उधमसिंह नगर: जब भी सनातन धर्म में श्रवण कुमार का जिक्र आता है, वह आज भी लोगों को अपने माता-पिता की सेवा करने के लिये प्रेरित करते हैं. आज भी हर माता-पिता चाहते हैं कि उनकी संतान श्रवण कुमार जैसी हो. आज ऐसे ही एक श्रवण कुमार की कहानी हम आपको बताने जा रहे हैं, जो पालकी बनाकर अपनी मां को चारधाम की यात्रा के लिए निकल पड़े हैं। आपको बता दे कि बदायूं निवासी धीरज और तेजपाल अपनी माता राजेश्वरी को चार धाम की यात्रा करने के लिए पालकी में बैठाकर पैदल यात्रा कर रहे हैं। जब भी सनातन धर्म में श्रवण कुमार का जिक्र आता है, वह आज भी लोगों को अपने माता-पिता की सेवा करने के लिए प्रेरित करते हैं। हर माता-पिता चाहते हैं, कि उनकी संतान श्रवण कुमार जैसी हो।
यह भी पड़े:हिमाचल प्रदेश के किनौर में बादल फटने से तबाही, फसलें तबाह।
धीरज कुमार ने बताया कि कई वर्ष से हम कांवड़ लेकर आ रहे हैं। एक बार मन में विचार आया की मां को चार धाम की यात्रा कराएंगे।भाई तेजपाल से मन की बात बताई तो तेजपाल ने कहा कि भैया मैं इंटर परीक्षा पास कर लूं तब करेंगे। मैंने ईश्वर से प्रार्थना की कि मेरा भाई पास हो जाए, भगवान ने उसे पास कर दिया तो दोनों भाइयों ने मां को घर से लेकर 18 फरवरी को निकल पड़े। आठ मार्च को हरिद्वार पहुंचे।, उसके बाद आगे की यात्रा प्रारंभ की। मां को चार धाम की यात्रा कराकर शनिवार को देर रात को सुल्तानपुर पट्टी पहुंचे और अयोध्या धाम के लिए यात्रा निकल पड़े।
यह भी पड़े: भारत ने दूसरे टी20 मैच में श्रीलंका को 7 विकेट से हराकर 3 मैचों की सीरीज की अपने नाम।