चमोली: उत्तराखंड की विश्व धरोहर स्थल फूलों की घाटी इन दिनों एक अद्वितीय रूप में नजर आ रही है। जहां गर्मियों और बरसात के मौसम में यहां रंग-बिरंगे फूलों की बहार पर्यटकों को लुभाती है, वहीं फिलहाल घाटी बर्फ की सफेद चादर में लिपटी हुई है। बर्फबारी ने घाटी को मानो एक परीकथा की दुनिया में बदल दिया है। बर्फ से ढकी पगडंडियां, चारों ओर फैली शांत सफेदी और ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों के पीछे से झांकती धूप इस पूरी वादी को मनमोहक बना रही है।
पर्यटकों की बढ़ी आमद
हालांकि फूलों की घाटी का वास्तविक आकर्षण गर्मी और बरसात में खिले सैकड़ों प्रजातियों के फूलों में होता है, लेकिन इस समय बर्फबारी के कारण यहां आने वाले पर्यटकों की पसंद अलग है। लोग यहां बर्फ का आनंद लेने, फोटोग्राफी करने और बर्फ से ढके पहाड़ों के बीच पैदल यात्रा का अनुभव लेने पहुंच रहे हैं। ठंडी हवाओं के बीच लंबी ट्रेकिंग पगडंडियों पर चलना एक रोमांचक अनुभव बन रहा है।
यह भी पढ़ें:बर्फ में लिपटा देवभूमि: बदरीनाथ-हेमकुंड से गंगोत्री तक पहली बर्फबारी का नजारा
बर्फबारी का समय और मौसम की स्थिति
इन दिनों घाटी में रात के समय तापमान शून्य के आसपास पहुंच रहा है। सुबह और शाम के समय तेज ठंडी हवाएं चल रही हैं, जिसके कारण पर्यटकों को सर्दी से बचाव के लिए विशेष इंतजाम करने पड़ रहे हैं। बर्फ की मोटी परत ने यहां की हरियाली और फूलों को ढक लिया है, लेकिन इस मौसम का आनंद लेने वालों के लिए यह नजारा बेहद खास है।
31 अक्तूबर को बंद होगी आवाजाही
फूलों की घाटी हर साल सर्दियों के आगमन से पहले अक्टूबर के अंत में पर्यटकों के लिए बंद कर दी जाती है। इस साल भी 31 अक्तूबर को आवाजाही रोक दी जाएगी, क्योंकि भारी बर्फबारी के चलते रास्ते खतरनाक और मौसम अनुकूल नहीं रह जाता। इसके बाद अगले वर्ष जून में यह घाटी फिर से पर्यटकों के लिए खोली जाएगी।
स्थानीय पर्यटन पर असर
स्थानीय होटल, गेस्ट हाउस और गाइड इन दिनों सीजन के आखिरी पर्यटकों का स्वागत करने में व्यस्त हैं। बर्फबारी के कारण यहां आने वाले मेहमान अधिकतर बर्फ का लुत्फ लेने वाले ट्रैवल प्रेमी और एडवेंचर टूरिस्ट हैं। स्थानीय व्यापारी मानते हैं कि इस समय का टूरिज्म सीजन भले ही छोटा हो, लेकिन यह अच्छे कारोबार का मौका देता है।
यात्रा से पहले सावधानियां
घाटी तक पहुंचने के लिए गोविंदघाट से होता हुआ करीब 14 किलोमीटर का ट्रेक पार करना पड़ता है। बर्फबारी के कारण यह मार्ग कई जगह फिसलनभरा हो जाता है, इसलिए स्थानीय प्रशासन ने पर्यटकों से आवश्यक सतर्कता बरतने और गाइड के साथ यात्रा करने की सलाह दी है। ठंड से बचाव के लिए गर्म कपड़ों, ट्रेकिंग शूज़ और जरूरी उपकरण साथ रखना बेहद जरूरी है। फूलों की घाटी का यह बर्फीला रूप प्रकृति प्रेमियों के लिए जीवन भर याद रहने वाला अनुभव बन सकता है। जो पर्यटक इस मनमोहक दृश्य का आनंद लेना चाहते हैं, उनके पास 31 अक्तूबर तक का ही समय है। उसके बाद यह अद्भुत जगह सर्दियों की लंबी नींद में चली जाएगी, और अगले साल फिर से रंग-बिरंगे फूलों के साथ जीवंत हो उठेगी।