ज्यादातर लोग आजकल सोशल मीडिया इस्तेमाल करते हैं । रील्स देखते हैं और कई देशों में TIKTOK चलाते हैं। इसलिए ऐसे दिमाग को कहा जाता है “TIKTOK Brain” क्योंकि उनका दिमाग मोबाईल की तरफ बार – बार भागता है।
TikTok Brain क्या है?
आइए जाने ऐसा क्यों होता है? इसका हमारे दिमाग पर क्या असर पड़ता है? ” “TIKTOK Brain“” शब्द बताता है कि कैसे ये ऐप्स हमारे ध्यान केंद्रित करने की क्षमता (attention span) को कम कर देते हैं और दिमाग को जल्दी-जल्दी आनंद (dopamine)की आदत लग जाती है।
TikTok Brain के लक्षण :-
- ध्यान कम लगना (Short Attention Span):
- कुछ समय तक भी किसी एक चीज़ पर ध्यान नहीं लगा पाते, हर समय नया कंटेंट चाहिए।
- धैर्य की कमी (Lack of Patience):
- लंबी बातें, किताबें या वीडियो बोरिंग लगने लगती हैं।
- हर समय फ़ोन चेक करने की आदत
- बार-बार TikTok, Reels या Shorts खोलना — बिना किसी कारण।
- मल्टीटास्किंग की आदत, एक साथ कई काम करना और कोई भी ठीक से न कर पाना।
- मन अशांत रहना (Mental Restlessness):
- शांत बैठना मुश्किल हो जाता है, हमेशा कोई नया “thrill”चाहिए।
ब्रेन रिसर्चर कहते हैं कि – हमारा दिमाग हमेशा भटकाव की तलाश में रहता है और ये जरूरी भी हो सकता है जैसे खतरा, नया मौका, दिमाग इनमें लगातार सुधार की स्थिति में देखता है। लेकिन अब ध्यान भटकाने वाली चीजें बदल रही हैं और इतनी मात्रा में हैं कि खत्म ही नहीं होती।
हमारा दिमाग इन्हें रोकना तो चाहता है लेकिन फिर भी इनका अंत नहीं होता। थोड़ी देर तक तो इसका मजा आता है एप्स या विडिओ देखते हुए लेकिन दूसरे ही सेकंड हम दूसरी दूसरी विडिओ पर चले जाते हैं और इन्हें इन्जॉय भी नहीं कर पाते हैं, जैसे किसी फिल्म को करते हैं।
बच्चों पर इसका असर :-
- पढ़ाई में मन नहीं लगता।
- किताबें या लम्बे लेख पढ़ने में परेशानी।
- चिड़चिड़ापन और बेचैनी।
- असली दुनिया की चीज़ों में रुचि कम हो जाना।
रिसर्च बताती हैं कि अत्यधिक इनफार्मेशन से ध्यान, याददाश्त और धैर्य पर बुरा असर पड़ता है। किसी बच्चे के दिमाग के लिए इससे बुरा और क्या हो सकता है कि उसे एक स्क्रीन के सामने बीठा दिया जाए। डिजिटल डिवाइस बच्चों को खुद से सोचना नहीं सीखाते, उनकी सोचने की स्पीड विडिओ पर निर्भर करती है। लेकिन खेलने में उनकी सोचने की रफ्तार अहम होती है।
जो स्कूल PISA टेस्ट में अच्छा करते हैं। वहाँ प्राइवेट फोन बन होते हैं या किये जा रहे हैं। अगर देखें तो स्कूल में फोन ले जाने का क्या फायदा है, इससे नुकसान से ज्यादा कुछ नहीं है। यदि मान लिया जाए दिमाग 20 की उम्र में तक मिच्योर होता है तो इन एप्स या विडिओ को देखना बच्चों के लिए नुकसानदायक है क्योंकि वह सही गलत का फरक अभी नहीं कर पते हैं । ये कुदरती तौर पर नामुमकिन है ।
ये बड़ों के लिए भी मुश्किल है कई लोग ये ध्यान नहीं दे पते की फोन कितनी देर चलाया । डॉक्टर बताते हैं कि वीडियोज़ देखते समय दिमाग में इनफार्मेशन प्रोसेस करने वाले हिस्से खुद को मॉनिटर नहीं कर पाते और हमें एहसास ही नहीं हो पाता कि हम कितनी देर से फोन देख रहे हैं और कंट्रोल खो देते हैं।
सोशल मीडिया कॉम्पनियों को फायदा :-
सोशल मीडिया कॉमपियों को इनका फायदा होता है वो इससे सीधा मुनाफा कमाते हैं। ऐप्स आपकी पसंद, व्यवहार, देखने का समय, रुचियां सब रिकॉर्ड करते हैं। इस डेटा को इस्तेमाल करके वे आपको “बिल्कुल आपके मन का विज्ञापन” दिखाते हैं — जिसे देखकर आप जल्दी कुछ खरीद सकते हैं। कंटेन्ट राइटर इस पर अपनी राय रखते हैं । कई लोग प्रोत्साहन व प्रेरणा देने वाली वीडियोज़ या ब्लॉग बनाते हैं।
वे स्वयं भी सोशल मीडिया पर अधिक व्यक्त बिताते हैं देखने के लिए कि आजकल ज्यादा क्या ट्रेंड कर रहा है । एल्गोरिथ्म प्लेटफॉर्म तेजी से बदलते हैं। क्रीऐटर बताते हैं कि अनुशासन बनाए रखना बेहद जरूरी है ।
आपको पता होना चाहिए की आप सोशल मीडिया पर क्यूँ हैं सर्च के लिए या समय बिताने के लिए सोशल मीडिया काम का भी हो सकता है और प्रेरणा भी दे सकता है। ज्यादातर समय की बर्बादी भी कहा जा सकता है और लोग इसका शिकार और गुनहगार दोनों हैं।
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इससे कैसे बचें? बचाव के उपाय :
- मोबाइल इस्तेमाल की सीमा तय करें:
- रोज़ के उपयोग के लिए टाइम लिमिट सेट करें।
- ध्यान बढ़ाने वाले काम करें:
- किताब पढ़ें, योग करें, ध्यान लगाएं।
- शॉर्ट वीडियो से दूरी बनाएं:
- रोज़-रोज़ रील्स या शॉर्ट्स न देखें।
- नोटिफिकेशन बंद करें:
- ताकि बार-बार ध्यान न भटके।
- धीरे-धीरे Long Form कंटेंट की आदत डालें:
- जैसे Podcasts सुनना, लेख पढ़ना, या डॉक्यूमेंट्री देखना।
आदतें बदली जा सकती हैं । एक टिप है
- वक्त बिताने के लिए कुछ ऐसा करें जिसमें फोन लॉकर में रखना पड़े जैसे स्पोर्ट्स या एक्सरसाइज़ और खुद पर ध्यान देते हुए सोचना जरूरी है।
- क्या आप ब्रश करते हुए फोन चलाते हैं तो उसकी जगह पैरों की एक्सर्साइज़ कर सकते हैं ।
- फोन की जगह अलार्म घड़ी इस्तेमाल करें ।
- सुबह – शाम कम से कम 15 मिनट किताब पढ़ें बिना स्क्रीन, बिना मल्टीटासकिन्ग के।
आदत बदलने में 8 से 12 हफ्ते लगते हैं । TikTok Brain का बस एक ही तो इलाज है और वो है “अनुशासन”।