चमोली: उत्तराखंड सरकार के मुताबिक उत्तराखण्ड के चमोली जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी इस बार 01 जून 2024 से पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा. फूलों की घाटी अपने विभिन्न तरह के फूलों के लिए दुनिया भर में मशहूर है. फूलों की घाटी 30 अक्टूबर तक पर्यटकों के लिए खुली रहेगी. उप वन संरक्षक बीबी मर्तोलिया ने बताया कि फूलों की घाटी के लिए पर्यटकों का पहला दल 01 जून को घांघरिया बेस कैंप से रवाना किया जाएगा।
कैसे पहुंचेंगे फूलो की घाटी
वैली ऑफ फ्लावर के बारे में सुनकर आप भी यहां जाने की सोच रहे होंगे. ऐसे में हम आपको बताते हैं कि आप कैसे यहां पहुंच सकते हैं और कौन सा समय यहां आने के लिए बेहतर होगा. फूलों की घाटी आने के लिए आपको चमोली आना होगा. चमोली जिले तक जाने के लिए आपको ऋषिकेश तक ट्रेन या हवाई जहाज से देहरादून आना होगा. इसके बाद आप सड़क मार्ग से चमोली जिले तक पहुंच सकते हैं. इसके बाद आप 19 किलोमीटर तक का सफर तय करके गोविंदघाट से फूलों की घाटी तक पहुंच सकते हैं।
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फूलो की घाटी विश्व धरोहर स्थल में शामिल
चमोली स्थित फूलों की घाटी को देखकर ऐसा लगता है, जैसे किसी ने खूबसूरत पेंटिंग बनाकर यहां रख दिया हो. चारों तरफ ऊंचे-ऊंचे पर्वत और उन पर्वतों के ठीक नीचे यह फूलों की घाटी प्रकृति का मनोरम दृश्य है. ये फूलों की घाटी 3 किलोमीटर क्षेत्र में फैला है. इस फूलों की घाटी का ऐतिहासिक महत्व भी है. इसे यूनेस्को ने 1982 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।
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जुलाई-अगस्त में आना होगा बेहतर
फूलों की घाटी 3 किलोमीटर लंबी और लगभग आधा किलोमीटर चौड़ी है. यहां पर आने के लिए जुलाई, अगस्त और सितंबर महीना सबसे बेहतर रहता है. चारधाम यात्रा पर अगर आप आ रहे हैं तो बदरीनाथ धाम जाने से पहले आप यहां पर आ सकते हैं. राज्य सरकार की तरफ से गोविंदघाट में रुकने की व्यवस्था है, लेकिन आप यहां पर रात नहीं बिता सकते. लिहाजा आपको शाम ढलने के बाद नीचे उतरना ही पड़ेगा।
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