देहरादून: प्रदेश में शिक्षकों के तबादलों की प्रक्रिया शुरू हो गई है, लेकिन इस साल शिक्षकों के ऑनलाइन तबादले नहीं होंगे। यह हाल तब है, जबकि शिक्षकों और छात्रों से जुड़े सभी आंकड़े ऑनलाइन करने के लिए निदेशालय में पांच करोड़ की लागत से विद्या समीक्षा केंद्र की स्थापना की गई है। आपको बता दे कि विभागीय अधिकारियों का कहना है कि हरियाणा की तर्ज पर नई तबादला नीति बनने में हो रही देरी से इस साल ऑफलाइन तबादले होंगे। गुजरात और गोवा के बाद उत्तराखंड देश का तीसरा ऐसा राज्य है, जिसने विद्या समीक्षा केंद्र की स्थापना की है। जिसके माध्यम से शिक्षा विभाग का पूरा डाटा ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाना था।
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विद्यालय, शिक्षकों और छात्रों का पूरा विवरण एवं प्रदेश के विद्यालयों में उपलब्ध संसाधनों का डाटा इसमें शामिल होना था। हर दिन शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति इसके माध्यम से दर्ज होनी थी। आपको बता दे कि चुनाव में डयूटी के चलते तय समय पर तबादले करना चुनौती है, तबादला एक्ट के तहत सभी विभागों में तबादलों को लेकर विभाग, शासन, मंडल और जिला स्तर पर तबादला समितियों का गठन एक अप्रैल तक हो जाना चाहिए था, लेकिन शिक्षा विभाग में अभी तबादला समिति गठित नहीं हो पाई है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अधिकारियों और कर्मचारियों की चुनाव में डयूटी की वजह से भी इसमें देरी हो रही है। ऐसे में तय समय पर तबादला करना विभाग के लिए चुनौती बनी है।
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