चंपावत: देवभूमि उत्तराखंड अब बड़े पैमाने पर नशीले पदार्थों की तस्करी का अड्डा बनते जा रहा है, हाल ही में सामने आए एक सनसनी खबर ने सुरक्षा एजेंसियों को चौकन्ना कर हिला के रख दिया है। आपको बता दें कि चंपावत जिले के बनबसा थाना क्षेत्र में एक महिला के पास से भारी मात्रा में मिथाइलीन डाइऑक्सी मेथैम्फेटामाइन (एमडीएमए) ड्रग्स बरामद की गई है। इस गिरफ्तारी से यह संकेत मिलते हैं कि नशे का कारोबार अब सीमावर्ती इलाकों तक गहराई से फैल चुका है।
पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया। यह महिला अंतरराष्ट्रीय बाजार में करीब 10 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की एमडीएमए ड्रग्स लेकर जा रही थी। यह ड्रग आमतौर पर मेट्रो शहरों में रेव पार्टियों के दौरान इस्तेमाल की जाती है, जो युवाओं में तेजी से लोकप्रिय होती जा रही है।
एमडीएमए को मौली, एमडी, म्याऊ-म्याउ, वाइट पाउडर, एम केट, एक्स्टसी के नाम से भी जाना जाता है। यह एक सिंथेटिक ड्रग है जो मेथाम्फेटामाइन जैसे उत्तेजक पदार्थ के समान है। इसका प्रभाव कोकीन की तरह होता है। इसका उपयोग बड़े शहरों में और क्लबों में किया जा रहा है। महंगे ड्रग्स के विकल्प के रूप में इसका प्रयोग नशे के लिए काफी किया जा रहा है। बड़े और मेट्रो पोलिटन शहरों में इसकी मांग लगातार बढ़ रही है। यह ड्रग पश्चिमी देशों में युवाओं के बीच लोकप्रिय है। भारत में क्लब कल्चर में इसका उपयोग बढ़ रहा है।
आरोपी के विरुद्ध थाना बनबसा में अभियोग पंजीकृत कर अग्रिम कार्यवाही की जा रही है । महिला ने स्वीकार किया कि बरामद एमडीएमए को उसका पति राहुल कुमार व उसका सहयोगी कुनाल कोहली विगत 27 जून को पिथौरागढ़ से लाए थे। दोनों ठाणे (मुम्बई) में पंजीकृत एक अभियोग में वांछित हैं। वह बरामद माल को शारदा नहर में फेंकने जा रही थी। आईजी ने बताया कि एमडीएमए एक सिंथेटिक ड्रग्स है और इसे मौली या एक्स्टसी भी कहा जाता है।
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