हल्द्वानी: हल्द्वानी शहर में घटित एक चौंकाने वाली घटना ने स्थानीय लोगों को हैरान कर दिया है। मामला न केवल सामाजिक रिश्तों की नाजुकता का प्रतिबिंब है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा करता है कि विश्वासघात का बोझ परिवार और बच्चों पर किस हद तक भारी पड़ सकता है। राजपुरा क्षेत्र की रहने वाली एक 40 वर्षीय महिला अपने पति को छोड़कर उसकी ही जिगरी दोस्ती का दावा करने वाले शख्स के साथ फरार हो गई। इतना ही नहीं, महिला अपनी 10 साल की बेटी को भी साथ ले गई, जिससे स्थिति और जटिल हो गई है।
पति ने थाने में लगाई गुहार
घटना का खुलासा तब हुआ जब महिला के पति ने अचानक अपने घर से पत्नी और बेटी के गायब होने की सूचना दर्ज कराई। पीड़ित पति को संदेह है कि उसकी पत्नी उसके विशेष मित्र के साथ गई है। पीड़ित ने बताया कि उसे लंबे समय से इस दोस्त पर संदेह रहा था, लेकिन उसने कभी सोचा भी नहीं था कि मामला इस हद तक पहुँच जाएगा।
पति का कहना है कि उसकी पत्नी और मित्र के बीच कुछ समय से नज़दीकियाँ बढ़ रही थीं, किन्तु उसने विश्वासघात का ख्याल झूठी आशंका मानकर नज़रअंदाज़ कर दिया। अब जब उसकी आशंकाएँ सच में बदल गईं, तो उसने सबसे पहले नजदीकी थाने में जाकर पुलिस से मदद की गुहार लगाई।
पुलिस ने दर्ज की गुमशुदगी
पुलिस ने पति की तहरीर पर महिला और बच्ची की गुमशुदगी दर्ज कर तलाश शुरू कर दी है। जांच की शुरुआती जानकारी में शक की सुई पति के दोस्त पर ही टिकी है। पुलिस उसके ठिकानों पर निगरानी कर रही है और आसपास के क्षेत्रों में खोजबीन की जा रही है। साथ ही रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और अन्य प्रमुख स्थानों पर भी नज़र रखी जा रही है।
सामाजिक दृष्टि से संवेदनशील मामला
यह घटना सिर्फ एक घर-परिवार की समस्या नहीं, बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी बेहद संवेदनशील है। एक ओर पति का दोस्ती पर से भरोसा टूट गया है, तो दूसरी ओर एक मासूम बच्ची का भविष्य भी दांव पर लग गया है।
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40 वर्षीय महिला का यह कदम कई सवाल खड़े करता है—
- क्या यह मात्र व्यक्तिगत स्तर पर लिया गया फैसला था?
- क्या महिला वाकई नए जीवन की तलाश में थी या परिस्थिति उसे मजबूर कर गई?
- और सबसे अहम, बच्ची की मानसिक स्थिति पर इसका क्या असर पड़ेगा?
- रिश्तों का बदलता स्वरूप
पति-पत्नी के रिश्ते आपसी समझ और भरोसे पर खड़े होते हैं। जब इनमें से कोई एक तत्व कमजोर पड़ता है, तो रिश्ते दरारों में बदल जाते हैं। इस मामले में विश्वासघात सिर्फ वैवाहिक संबंधों तक सीमित नहीं था, बल्कि दोस्ती जैसी पवित्र भावनाओं को भी आहत कर गया।
बच्ची पर असर
सबसे ज्यादा प्रभावित होने का खतरा 10 वर्षीय बच्ची पर है, जिसे अभी अपने भविष्य की दिशा तय करनी है। एक तरफ मां का साथ, दूसरी ओर पिता का टूटता हुआ भरोसा—इन दोनों के बीच बच्ची की मानसिक स्थिति बेहद गंभीर हो सकती है। मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि माता-पिता के बीच दरार बच्चों पर गहरी छाप छोड़ती है, और यह उन्हें भावनात्मक असुरक्षा और सामाजिक असहजता की ओर धकेल सकती है।
पुलिस की भूमिका और आगे की कार्रवाई
पुलिस इस मामले को गंभीरता से देख रही है। महिला और उसके साथ गए व्यक्ति के ठिकाने का पता लगाने के लिए तकनीकी सर्विलांस और स्थानीय स्रोतों का सहारा लिया जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही दोनों का पता लगाया जाएगा ताकि बच्ची की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। अगर महिला की मर्जी से यह कदम उठाया गया है, तो मामला अलग दिशा ले सकता है। वहीं अगर किसी तरह का दबाव या छल सामने आता है, तो कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।