मनोरंजन डेस्क: प्रिया मराठे, मराठी और हिंदी टेलीविजन की लोकप्रिय अभिनेत्री, का निधन हो गया। सिर्फ 38 वर्ष की उम्र में उनका असामयिक निधन होने से मनोरंजन जगत के साथ ही उनके करोड़ों प्रशंसकों को गहरा सदमा पहुंचा है। प्रिया ने अपने अभिनय की साधना से मराठी और हिंदी धारावाहिकों में खास पहचान बनाई, लेकिन उनका जीवन कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझते हुए अचानक खत्म हो गया। उनका जाना एक अपूरणीय क्षति है, जिसने उनके परिवार, दोस्तों और फैंस के दिलों में गहरी उदासी छोड़ दी है।
प्रारंभिक जीवन और करियर
प्रिया का जन्म 23 अप्रैल 1987 को मुंबई में हुआ था, जहां उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की। एक्टिंग में करियर बनाने वाले कई कलाकारों की तरह, प्रिया ने भी अपने सपनों को सच करने के लिए कड़ी मेहनत की और कई लोकप्रिय टीवी शो और मराठी मालिका में काम किया। उनका डेब्यू मराठी धारावाहिक या सुखांनो या से हुआ था, फिर उन्होंने हिंदी टीवी जगत में भी पावं जमाया। प्रिया “पवित्र रिश्ता,” “कसम से,” “साथ निभाना साथिया,” “तू तीथे मी” जैसे प्रसिद्ध धारावाहिकों का हिस्सा रहीं। उनके अभिनय की सहजता, भावपूर्ण प्रस्तुति और प्राकृतिक अंदाज से दर्शकों का मन मोह लिया था।
प्रिया का निजी जीवन भी शांत और सामान्य था। उन्होंने 2012 में अभिनेता शांतनू मोघे से शादी की थी। वे अपने परिवार के साथ एक साधारण और सुखी जीवन बिताती थीं। प्रिया की सोशल मीडिया पर भी काफी फैन फॉलोइंग थी, जहां वे अपने जीवन के खूबसूरत पलों को साझा करती थीं।
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परंतु, यही जिंदगी एक कठिन दौर से गुजरी जब प्रिया को कैंसर का पता चला। लगभग दो साल तक इस भयंकर बीमारी से जूझने के बाद भी उनके स्वास्थ्य में सुधार नहीं हो पाया। फिर भी, उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी एक्टिंग जारी रखने की कोशिश की। “तुझेच मी गीत गात आहे” उनकी आखिरी मराठी मालिका थी, जिसमें उन्होंने मोनिका कामत की भूमिका निभाई थी। परंतु तब उनकी सेहत बिगड़ने लगी, और अंततः उन्हें इस शो को छोड़ना पड़ा।
कैंसर से जंग
कैंसर, एक चुनौतीपूर्ण और खतरनाक बीमारी है, जिसने प्रिया की जिंदगी को बड़ी तेजी से प्रभावित किया। विशेषज्ञों के अनुसार, महिलाओं में कैंसर के कई कारण होते हैं जैसे अनुवांशिकता, गलत जीवनशैली, निरंतर तनाव, प्रदूषण, असंतुलित आहार आदि। हालांकि कैंसर के कई प्रकार होते हैं, प्रिया को किस प्रकार का कैंसर था, इस बारे में मीडिया में स्पष्ट जानकारी नहीं आई। फिर भी यह बात सार्वजानिक हुई कि वे एक लंबी और कठिन लड़ाई लड़ती रहीं।
प्रिया मराठे की यह लड़ाई केवल शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक मजबूती की भी मिसाल रही। बीमारी के दौरान भी उन्होंने सकारात्मकता बनाए रखी और अपने फैंस के साथ अपनी स्थिति साझा की। वे चाहती थीं कि लोग इस बीमारी से डरें नहीं, बल्कि समय-समय पर जांच कराकर खुद का ख्याल रखें।
श्रद्धांजलि और यादें
उनके निधन पर मराठी और हिंदी मनोरंजन उद्योग के कलाकारों तथा उनके प्रशंसकों ने दुख व्यक्त किया। सोशल मीडिया पर उनकी यादें और तस्वीरें वायरल हुईं, जिसमें उनके चाहने वाले उनके लिए श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे थे। प्रिया मराठे का जाना एक ऐसी खाली जगह छोड़ गया है, जिसे भर पाना संभव नहीं दिखता।
उनकी जिंदगी ने यह सिखाया कि चाहे स्थिति कितनी भी कठिन क्यों न हो, सरलता और गरिमा के साथ जीवन जिया जा सकता है। प्रिया का घर, जो उन्होंने अपने हाथों से सजाया था, उनके व्यक्तित्व की छवि प्रस्तुत करता था—सरल, प्राकृतिक और प्रेमपूर्ण। हर कोना उनकी मुस्कान और आत्मीयता की गवाही देता था।