चमोली: तहसील क्षेत्र में रविवार दोपहर एक शर्मनाक घटना प्रकाश में आई है, जिसमें सेना में सेवारत एक कर्मी पर स्थानीय किशोरी से छेड़छाड़ का आरोप लगा है। इस मामले ने क्षेत्रवासियों को आक्रोश और चिंता में डाल दिया है, खासकर तब जब घटना कथित रूप से सैन्य क्षेत्र के भीतर हुई है, जहां अनुशासन और सुरक्षा की अपेक्षा सबसे अधिक रहती है।
थानाध्यक्ष पंकज कुमार के अनुसार, पीड़िता के पिता ने थाने में लिखित तहरीर देकर घटना की पूरी जानकारी दी। तहरीर में बताया गया कि रविवार की दोपहर उनकी बेटी अपने पालतू कुत्ते को घूमाने के लिए घर से बाहर निकली थी। इसी दौरान आरोपित व्यक्ति ने उसे आवाज देकर बुलाया। किशोरी को अपने पास बुलाने पर उसने कहा कि वह कैंटीन का सामान दिखाना चाहता है और इस बहाने उसे अंदर ले गया। परिजनों का आरोप है कि कैंटीन के भीतर ले जाकर उसने किशोरी के साथ अश्लील हरकतें कीं। किशोरी ने किसी तरह साहस जुटाकर वहां से बाहर निकलकर घर पहुंचकर अपने परिवार को पूरी घटना बताई। घटना सुनते ही परिजन हैरान रह गए और तुरंत पुलिस थाने पहुंचकर मामले की शिकायत दर्ज कराई।
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थाने में केस दर्ज करने के बाद पुलिस ने पीड़िता का बयान लिया और मेडिकल जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जल्द ही आरोपित को हिरासत में लेकर पूछताछ की जाएगी। इस बीच आरोपित की पहचान सैन्य क्षेत्र में तैनात एक कर्मी के रूप में हुई है। स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर गहरा गुस्सा है। उनका कहना है कि सेना का नाम अनुशासन और ईमानदारी के लिए जाना जाता है, और ऐसे कर्मियों का आचरण इस सम्मान को कलंकित करता है। कई लोग यह भी सवाल उठा रहे हैं कि सैन्य क्षेत्र में आम नागरिकों की आवाजाही और सुरक्षा व्यवस्था पर सख्ती क्यों नहीं है।
घटना के बाद क्षेत्र में अभिभावकों के बीच भी सतर्कता बढ़ गई है। बच्चों को अकेले बाहर न भेजने और उन्हें अनजान लोगों के साथ बातचीत न करने की सलाह दी जा रही है। महिला संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इस पर नाराजगी जताते हुए कठोर कार्रवाई की मांग की है। थानाध्यक्ष पंकज कुमार का कहना है कि घटना की जांच प्राथमिकता के साथ की जा रही है और दोषी पाए जाने पर आरोपित के खिलाफ कानून के तहत सख्त धाराओं में कार्रवाई होगी। साथ ही, सैन्य अधिकारियों को भी सूचना भेजकर आवश्यक कदम उठाने को कहा जाएगा ताकि भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो। यह घटना न केवल सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है बल्कि यह भी संकेत देती है कि किसी भी संस्थान या पेशे में कुछ अपवाद ऐसे होते हैं जो अनुशासन की सीमाएं लांघते हैं। ऐसे मामलों में त्वरित और कठोर कार्रवाई ही समाज में सुरक्षा और न्याय का भरोसा बनाए रख सकती है।