हरिद्वार: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय परीक्षा एक बार फिर सुर्खियों में है। मेहनत और ईमानदारी की जगह शॉर्टकट अपनाने की कोशिश करने वाले खालिद नामक अभ्यर्थी ने न सिर्फ अपने भविष्य को दांव पर लगाया, बल्कि अपनी बहन को भी सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। बुधवार को हरिद्वार स्थित साइबर इंटेलिजेंस यूनिट (CIU) कार्यालय में चली लंबी पूछताछ में पूरा घटनाक्रम सामने आया, जिससे पेपर लीक प्रकरण की नई परतें खुलीं।
खेतों की आड़ से पहुंचा अंदर
पूछताछ में सामने आया कि परीक्षा वाले दिन खालिद मुख्य गेट से चेकिंग में पकड़े जाने से डर गया। वह नियत प्रवेश द्वार से न जाकर पीछे खेतों की ओर बने छोटे दरवाजे से परीक्षा केंद्र में घुसा। चालाकी यहीं से शुरू हुई। खालिद ने अपनी जुराब में आईफोन 12 मिनी मोबाइल छुपा रखा था, जो सिक्योरिटी जांच में पकड़ में नहीं आया।
फोटो खींचने में कामयाबी
जैसे ही परीक्षा शुरू हुई, खालिद ने मौका पाकर तीन पन्नों में दर्ज 12 प्रश्नों की तस्वीरें मोबाइल से खींच लीं। परीक्षा केंद्रों पर लगाए गए जैमर की वजह से तुरंत संदेश भेजना संभव नहीं था। मगर खालिद ने इस बाधा का भी समाधान ढूंढ लिया। वह बहाना बनाकर शौचालय गया और वहां से तस्वीरें बाहर घर में मौजूद मोबाइल पर भेज दीं।
बहन बनी कड़ी, पहुंची प्रोफेसर तक
घर पर मौजूद उसकी बहन को जैसे ही तस्वीरें मिलीं, उसने आगे उन्हें हल करने के लिए एक प्रोफेसर को फॉरवर्ड कर दिया। सवालों के जवाब हासिल करने की यह कोशिश अब पूरे खेल का हिस्सा बन गई। खालिद की यह साजिश जब जांच एजेंसियों की नजर में आई, तो पूरा परिवार मुश्किल में फंस गया। अब बहन को भी घटनाक्रम में शामिल पाए जाने के कारण गिरफ्तार किया गया है।
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उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय परीक्षा एक बार फिर सुर्खियों में है। मेहनत और ईमानदारी की जगह शॉर्टकट अपनाने की कोशिश करने वाले खालिद नामक अभ्यर्थी ने न सिर्फ अपने भविष्य को दांव पर लगाया, बल्कि अपनी बहन को भी सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। बुधवार को हरिद्वार स्थित साइबर इंटेलिजेंस यूनिट (CIU) कार्यालय में चली लंबी पूछताछ में पूरा घटनाक्रम सामने आया, जिससे पेपर लीक प्रकरण की नई परतें खुलीं।
खालिद की गलती, युवाओं के लिए सबक
खालिद की हरकत अब हजारों युवाओं के लिए चेतावनी की घंटी बन चुकी है। स्नातक स्तरीय परीक्षाएं वैसे ही युवा अभ्यर्थियों के भविष्य की दिशा तय करती हैं। ऐसे में अवैध तरीकों का सहारा लेना न केवल अपराध है, बल्कि पूरे परिवार की प्रतिष्ठा को दांव पर लगाने जैसा है। इस घटना ने यह साबित कर दिया कि ईमानदारी और कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता।
भविष्य पर सवाल
यह पेपर लीक कांड न केवल खालिद और उसकी बहन का करियर बरबाद कर गया, बल्कि आयोग की परीक्षाओं की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े कर रहा है। जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि इस नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल है और प्रोफेसर की भूमिका कितनी अहम है।