रुद्रप्रयाग: शनिवार की शाम उत्तराखंड के प्रसिद्ध तीर्थ मार्ग गौरीकुंड हाईवे पर भीरी बाजार के समीप एक भीषण सड़क हादसा हो गया। हादसा उस समय हुआ जब एक मैक्स वाहन अचानक अनियंत्रित होकर सड़क किनारे गहरी खाई में जा गिरा। यह दुर्घटना शाम करीब साढ़े छह बजे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा के पास हुई। इस दर्दनाक हादसे में चालक समेत आठ लोग सवार थे, जिनमें से दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि छह गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय लोगों के अनुसार, वाहन तेज गति में आ रहा था और सड़क पर अचानक मोड़ आने के कारण चालक वाहन पर से नियंत्रण खो बैठा। देखते ही देखते मैक्स वाहन सड़क से नीचे जा गिरा।
हादसे के तुरंत बाद आसपास मौजूद लोगों ने शोर मचाया और राहत-बचाव कार्य में जुट गए। स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को वाहन से बाहर निकाला गया और उन्हें करीब स्थित अगस्त्यमुनि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पहुंचाया गया, जहां उनका उपचार जारी है। सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची और राहत कार्य में जुट गई। मृतकों के शवों को पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। हादसे की खबर फैलते ही क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। भीरी बाजार और आसपास के ग्रामीणों ने इस दर्दनाक घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त की और पीड़ित परिवारों को सांत्वना दी।
स्थानीय प्रशासन के अनुसार, घायलों में कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। जरूरत पड़ने पर घायलों को बेहतर इलाज के लिए higher सेंटर भेजा जा सकता है। प्रशासन ने हादसे की जांच शुरू कर दी है ताकि कारणों का पता लगाया जा सके। वहीं, प्रारंभिक जांच में यह आशंका जताई जा रही है कि वाहन की तेज रफ्तार और सड़क की फिसलन इस दर्दनाक दुर्घटना का कारण बनी।गौरतलब है कि गौरीकुंड हाईवे पर हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। तीर्थयात्रा और पर्यटन के समय वाहनों की संख्या बढ़ने से यह मार्ग और अधिक व्यस्त हो जाता है। संकरी एवं घुमावदार सड़कों के कारण यहां हर साल दर्जनों सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।
स्थानीय लोगों ने एक बार फिर प्रशासन से मांग की है कि इस मार्ग पर सुरक्षा इंतजाम और चौकसी बढ़ाई जाए, साथ ही ब्लाइंड मोड़ों पर चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।हादसे में जान गंवाने वाले दोनों मृतकों के नाम और पते की औपचारिक पुष्टि पुलिस द्वारा की जा रही है। वहीं, सीएचसी अगस्त्यमुनि में घायलों का प्राथमिक उपचार किया जा रहा है और चिकित्सक लगातार उनकी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।यह हादसा उत्तराखंड की पहाड़ी सड़कों की एक बार फिर से भयावह स्थिति को उजागर करता है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों ने इस घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए सड़क सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जब तक प्रशासनिक स्तर पर सड़क सुधार कार्य और ट्रैफिक नियंत्रण के गंभीर प्रयास नहीं किए जाएंगे, तब तक ऐसे हादसों को रोक पाना मुश्किल होगा।
