुछ वर्षों की तुलना में जल्दी है।
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गंगोत्री धाम की ऊंची चोटियां भी बर्फ से ढकी
उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री धाम की ऊंची चोटियों पर भी लगातार बर्फबारी हो रही है। मंदिर तक जाने वाले मार्ग पर मौसम का खासा असर पड़ा है। हालाँकि, अभी मार्ग सुचारू हैं, लेकिन मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि ऊँचाई वाले क्षेत्रों में अगले 24 घंटे तक बर्फबारी और बारिश जारी रह सकती है। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे यात्रा पर निकलने से पहले मौसम की जानकारी जरूर लें।
मौसम विभाग की चेतावनी और प्रशासन की तैयारी
मौसम विभाग ने संकेत दिए हैं कि इस सीजन में ठंड का असर पहले से ज्यादा रहेगा और समय से पहले बर्फबारी की शुरुआत हो गई है। चमोली, उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ जैसे जिलों के ऊँचाई वाले हिस्सों में अगले कुछ दिनों तक हिमपात और शीतलहर जारी रह सकती है। प्रशासन ने सभी पर्यटकों और स्थानीय लोगों से अपील की है कि मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों में बिना जरूरी कारण ऊँचाई वाले क्षेत्रों की यात्रा न करें। साथ ही, सेना और आईटीबीपी ने सीमावर्ती इलाकों में तैनात जवानों के लिए अतिरिक्त ऊनी वस्त्र और सर्दियों का सामान भेजना शुरू कर दिया है।
पर्यटन पर असर और उत्साह
जहां एक ओर लगातार हो रही बर्फबारी से सड़क यातायात और जनजीवन प्रभावित हुआ है, वहीं दूसरी ओर पर्यटन को बढ़ावा देने का काम भी कर रही है। देश भर से आने वाले बर्फ प्रेमियों और साहसिक खेलों के शौकीनों के लिए यह मौसम किसी तोहफ़े से कम नहीं है। होटल और गेस्ट हाउस बुकिंग में पहले से तेजी आ गई है, खासकर जोशीमठ, औली और बदरीनाथ के आस-पास के इलाकों में। इस बार की शुरुआती बर्फबारी ने देवभूमि उत्तराखंड के सौंदर्य को एक बार फिर जगमगा दिया है। मंदिरों की घंटियों के बीच गिरती सफेद बर्फ और घाटियों में फैली ठंडक ने इसे और भी अद्भुत बना दिया है।