रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड की पवित्र धरा केदारनाथ में उस वक्त मातम पसर गया जब रविवार सुबह तकरीबन 5:20 बजे एक हेलिकॉप्टर आसमान से आग के गोले की शक्ल में नीचे आ गिरा। हादसा उस वक्त हुआ जब आर्यन एविएशन का हेलिकॉप्टर यात्रियों को लेकर केदारनाथ मंदिर से गुप्तकाशी की ओर रवाना हुआ था। बीच रास्ते में मौसम की बेरुखी ने तबाही मचा दी और महज कुछ ही मिनटों में आसमान में उड़ी उम्मीदें राख हो गईं।
पायलट ने किया था आखिरी प्रयास, लेकिन कुदरत के सामने हार गया
घटना के चश्मदीद जिला पर्यटन विकास अधिकारी और हेली सेवा नोडल अधिकारी राहुल चौबे के मुताबिक, घाटी में अचानक मौसम खराब हो गया। पायलट ने हिम्मत नहीं हारी और हेलिकॉप्टर को सुरक्षित निकालने की कोशिश की। लेकिन तेज़ हवाएं, भारी कुहासा और बारिश ने उसे असफल कर दिया। देखते ही देखते हेलिकॉप्टर सीधे नीचे आ गिरा और क्रैश होते ही उसमें आग लग गई।
गौरीकुंड के जंगलों में मची चीख-पुकार, रेस्क्यू में जुटी SDRF-NDRF
हेलिकॉप्टर क्रैश की खबर मिलते ही आसपास के ग्रामीण, SDRF और NDRF की टीमें मौके पर पहुंची। लेकिन जब तक टीम पहुंचती, तब तक हेलिकॉप्टर जलकर खाक हो चुका था। शवों की हालत इतनी बुरी थी कि पहचान कर पाना मुश्किल हो गया। राहत कार्य में लगे जवानों के मुताबिक, जलते मलबे में से शवों को निकालना बेहद चुनौतीपूर्ण रहा।
23 महीने का मासूम… जिसने अभी बोलना भी नहीं सीखा था
हादसे में सबसे दिल दहला देने वाली बात रही 23 महीने के उस मासूम की मौत, जो अपनी मां की गोद में था। श्रद्धालु परिवार गुप्तकाशी लौट रहा था, क्योंकि अगले दिन उन्हें घर के लिए रवाना होना था। मासूम की मासूमियत अब राख में बदल चुकी है और पूरा देश इस त्रासदी पर शोक में डूब गया है।
चारधाम यात्रा पर मंडराता खतरा, लोगों में डर का माहौल
ये पहला मौका नहीं है जब केदारनाथ यात्रा के दौरान ऐसा हादसा हुआ हो। इससे पहले भी वर्ष 2022 में केदारनाथ के निकट हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ था, जिसमें पायलट समेत छह लोगों की जान गई थी। अब एक बार फिर ऐसी घटना ने सरकार और श्रद्धालुओं को झकझोर दिया है। लोग डर के साये में यात्रा करने को मजबूर हैं।
CM धामी बोले – “श्रद्धालुओं की सुरक्षा से समझौता नहीं होगा”
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना के बाद आपात बैठक बुलाई और संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि अब हेली ऑपरेशंस के लिए SOP (Standard Operating Procedure) को दोबारा परिभाषित किया जाए। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि है और इसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
दादी-नातिन की दर्दनाक मौत
उत्तर प्रदेश के बिजनौर से विनोदा देवी अपनी नातिन तुष्टि सिंह के साथ बीते शनिवार को केदारनाथ पहुंची थीं। बाबा केदार के दर्शन कर रविवार को वह हेलिकॉप्टर की पहली शटल से गुप्तकाशी लौट रही थीं। हादसे में उनकी दर्दनाक मौत हो गई।
नहीं आना चाहती थी तुष्टि, मां ने जबरन नानी के साथ भेजा
हेलिकॉप्टर हादसे में बिजनौर के नगीना निवासी वकील धर्मपाल सिंह अपनी पत्नी विनोदा देवी, नातिन तुष्टि, पोते ईशान और गोरांश के साथ 13 जून को घर से केदारनाथ यात्रा के लिए रवाना हुए थे। शनिवार को उन्होंने केदारनाथ के दर्शन किए। रविवार सुबह वह हेलिपैड पर पहुंच गए, लेकिन हेलिकॉप्टर में दो लोगों की ही जगह होने से विनोदा देवी व नातिन तुष्टि को उसमें बैठा दिया।
धर्मपाल सिंह अपने दोनों पोतों के साथ धाम में ही रुक गये, लेकिन कुछ ही देर में सूचना मिली कि हेलिकॉप्टर हादसा हो गया, जिसमें सभी सात लोगों की मौत हो चुकी है। इसके बाद धर्मपाल सिंह अपने दोनों पोतों के साथ पैदल केदारघाटी के लिए रवाना हुए।
बताया जा रहा है कि तुष्टि केदारनाथ यात्रा पर नहीं आना चाहती थी, पर मां ने उसे नानी के साथ जबरन भेजा। वह दिल्ली में फैशन डिजाइनिंग का कोर्स कर रही थी। शर्मिला ने बताया कि जब हम घटनास्थल के पास पहुंचे तो वहां एक बच्ची गिरी हुई थी, जो जिंदा नहीं थी। संभवतः बच्ची हेलिकॉप्टर से गिरकर जमीन में बड़े पत्थर से टकरा गई, जिससे उसकी मौत हो गई। हादसा इतना भयावह था कि आग की लपटों के बीच से कुछ सुनाई नहीं दे रहा था।
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