#SSCVendorFailure: एसएससी के नए वेंडर की असफलता पर छात्रों का डिजिटल विरोध
हाल ही में ट्विटर पर #SSCVendorFailure नाम का एक हॉट ट्रेंड उभरा है, जो एसएससी (Staff Selection Commission) की परीक्षाओं में नए वेंडर की गंभीर असफलताओं के खिलाफ छात्रों की नाराजगी एवं डिजिटल विरोध की कहानी बयान करता है। लाखों छात्र इस हैशटैग के जरिये अपनी समस्याएं, अनुभव और मांगें शेयर कर रहे हैं। यह ट्विटर ट्रेंड 26 जुलाई 2025 को शीर्ष पर पहुंच चुका है। आइये जानते हैं विस्तार से :-
वेंडर बदलाव और उसके बाद की स्थितियां
इस साल, एसएससी ने अपने परीक्षा कंडक्टिंग वेंडर के तौर पर वर्षों से विश्वासपात्र रहे TCS (Tata Consultancy Services) की जगह नई कंपनी Eduquity Career Technologies को चुना। पर यह निर्णय छात्रों के लिए भारी परेशानी लेकर आया।
24 जुलाई 2025 को शुरू हुए SSC Selection Post Phase 13 की परीक्षा में तकनीकी और प्रशासनिक असफलताएं देखने को मिलीं, जैसे:
- कई परीक्षा केंद्रों पर परीक्षाएं रद्द करनी पड़ीं
- ऑनलाइन सिस्टम क्रैश होना
- बायोमेट्रिक व लॉगिन समस्याएं
- अव्यवस्थित केंद्र व्यवस्थापन
- उम्मीदवारों को शहरों से दूर दर्जनों किलोमीटर दूर परीक्षा केंद्रों में जगह दी गई
उदाहरण के तौर पर, पवन गंगा एजुकेशनल सेंटर 2 पर 24 से 26 जुलाई तक सारी परीक्षाएं प्रशासनिक कारणों से स्थगित कर दी गईं, जबकि हुबली का एजुकासा इंटरनेशनल केंद्र तकनीकी खराबी की वजह से पहली शिफ्ट स्थगित रहा।
छात्रों की मुख्य शिकायतें
- परीक्षा केंद्र का दूर होना: कई उम्मीदवारों को 500 से 700 किलोमीटर दूर के केंद्रों पर बैठाया गया, जिससे न सिर्फ यात्रा खर्च बढ़ा बल्कि उनकी तैयारी प्रभावित भी हुई।
- तकनीकी परेशानियां: कंप्यूटर, माउस-कीबोर्ड, सर्वर क्रैश व बायोमेट्रिक समस्याए परीक्षा से पहले व दौरान कई बार दिक्कत पैदा कर रहीं थी।
- अपर्याप्त परीक्षा केंद्र अवसंरचना: कई केंद्रों पर एयर कंडीशनिंग ठीक न होना, पंखे न चलना, और उचित बैठने के इंतजामों का अभाव विद्यार्थियों के लिए असुविधाजनक रहा।
- सुरक्षा में चूक: परीक्षा हॉल के अंदर की तस्वीरें बाहर आने जैसी घटनाएं सुरक्षा मानकों की पोल खोल रही हैं।
छात्रों की मांगें
- TCS को पुनः परीक्षा वेंडर बनाना: छात्रों का कहना है कि TCS के साथ परीक्षा सुचारू रूप से होती थी, इसलिए उसी को वापस लाया जाए।
- Eduquity का अनुबंध रद्द करना: नए वेंडर की सेवाओं को पूरी तरह असफल मानते हुए उनकी ज़िम्मेदारी खत्म की जाए।
- परीक्षा केंद्रों का नजदीक आवंटन और यात्रा के अतिरिक्त खर्च का मुआवजा।
- एसएससी प्रशासन में सुधार और पारदर्शिता लाना।
डिजिटल आंदोलन और सोशल मीडिया प्रभाव
ट्विटर पर #SSCVendorFailure के अलावा #ReformSSC, #SSCMisManagement, #ssc_jawab_do, और #we_want_TCS जैसे हैशटैग भी तेजी से ट्रेंड कर रहे हैं। छात्र ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर विरोध के लिए मीम्स, प्रोटेस्ट रील्स और जागरूकता अभियान चला रहे हैं। यह आंदोलन केवल सोशल मीडिया तक सीमित नहीं रहकर देशभर में फैल चुका है।
TCS और Eduquity: एक तुलना
- TCS: 2018 से 2024 तक बिना बड़ी दिक्कत के लाखों छात्रों की परीक्षाएं सफलतापूर्वक करवाईं। उनके द्वारा परीक्षा केंद्रों की बेहतर व्यवस्था, तकनीकी सपोर्ट और विश्वसनीयता साबित हुई।
- Eduquity: इस कंपनी का रिकॉर्ड विवादों से भरा रहा है, जिसमें विभिन्न राज्यों में पेपर लीक और सिस्टम फेलियर्स पहले भी सामने आ चुके हैं। एसएससी परीक्षा में अनुभव की कमी ने हालात और खराब कर दिए।
सोशल मीडिया और डिजिटल अभियान
- Twitter पर #SSCVendorFailure के साथ-साथ #ReformSSC, #we_want_TCS भी ट्रेंड कर रहे हैं।
- Instagram, YouTube, Telegram आदि प्लेटफॉर्म्स पर वीडियो-अवारनेस, रील्स व मीम्स के जरिए विरोध हो रहा है।
- यह विरोध सिर्फ सोशल मीडिया तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे देश में छात्रों में नाराजगी फैली है।
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विशेषज्ञ और शिक्षकों की प्रतिक्रिया
शिक्षा विशेषज्ञ और लोकप्रिय यूट्यूब शिक्षक गागन प्रताप ने इस बदलाव की कड़ी आलोचना की है। उनका मानना है कि “TCS के जमाने में प्रशासनिक व तकनीकी गड़बड़ियां इतनी गंभीर नहीं थीं।” उन्होंने एसएससी से जल्दी सुधारात्मक कदम उठाने की सलाह दी है।
आगे की चुनौती और निष्कर्ष
अगर SSC स्थिति को जल्द नहीं सुधारता, तो छात्र SSC पर भरोसा खो सकते हैं और परीक्षाओं की निष्पक्षता पर सवाल उठा सकते हैं। यह आंदोलन सचेत करता है कि छात्रों की परेशानियों को अनदेखा करना अब भारी पड़ सकता है। SSC को पारदर्शिता, तकनीकी मजबूती और छात्रों के हित में त्वरित सुधारात्मक कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न आए।
यह खबर अपडेट होती रहेगी। SSC और छात्र आंदोलनों से जुड़ी ताजा जानकारी के लिए जुड़े रहें।