देहरादून: उत्तराखंड में लंबे समय से शुष्क मौसम के बाद अब एक बार फिर ठंड बढ़ने के संकेत मिलने लगे हैं। मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून की मानें तो राज्य में चार दिसंबर से मौसम का रुख बदल सकता है। इस दौरान उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ जिलों के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश होने की संभावना जताई गई है, जबकि ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी के भी आसार नजर आ रहे हैं।पिछले कुछ सप्ताहों से राज्य में तापमान सामान्य से ऊपर बना हुआ था और बारिश या बर्फबारी का नामोनिशान नहीं था। इससे जहां खेतों में नमी की कमी महसूस की जा रही थी, वहीं पर्यटक स्थलों में भी चहल-पहल कुछ कम दिखाई दे रही थी। लेकिन आगामी दिनों में पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना जताई गई है, जिससे मौसम का मिजाज बदल सकता है और पहाड़ों में बर्फ की सफेद चादर बिछ सकती है।
पश्चिमी विक्षोभ देगा दस्तक
मौसम विज्ञानियों के अनुसार, चार दिसंबर से पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर और हिमाचल के साथ ही उत्तराखंड के ऊपरी हिस्सों को प्रभावित करेगा। इसका असर मुख्य रूप से राज्य के पर्वतीय जिलों में देखने को मिलेगा। उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ जिलों के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश और ऊंचाई वाले क्षेत्रों, विशेष रूप से बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब, औली, मुनस्यारी और धारचूला जैसे स्थानों पर बर्फबारी की संभावना है।मौसम विभाग ने यह भी संकेत दिए हैं कि 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी के दौरान तापमान में भारी गिरावट दर्ज की जा सकती है। इससे राज्य के अन्य हिस्सों में भी ठंड का असर बढ़ेगा, और मैदानों में कोहरा और ठंडी हवाएं महसूस होने लगेंगी।
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किसानों को राहत, पर्यटकों के लिए उत्साह की खबर
राज्य के किसान लंबे समय से बारिश का इंतजार कर रहे थे ताकि उनकी रबी फसलों को नमी मिल सके। बारिश और बर्फबारी से तापमान में गिरावट के साथ खेतों में राहत की उम्मीद जगी है। खासकर गेहूं, मसूर और सरसों की फसलों के लिए यह बारिश वरदान साबित हो सकती है।वहीं, पर्यटन उद्योग के लिए भी यह खबर उम्मीद की किरण लेकर आई है। औली, मुनस्यारी, धनोल्टी और चोपता जैसे पर्यटन स्थलों पर सर्दियों में बर्फबारी का अपना अलग आकर्षण होता है। जैसे ही बर्फबारी शुरू होगी, स्थानीय होटल व्यवसायियों और पर्यटक गाइडों में भी उत्साह बढ़ेगा।
सात दिसंबर तक रहेगा असर
मौसम विज्ञान केंद्र की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, यह सक्रियता सात दिसंबर तक बनी रह सकती है। इस दौरान कुछ इलाकों में बादल छाए रहने और ठंड में और बढ़ोतरी की संभावना है। मैदानों में हल्का कोहरा छाने से यातायात पर भी हल्का असर पड़ सकता है।देहरादून, हरिद्वार और अन्य मैदानी इलाकों में हालांकि भारी बारिश की संभावना नहीं है, लेकिन ठंडी हवाओं का असर जरूर महसूस होगा। राजधानी देहरादून में अधिकतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 9 डिग्री तक रिकॉर्ड किया जा सकता है। इसी तरह, पिथौरागढ़ और चमोली जैसे इलाकों में तापमान शून्य डिग्री के करीब पहुंच सकता है।
प्रशासन ने जारी की सावधानी सलाह
मौसम विभाग ने स्थानीय प्रशासन और यात्रियों को सतर्क रहने की सलाह दी है। ऊंचाई वाले इलाकों में यात्रा करने वाले लोगों को मौसम की नियमित जानकारी लेते रहने की बात कही गई है, ताकि फिसलन भरी सड़कों और बर्फ से ढके मार्गों से बचा जा सके।बर्फबारी के साथ ही बिजली और संचार सेवाओं पर भी असर पड़ने की संभावना रहती है। इसलिए पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों से आवश्यक सावधानियां बरतने और जरूरी वस्तुओं का भंडारण करने की अपील की गई है।
