सुरेश उपाध्याय:-
इस देश में किसी भी नियम कानून या रोक का कोई मतलब नहीं है। अगर ऐसा होता प्रतिबंध के बावजूद देश में एक ‘जहर’ की बिक्री धड़ल्ले से नहीं हो रही होती रही, खासकर उत्तर भारत के राज्यों में। वैसे, यह एक जरूरी हॉर्मोन है, लेकिन अगर इसे बिना जरूरत के लिया जाए तो यह जहर का काम करता है और शरीर के अहम अंगों को खासा नुकसान पहुंचा सकता है। इस हॉर्मोन का नाम ऑक्सीटोसिन है
इसका फलों, सब्जियों को जल्दी बड़ा करने और दुधारू पशुओं से ज्यादा दूध हासिल करने के लिए लंबे समय से दुरुपयोग किया जा रहा है। इस तरह के फलों, सब्जियों को खाने और ऐसा दूध पीने से सेहत को खासा नुकसान पहुंच सकता है। इसे देखते हुए सरकार ने काफी पहले इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी, बावजूद इसके देश के कई राज्यों में इसका प्रयोग किया जा रहा है।
हाईकोर्ट की फटकार पड़ी थी
हिमाचल हाईकोर्ट की कड़ी फटकार के बाद केंद्र सरकार ने 2018 में फलों-सब्जियों को बड़ा करने और दुधारू पशुओं से ज्यादा दूध निकालने के लिए ऑक्सीटोसिन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही सरकार ने इसकी सप्लाई सिर्फ अस्पतालों को ही किए जाने का आदेश भी जारी किया था।
इतने से बात न बनने पर इसके बाद सरकार ने इसके आयात पर रोक लगा दी थी और निजी कंपनियों के देश में ऑक्सीटोसिन बनाने पर भी रोक लगा दी थी, लेकिन इसके कारण देश में इसकी किल्लत हो गई थी। इसके बाद सरकार ने निजी कंपनियों को फिर से इसे बनाने की छूट दे दी।
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सीमा पार से भी ऑक्सीटोसिन की सप्लाई
बहरहाल सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद कृषि क्षेत्र से जुड़े सूत्र बताते हैं कि देश में ऑक्सीटोसिन का मिसयूज जारी है और यह अब भी आराम से मिल रहा है। सूत्र यह भी कहते हैं कि कई राज्यों में सीमा पार से भी ऑक्सीटोसिन की सप्लाई की जा रही है। इसके कारण इसके मिसयूज पर लगाम लगा पाने में दिक्कत आ रही है।
उनका यह भी कहना है कि देश में जब ऑक्सीटोसिन सिर्फ अस्पतालों को सप्लाई की जा सकती है तो इसका मतलब है कि कुछ अस्पतालों से यह इसका दुरुपयोग करने वालों तक पहुंच रही है या फिर कुछ कंपनियां भी इस काम में लिप्त हो सकती हैं, क्योंकि इसे ब्लैक में बेचने पर मुनाफा ज्यादा है।
क्या हैं ऑक्सीटोसिन के नुकसान
डिलीवरी को आसान बनाने, ब्लीडिंग रोकने और प्रसूता का दूध बढ़ाने के लिए ऑक्सीटोसिन का इस्तेमाल किया जाता है। अगर यह हॉर्मोन बिना जरूरत के शरीर में पहुंचता है तो यह किडनी और लीवर को नुकसान पहुंचा सकता है और इसके गंभीर नतीजे हो सकते हैं।
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By :-सुरेश उपाध्याय
संपादक :-हेमंत उपाध्याय