बागेश्वर: बागेश्वर जनपद के बैजनाथ क्षेत्र से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां विजिलेंस की टीम ने पटवारी प्रवीण सिंह टाकुली को उस समय रंगे हाथों गिरफ्तार किया, जब वे जमीन ट्रांसफर के बदले में 5000 रुपये की रिश्वत ले रहे थे। यह कार्रवाई इतनी तेज और सटीक थी कि घटनास्थल पर मौजूद लोगों के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन के बीच भी चर्चा का विषय बन गई है। मिली जानकारी के मुताबिक यह मामला बैजनाथ तहसील क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गरुड़ इलाके से जुड़ा है। स्यालीस्टेट गरुड़ निवासी मनोज सिंह ने आरोप लगाया कि जमीन संबंधी एक कार्य के लिए पटवारी ने उनसे कुल 7500 रुपये की मांग की थी। सरकारी काम के नाम पर रिश्वत की यह मांग सुनकर मनोज सिंह ने तुरंत इस पूरे मामले की शिकायत विजिलेंस हेल्पलाइन नंबर 1064 पर की।
शिकायत मिलते ही विजिलेंस की नैनीताल यूनिट सक्रिय हो गई और टीम ने बिना समय गंवाए पूरा जाल बिछाया।विजिलेंस टीम ने योजनाबद्ध तरीके से नकद रकम को चिह्नित किया और शिकायतकर्ता को उसकी सुपुर्दगी दी। जैसे ही मनोज सिंह ने तय स्थान पर पटवारी प्रवीण सिंह टाकुली को 5000 रुपये दिए, विजिलेंस टीम ने उन्हें उसी समय धर दबोचा। मौके पर मौजूद अधिकारियों ने उनकी तलाशी ली और चिह्नित नोट उनके पास से बरामद किए। यह सब कुछ इतनी तेजी से हुआ कि आसपास के लोग इस कार्रवाई को देखकर हैरान रह गए। टीम ने मौके से आरोपी पटवारी को हिरासत में लिया और संबंधित दस्तावेजों के साथ उसे विजिलेंस कार्यालय लाया गया।
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प्रारंभिक पूछताछ में पटवारी ने रकम लेने की बात स्वीकार की है, हालांकि उन्होंने इसे काम सुविधा शुल्क के रूप में लेने की दलील दी। इसके बाद विजिलेंस की एक अलग टीम ने तत्काल बागेश्वर स्थित उनके आवास पर भी छापा मारा। तलाशी के दौरान टीम ने वहां रखे कई सरकारी फाइलें, जमीन से जुड़े दस्तावेज और कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए हैं। सूत्रों के अनुसार तलाशी अभियान अभी जारी है और विजिलेंस अधिकारी यह भी जांच कर रहे हैं कि क्या पटवारी के ठिकाने से अन्य महत्वपूर्ण सबूत या संदिग्ध लेनदेन से जुड़ी सामग्री बरामद हो सकती है। घटना के बाद से पूरे राजस्व विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
स्थानीय लोगों ने विजिलेंस टीम की त्वरित कार्रवाई की सराहना की है और कहा कि ऐसी कार्रवाइयाँ ईमानदार कर्मचारियों के लिए प्रेरणा का कार्य करेंगी।वहीं विजिलेंस विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि विभाग नागरिकों की शिकायतों को गंभीरता से लेता है और भ्रष्टाचार जैसी गतिविधियों पर सख्ती से कार्रवाई करता रहेगा। उन्होंने आम जनता को अपील की है कि यदि किसी सरकारी कर्मचारी द्वारा किसी भी प्रकार की रिश्वत या अवैध वसूली की मांग की जाती है तो वे तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1064 पर इसकी सूचना दें। शिकायतकर्ता की पहचान को पूरी तरह गोपनीय रखा जाएगा।इस गिरफ्तारी के बाद अब विजिलेंस ने आरोपी पटवारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर आगे की कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी है।
विभाग का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद पूरी रिपोर्ट संबंधित विभाग और न्यायालय को सौंपी जाएगी।इस घटना ने एक बार फिर यह संदेश दिया है कि यदि कोई आम व्यक्ति साहस और जागरूकता दिखाए तो भ्रष्टाचार जैसी बड़ी समस्या पर भी लगाम लगाई जा सकती है। विजिलेंस टीम की यह त्वरित कार्रवाई न केवल एक मिसाल बनी है बल्कि यह आम जनता में भरोसा भी जगाती है कि व्यवस्था में अब भी न्याय की गुंजाइश बाकी है।
