देहरादून: उत्तराखंड आज अपना 25वां राज्य स्थापना दिवस पूरे जोश और उत्साह के साथ मना रहा है। राजधानी देहरादून के प्रतिष्ठित एफआरआई मैदान में आयोजित मुख्य समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं शामिल हुए। पूरे मैदान में उत्तराखंड की सांस्कृतिक विविधता की झलक दिखी, जहाँ लोक कलाकारों ने पारंपरिक नृत्य और वादन से माहौल को देवभूमिमय बना दिया। प्रधानमंत्री के आगमन के साथ ही कार्यक्रम की गरिमा और ऊर्जा दोनों बढ़ गईं। समारोह की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य की जनता को संबोधित करते हुए स्मारक डाक टिकट जारी किया, जो उत्तराखंड की 25 वर्ष की विकास यात्रा को समर्पित था। उन्होंने कहा कि यह डाक टिकट केवल एक प्रतीक नहीं, बल्कि राज्य की मेहनत, संघर्ष और उपलब्धियों की पहचान भी है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने राज्य को 8260 करोड़ रुपये की नई विकास परियोजनाओं की सौगात दी, जिसमें बुनियादी ढांचे, कनेक्टिविटी, पर्यटन, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े अनेक प्रोजेक्ट शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत गढ़वाली भाषा में करते हुए कहा, “देवभूमि उत्तराखंड के मेरे भाई-बंधो, भैया भूली, आप सभी को मेरा नमस्कार।” इसके बाद उन्होंने गढ़वाली में ही आगे कहा, 2047 मा भारत थे विकसित देशों की लेन मा ल्याण थुणी, म्यारो उत्तराखंड मेरो देवभूमि पूरी तरह से त्यार छिन। उनके इन शब्दों ने वहाँ मौजूद हजारों लोगों के दिलों को छू लिया और जनसमूह ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की विकास यात्रा अद्भुत रही है, जो हर उत्तराखंडी की मेहनत और संकल्प का नतीजा है। उन्होंने राज्य गठन के बाद से हुए बदलावों का उल्लेख करते हुए कहा कि उत्तराखंड ने शिक्षा, पर्यटन, सड़क निर्माण और पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है।
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पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत जब 2047 में अपनी आजादी के 100 वर्ष पूरे करेगा, तब उत्तराखंड विकसित भारत के उस बड़े विज़न का हिस्सा बनकर अग्रणी भूमिका निभाएगा। उन्होंने राज्य के युवाओं से आह्वान किया कि वे अपने कौशल और नवाचार से इस यात्रा को और तीव्र बनाएं।मुख्य कार्यक्रम स्थल एफआरआई मैदान को इस अवसर पर भव्य रूप दिया गया था। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में गढ़वाल और कुमाऊँ की झलक एकता और विविधता का सुंदर मिश्रण बनीं। मंच से मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं ने भी प्रदेश की उपलब्धियों का उल्लेख किया और भविष्य की योजनाएँ साझा कीं।समारोह के अंत में प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड केवल भौगोलिक ऊँचाई वाला राज्य नहीं, बल्कि मानव मूल्यों और संस्कारों में भी ऊँचाई वाला प्रदेश है। उन्होंने यह विश्वास जताया कि आने वाले वर्षों में देवभूमि उत्तराखंड पर्यटन, पर्यावरण संरक्षण और हरित ऊर्जा के क्षेत्र में देश का मार्गदर्शन करेगा।राज्य स्थापना दिवस पर यह आयोजन प्रदेशवासियों के लिए गर्व और प्रेरणा का प्रतीक बना, जिसने 25 वर्षों की यात्रा का उत्सव मनाते हुए उज्जवल भविष्य की नई शुरुआत की घोषणा की।
