नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए दुर्घटना में जान गंवाने वाले मशहूर लोक गायक पवेंद्र सिंह उर्फ पप्पू कार्की के आश्रितों को 90 लाख रुपये से अधिक का मुआवजा देने के निर्देश जारी किए हैं। न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की एकलपीठ ने ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड की अपील को खारिज कर मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण (MACT) के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें पप्पू कार्की के परिवार को भारी मुआवजा देने का प्रावधान था। यह मामला उस दर्दनाक सड़क दुर्घटना से जुड़ा है जिसमें उत्तराखंड के लोक संगीत जगत के चर्चित कलाकार पप्पू कार्की की मौत हो गई थी। उनके निधन से न केवल परिवार को गहरा नुकसान पहुंचा बल्कि संगीत प्रेमियों के बीच भी शोक की लहर दौड़ गई।
दुर्घटना और मुआवजा दावा
पप्पू कार्की की मौत एक सड़क हादसे में हुई थी, जिसके बाद परिवार ने मुआवजा पाने के लिए मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण में याचिका दायर की। अधिकरण ने गायक के पेशेवर रिकॉर्ड, आमदनी और जीवन स्तर का अध्ययन करते हुए परिवार को 90 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया। हालांकि, बीमा कंपनी ने इस आदेश को चुनौती दी। उनकी दलीलें थीं कि गायक की आय को अधिक आंकलन किया गया और वाहन चालक की लापरवाही का कोई पुख्ता सबूत नहीं है।
उत्तराखंड हाईकोर्ट का निर्णय
न्यायमूर्ति आलोक मेहरा ने बीमा कंपनी की दलीलों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि गायक की आय और दुर्घटना में वाहन चालक की लापरवाही पर उठाए गए सवाल निराधार हैं। न्यायालय ने कहा कि दुर्घटना में गायक की आय का आकलन उनकी प्रतिभा, लोकप्रियता और पेशेवर कार्यों के आधार पर सही तरीके से किया गया है। साथ ही, वाहन चालक की लापरवाही भी इस हादसे की मुख्य वजह साबित हुई है। इसलिए, बीमा कंपनी की अपील को मंजूर नहीं किया गया और दुर्घटना दावा अधिकरण के फैसले को कायम रखा गया।
पप्पू कार्की का सांस्कृतिक योगदान
पप्पू कार्की उत्तराखंड के लोक संगीत के चमकते सितारे थे। उनकी मधुर आवाज़ और लोक गीतों की प्रस्तुति ने राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को मजबूती दी। उनके गीतों ने उत्तराखंड की लोक कलाएं और परंपराएं न केवल राज्य में, बल्कि देशभर में पहचानीं। उनकी असामयिक मृत्यु ने संगीत प्रेमियों के दिलों में गहरी छाप छोड़ी है। इस न्यायिक फैसले से उनके परिवार को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी और यह कलाकारों के सम्मान और अधिकारों की भी रक्षा करेगा।
फैसले का व्यापक महत्व
यह न्यायालय का फैसला कलाकारों, परिवारों और बीमा दावों के संबंध में एक मिसाल साबित होगा। यह साफ करता है कि बीमा कंपनियां बिना ठोस सबूत के मुआवजे से बच नहीं सकतीं, खासकर जब दुर्घटना में किसी की जान चली गई हो। साथ ही, यह पेशेवर कलाकारों की आय का सही आकलन करने का भी उदाहरण है, जिससे उनकी आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
उत्तराखंड हाईकोर्ट द्वारा पप्पू कार्की के परिवार को 90 लाख रुपये का मुआवजा देने का फैसला न्याय और संवेदना का प्रतीक है। यह न केवल उनके परिवार के लिए राहत लेकर आया है, बल्कि कलाकारों के सम्मान और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा। इस फैसले से यह संदेश भी जाता है कि जीवन की कीमत को न्यायालय किस प्रकार मानता है और बीमा कंपनियों के कर्तव्यों को गंभीरता से लेता है। पप्पू कार्की की यादें उनके गीतों में आज भी जीवित हैं, और यह न्याय उनके परिवार के लिए एक बड़ा संबल होगा।