अल्मोडा: उत्तराखंड राज्य के माध्यमिक विद्यालयों में सरकार द्वारा प्रधानाचार्य पदों पर सीधी भर्ती परीक्षा को निरस्त करवाने तथा शत-प्रतिशत पदों को पदोन्नति से भरने की मांग को लेकर राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड सरकार व विभाग से आर पार की लड़ाई के मूड में आ गया है। वही इसी के साथ इस बार प्रदेश में राजकीय शिक्षक संघ से जुड़े शिक्षक-शिक्षिकाएं शिक्षक दिवस नहीं मनाएंगे। वह 5 सितंबर को अपने-अपने विद्यालयों में प्रधानाचार्य सीधी भर्ती का काला फीता बांधकर विरोध करेंगे। साथ ही 6 सितंबर को अवकाश लेकर जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन करेंगे।
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अशासकीय विद्याल्यो में कार्यरत मानदेय प्राप्त PTA शिक्षको ने सरकार के प्रति रोष व्यक्त करते हुए कहा कि वे शिक्षक दिवस नहीं मनाएंगे तथा बाँह पर काली पट्टी बाँधकर विरोध व्यक्त करेंगे। ज्ञातव्य हो कि राज्य के अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय में दे रहे विगत 10-15 वर्षों से अपनी सेरोय PTA शिक्षको को वर्ष 2016 में राजकोछ से र 10000/- प्रति माह मानदेय दिये जाने का शासनादेश जारी हुआ था। लगभग 8 वर्ष बीत जाने के पश्चात भी PTA शिक्षको के मानदेय न तो कोई बड़ोतरी की गई और न ही इन्हे तदर्थ नियुक्ति प्रदान की गयी, जबकि वर्ष 2019 से इन शिक्षको की तदर्थ नियुक्ति का प्रकरण शासन में गतिमान है। इन शिक्षको ने सरकार पर आरोप लगाते हुए राज्य के गैस्ट टिचरो का मानदेय 40000 करने की तैयारी हो रही है। शिक्षको द्वारा कहा गया कि हम लोगो के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है। सभी शिक्षको द्वारा कहा गया की अगर सरकार हमारी मांगों को पूरी नहीं करती है तो हम उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। इस बैठक में अध्यक्ष मुकेश चौधरी, उपाध्यक्ष विनय कुमार, सचिव नीलकंठ व्यास, सरक्षक मनोज कुमार, पवन, कपिल, मुकेश कुमार, सतीश, सोहन लाल, कमलेश कुमार, देवी सिंह, रूबी श्रुति गिरी संगीता, पूनम आदि मौजूद थे।
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