Republic Day 2025: इतिहास, महत्व और उत्सव
Republic Day 2025 भारत का 76 वां गणतंत्र दिवस है, जिसे 26 जनवरी को पूरे देश में गर्व और उत्साह के साथ मनाया जाएगा। यह दिन हमारे संविधान को अपनाने और भारत के गणराज्य बनने की याद दिलाता है। 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागू हुआ और भारत ने खुद को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया।
गणतंत्र दिवस का जश्न न केवल हमारे संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों को सम्मानित करने का दिन है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक विविधता, सैन्य शक्ति और नागरिकों की भागीदारी का प्रतीक भी है। इस वर्ष की परेड और समारोह थीम “स्वर्णिम भारत – विरासत और विकास” के इर्द-गिर्द केंद्रित होगी , जो अतीत की गौरवशाली धरोहर और भविष्य की प्रगति का प्रतीक है।
Republic Day का इतिहास
Republic Day का महत्व भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और संविधान निर्माण प्रक्रिया से जुड़ा है। 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हो गया, लेकिन यह अब भी ब्रिटिश राज के बनाए गए Government of India Act 1935 के तहत चल रहा था।
संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को भारत के संविधान को अपनाया, और इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। यह दिन इसलिए चुना गया क्योंकि 26 जनवरी 1930 को लाहौर अधिवेशन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज की घोषणा की थी। इस ऐतिहासिक दिन ने भारत को न केवल एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में स्थापित किया, बल्कि एक ऐसा गणराज्य बनाया, जहां नागरिकों के अधिकार और कर्तव्य संविधान द्वारा परिभाषित हैं।
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Republic Day 2025 का महत्व
Republic Day 2025 भारत के लोकतांत्रिक सफर का 76 वां साल है। यह दिन हमें संविधान के महत्व, हमारे अधिकारों और कर्तव्यों की याद दिलाता है। यह दिन न केवल भारत के राजनीतिक इतिहास का विशेष दिन है, बल्कि यह हमारे देश की एकता, अखंडता और विविधता का भी उत्सव है।
गणतंत्र दिवस हमें सिखाता है कि लोकतंत्र केवल एक व्यवस्था नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा मूल्य है जो हर भारतीय के जीवन में गहराई से जुड़ा हुआ है। यह दिन हर नागरिक को प्रेरित करता है कि वे अपने कर्तव्यों का पालन करें और देश को प्रगति की ओर ले जाने में योगदान दें।
Republic Day 2025 पर कर्तव्य पथ पर भव्य परेड
गणतंत्र दिवस के समारोह का मुख्य आकर्षण कर्तव्य पथ पर होने वाली भव्य परेड है। यह परेड राष्ट्रपति भवन से शुरू होकर इंडिया गेट और लाल किले तक जाती है। परेड में भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के जवान अपने अनुशासन और शक्ति का प्रदर्शन करते हैं। इसके साथ-साथ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियां भारतीय संस्कृति और विकास का प्रदर्शन करती हैं।
2025 की परेड थीम – “स्वर्णिम भारत – विरासत और विकास”, भारत की सांस्कृतिक धरोहर और आधुनिक उपलब्धियों का शानदार संगम पेश करेगी। इस परेड में देशभर के राज्यों की झांकियां उनकी परंपराओं, विकास और अद्वितीयता को प्रदर्शित करेंगी।
इसके अलावा, भारतीय वायुसेना का एयर शो इस समारोह का मुख्य आकर्षण होता है। लड़ाकू विमान तिरंगे के रंगों से आसमान को सजाते हुए देशवासियों के दिलों में गर्व और उत्साह भरते हैं।
नागरिकों की भूमिका और सहभागिता
Republic Day 2025 का समारोह केवल परेड और झांकियों तक सीमित नहीं हैं। इस दिन नागरिकों की भागीदारी भी बहुत महत्वपूर्ण है। रक्षा मंत्रालय और MyGov ने इस बार गणतंत्र दिवस पर कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया है। ये प्रतियोगिताएं नागरिकों को लोकतांत्रिक मूल्यों को समझने और उन्हें मजबूत करने का अवसर देती हैं।
