नेपाल: नेपाल की सियासत इस वक्त गहरे संकट में है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के खिलाफ देशभर में छात्रों का गुस्सा चरम पर है। लगातार दूसरे दिन दर्जनों जिलों में हुए उग्र प्रदर्शनों ने सत्ता के गलियारों में हलचल मचा दी है। कई जगहों पर हिंसा और झड़पों की खबरें सामने आई हैं। मामले को और गंभीर तब बना दिया जब नेपाली मीडिया रिपोर्ट्स ने दावा किया कि प्रधानमंत्री ओली इलाज के बहाने दुबई जा सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, पीएम के नज़दीकी हलकों में विदेश यात्रा की तैयारी को लेकर चर्चा तेज हो गई है। यह खबर ऐसे समय आई है, जब छात्र और आम लोग प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
सरकार पर संकट और मंत्रियों का इस्तीफा
प्रदर्शनों के दबाव के बीच नेपाली सरकार लगभग बिखरती नजर आ रही है। गृहमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और कृषि मंत्री समेत 10 मंत्रियों ने एक साथ इस्तीफा दे दिया है। यह कदम सरकार की पकड़ कमजोर होने और आंतरिक असंतोष का स्पष्ट संकेत माना जा रहा है। बावजूद इसके, प्रदर्शनकारियों का गुस्सा शांत नहीं हो रहा और उनकी एक ही मांग है – प्रधानमंत्री ओली का इस्तीफा।
ओली के इस्तीफे की मांग क्यों तेज?
ओली सरकार पर हाल के महीनों में भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और छात्र-विरोधी नीतियों को लेकर गंभीर आरोप लगते रहे हैं। विश्वविद्यालयों में सीटों के बंटवारे से लेकर प्रशासनिक नीतियों तक, छात्रों ने बार-बार सरकार का विरोध किया है। लेकिन सरकार की अनदेखी ने आंदोलन को और बड़ा बना दिया।
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केपी शर्मा ओली ने पीएम पद से दिया इस्तीफा
नेपाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ युवाओं के प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। जानकारी के मुताबिक राजधानी समेत पूरे देश में बढ़ते विद्रोह के कारण पीएम केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दिया है। जिसे राष्ट्रपति की तरफ से स्वीकार कर लिया गया है। वहीं इससे पहले हिंसक विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए पीएम ओली ने सर्वदलीय बैठक भी बुलाई थी।
दुबई यात्रा की अटकलें
ओली द्वारा देश छोड़ने और दुबई जाने की अटकलों ने राजनीतिक हलचल को और बढ़ा दिया है। भले ही इसे स्वास्थ्य उपचार से जोड़कर प्रस्तुत किया जा रहा हो, लेकिन विरोधियों का आरोप है कि प्रधानमंत्री आंदोलन की आग से बचने के लिए विदेश जाने का रास्ता तलाश रहे हैं।
आगे की स्थिति
नेपाल इस वक्त चौराहे पर खड़ा है। एक तरफ उग्र होते छात्र आंदोलन और जनता का दबाव है, तो दूसरी ओर सत्ता बचाने की जद्दोजहद में लगी सरकार खड़ी है। यदि प्रधानमंत्री ओली वास्तव में विदेश जाते हैं, तो यह देश की स्थिरता पर गहरा असर डाल सकता है। प्रदर्शनकारी इसे “भागने की कोशिश” करार दे सकते हैं, जिससे आंदोलन और भड़क सकता है। नेपाल का आने वाला समय इस बात पर निर्भर करेगा कि पीएम ओली आंदोलन का सामना करके देश में रहते हैं या स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर विदेश जाते हैं। दोनों ही स्थितियां नेपाल की राजनीति में बड़े बदलाव की ओर इशारा कर रही हैं।