प्रयागराज: देश में सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाने वाली UPSC (Union Public Service Commission) परीक्षा लाखों युवाओं का सपना है। यह परीक्षा न केवल उम्मीदवारों की अकादमिक क्षमता परखी जाती है, बल्कि उनके धैर्य, मानसिक मजबूती और जीवनशैली की भी परीक्षा बन जाती है। यही कारण है कि अक्सर खबरें आती रहती हैं कि तैयारी के दौरान कई अभ्यर्थी डिप्रेशन या असहज मानसिक हालात का शिकार हो जाते हैं। आज का एक मामला भी इसी से जुड़ा है, जिसमें एक UPSC छात्र ने खुद को इतना नुक़सान पहुंचाया कि लोग कारण जानकर हैरान रह गए।
घटना जिसने झकझोर दिया
जानकारी के अनुसार एक अभ्यर्थी ने मानसिक दबाव और असफलता के डर में अपने ही प्राइवेट पार्ट को इंजेक्शन लगाकर काट लिया। यह कदम इतना चौंकाने वाला और खतरनाक था कि आसपास के लोग सकते में आ गए। घटना के बाद तुरंत छात्र को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसकी गंभीर हालत देखते हुए तत्काल इलाज शुरू किया।
डॉक्टरों के मुताबिक, छात्र को गहरी चोट आई थी, लेकिन समय पर सही उपचार मिलने की वजह से उसकी जान बचा ली गई। हालांकि, यह मामला एक बार फिर इस बात की गवाही देता है कि UPSC परीक्षा की तैयारी के दौरान मानसिक दबाव युवाओं पर कितना हावी हो सकता है।
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आखिर क्यों उठाया इतना खतरनाक कदम?
परिवार और दोस्तों से मिली जानकारी के अनुसार, छात्र पिछले दो सालों से लगातार UPSC की तैयारी कर रहा था। शुरुआती असफलताओं के बाद उसका आत्मविश्वास डगमगाने लगा। आर्थिक तंगी, समाज की उम्मीदें और बार-बार की असफलता ने उसके मन पर गहरा प्रभाव डाला। ऐसे हालात में अकेलापन और खुद को लेकर असुरक्षा की भावना इतनी बढ़ गई कि उसने खुद को नुकसान पहुंचाने का कदम उठा लिया। यह दर्शाता है कि मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज करना कितना खतरनाक हो सकता है।
बढ़ता दबाव और समाज की अपेक्षाएँ
यह सच है कि UPSC जैसी बड़ी परीक्षा में कामयाबी पाने के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ता है। लेकिन कई बार परिवार और समाज की अपेक्षाएँ युवाओं पर बोझ बन जाती हैं। जब उम्मीदवार असफल होता है तो परिवार ही नहीं, बल्कि रिश्तेदार और समाज भी उसे जज करने लगता है। यही मानसिक दबाव कई बार आत्मघाती कदम उठाने की वजह बन जाता है।