देशभर में स्कूलों, कॉलेजों और सामाजिक संस्थाओं द्वारा झंडारोहण, देशभक्ति के गीत, नाटक और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। यह दिन हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण होता है, जब वे अपने तिरंगे के प्रति अपनी निष्ठा और समर्पण दिखाते हैं।
गणतंत्र दिवस की थीम 2025: स्वर्णिम भारत
Republic Day 2025 की विशेष थीम “स्वर्णिम भारत – विरासत और विकास” है। यह थीम हमारे गौरवशाली इतिहास और आधुनिक विकास को जोड़ती है। झांकियों और परेड के माध्यम से दिखाया जाएगा कि कैसे भारत ने स्वतंत्रता के बाद आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में प्रगति की है।
यह थीम हमें हमारी जड़ों को याद रखने और भविष्य की संभावनाओं की ओर देखने के लिए प्रेरित करती है। भारत की समृद्ध परंपराएं, भाषाएं, और विविधताएं इस थीम के माध्यम से प्रस्तुत की जाएंगी।
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गणतंत्र दिवस 2025 का संदेश
गणतंत्र दिवस केवल एक राष्ट्रीय अवकाश नहीं है; यह हर भारतीय के लिए प्रेरणा का दिन है। यह हमें संविधान के मूल्यों को याद दिलाता है, जो समानता, स्वतंत्रता, और न्याय को सुनिश्चित करता है। साथ ही, यह दिन हमें यह भी सिखाता है कि हमारे कर्तव्यों को निभाना देश की प्रगति के लिए कितना आवश्यक है।
यह दिन हमें हमारे लोकतंत्र और संविधान की ताकत का एहसास कराता है और हर भारतीय को एकजुट होकर राष्ट्र के विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित करता है।
आप सभी के लिए गणतंत्र दिवस के अवसर पर रामनरेश त्रिपाठी जी की एक देशभक्ति से ओतप्रोत कविता, जिसमें उन्होंने बताया है कि भारत जैसा देश कहीं नहीं है।
मन-मोहिनी प्रकृति की जो गोद में बसा है।
सुख-स्वर्ग-सा जहाँ है वह देश कौन-सा है?
जिसका चरण निरंतर रतनेश धो रहा है।
जिसका मुकुट हिमालय वह देश कौन-सा है?
नदियाँ जहाँ सुधा की धारा बहा रही हैं।
सींचा हुआ सलोना वह देश कौन-सा है?
जिसके बड़े रसीले फल, कंद, नाज, मेवे।
सब अंग में सजे हैं, वह देश कौन-सा है?
मैदान, गिरि, वनों में हरियालियाँ लहकतीं।
आनंदमय जहाँ है वह देश कौन-सा है?
जिसकी अनंत धन से धरती भरी पड़ी है।
संसार का शिरोमणि वह देश कौन-सा है?
सबसे प्रथम जगत में जो सभ्य था यशस्वी।
जगदीश का दुलारा वह देश कौन-सा है?
पृथ्वी-निवासियों को जिसने प्रथम जगाया।
शिक्षित किया सुधारा वह देश कौन-सा है?
जिसमें हुए अलौकिक तत्त्वज्ञ ब्रह्मज्ञानी।
गौतम, कपिल, पतंजल वह देश कौन-सा है?
छोड़ा स्वराज तृणवत् आदेश से पिता के।
वह राम थे जहाँ पर वह देश कौन-सा है?
नि:स्वार्थ शुद्ध प्रेमी भाई भले जहाँ थे।
लक्ष्मण-भरत सरीखे वह देश कौन-सा है?
देवी पतिव्रता श्री सीता जहाँ हुई थीं।
माता पिता जगत का वह देश कौन-सा है?
आदर्श नर जहाँ पर थे बालब्रह्मचारी।
हनुमान, भीष्म, शंकर, वह देश कौन-सा है?
विद्वान, वीर, योगी, गुरु राजनीतिकों के।
श्रीकृष्ण थे जहाँ पर वह देश कौन-सा है?
विजयी बली जहाँ के बेजोड़ शूरमा थे।
गुरु द्रोण, भीम, अर्जुन, वह देश कौन-सा है?
जिसमें दधीचि दानी हरिचंद कर्ण से थे।
सब लोक का हितैषी वह देश कौन-सा है?
वाल्मीकि, व्यास ऐसे जिसमें महान कवि थे।
श्रीकालिदास वाला वह देश कौन-सा है?
निष्पक्ष न्यायकारी जन जो पढ़े लिखे हैं।
वे सब बता सकेंगे वह देश कौन-सा है?
छत्तीस कोटि भाई सेवक सपूत जिसके।
भारत सिवाय दूजा वह देश कौन-सा है?
Republic Day 2025 हमारे देश की गौरवशाली परंपराओं और उपलब्धियों का उत्सव है। यह दिन हर भारतीय के लिए गर्व, सम्मान और एकता का प्रतीक है। आइए, इस गणतंत्र दिवस पर हम सब मिलकर देश को “स्वर्णिम भारत” बनाने की दिशा में अपना योगदान दें।
जय हिंद- जय भारत!
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