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Sunday, October 20, 2024

आज है “मिसाइल मैन” एपीजे अब्दुल कलाम का जन्मदिन, हिमाचल में देवभूमि को तरक्की के बताए थे नौ सूत्र।

एपीजे अब्दुल कलाम जयंती: विश्व छात्र दिवस हर साल 15 अक्टूबर को मनाया जाता है. इस दिन को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती के रूप में भी मनाया जाता है. यह दिन न केवल छात्रों की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है बल्कि उनके योगदान और जुनून का सम्मान भी करता है. विश्व छात्र दिवस शिक्षा के क्षेत्र में ‘मिसाइल मैन ऑफ इंडिया डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की उपलब्धियों के लिए एक श्रद्धांजलि है।

छात्र दिवस का इतिहास

संयुक्त राष्ट्र ने डॉ. कलाम के जन्मदिन के सम्मान में 15 अक्टूबर को विश्व छात्र दिवस के रूप में नामित किया, जो उनकी विरासत को दर्शाता है और उनके द्वारा वकालत किए गए मूल्यों को बढ़ावा देता है. शिक्षा के प्रबल समर्थक, डॉ. कलाम छात्रों की दुनिया में सार्थक बदलाव लाने की क्षमता में विश्वास करते थे. जबकि उन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी, विशेष रूप से मिसाइल और अंतरिक्ष अनुसंधान में उल्लेखनीय योगदान दिया, उनका असली जुनून युवा पीढ़ी को पढ़ाना और प्रेरित करना था।

डॉ. कलाम अक्सर शैक्षणिक संस्थानों का दौरा करते थे, अपने ज्ञान को साझा करते थे और छात्रों को उनकी क्षमता का एहसास करने के लिए प्रेरित करते थे. उन्होंने व्यक्तिगत विकास और समाज की प्रगति के लिए शिक्षा के महत्व पर जोर दिया।

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विश्व छात्र दिवस की थीम

विश्व छात्र दिवस 2024 की थीम है “छात्रों को बदलाव के वाहक बनने के लिए सशक्त बनाना.” इस वर्ष का थीम छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने और अपने भविष्य को बेहतर बनाने के साथ-साथ देश के संभावित नेता और नवप्रवर्तक के रूप में खुद को तलाशने की वकालत करता है।

धोनी के थे मुरीद, उन्हीं की दी मिसाल

उन्होंने तब विश्वकप जिताने वाले क्रिकेट टीम के तत्कालीन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का उदाहरण दिया और छात्रों से कहा था कि ऐसे ही लीडर बनकर सफल हों। डीईआई की बीएससी कंप्यूटर साइंस की छात्रा सृष्टि त्यागी को उनसे प्राइमरी स्कूल में शिक्षक की अहमियत पर सवाल पूछने का मौका मिला था। तब कलाम ने कहा था कि देश को सबसे ज्यादा अच्छे प्राइमरी शिक्षकों की आवश्यकता है, जो देश की नींव का भविष्य तय करेंगे। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने डीईआई के शिक्षकों को पीछे और छात्रों को आगे बुला लिया था।

मिले थे कई पुरस्कार 

डॉ. कलाम को अपने जीवनकाल के दौरान कई पुरस्कार मिले, जिनमें 1981 में पद्म भूषण, 1990 में पद्म विभूषण और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ अपने अनुसंधान, विज्ञान के क्षेत्र में योगदान के लिए भारत रत्न शामिल है। प्रसिद्ध वैज्ञानिक और शिक्षक का 2015 में भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), शिलांग में एक भाषण देते समय कार्डियक अरेस्ट के बाद निधन हो गया था।

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विधानसभा में अपने यादगार भाषण में कलाम ने हिमाचल को तरक्की और समृद्धि के रास्ते पर तीव्र गति से चलने के लिए नौ सूत्र बताए थे. 23 दिसंबर 2004 को गुरूवार के दिन कलाम ने हिमाचल विधानसभा को संबोधित किया था. कलाम ने तब नौ सूत्र देते हुए कहा था कि, ‘हिमाचल को तेजी से तरक्की पाने के लिए साक्षरता, कौशल विकास, शिक्षा व स्वास्थ्य सुरक्षा, ग्रामीणों को शहरी इलाकों जैसी सुविधाएं प्रदान करना, मेडिसिनल-हार्टीकल्चर, एरोमैटिक प्लांट्स सहितत सघन बागवानी, जलस्रोतों का प्रबंधन, जलविद्युत क्षमता का वैज्ञानिक दोहन, इन्फार्मेशन एंड कम्यूनिकेशन तकनीक (आईसीटी), पर्यटन व मूल्य वर्धित वस्त्र उद्योग पर ध्यान देना होगा. उन्होंने इन सूत्रों पर विस्तार के साथ अपना मत व्यक्त किया था।

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Manish Negi
Manish Negihttps://chaiprcharcha.in/
Manish Negi एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास राजनीति, अर्थव्यवस्था और सामाजिक मुद्दों जैसे विषयों पर अच्छा ज्ञान है। वे 2 से ज्यादा वर्षों से विभिन्न समाचार चैनलों और पत्रिकाओं के साथ काम कर रहे हैं। उनकी रूचि हमेशा से ही पत्रकारिता और उनके बारे में जानकारी रखने में रही है वे "चाय पर चर्चा" न्यूज़ पोर्टल में विभिन्न विषयों पर ताज़ा और विश्वसनीय समाचार प्रदान करते हैं"

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