देहरादून: उत्तराखंड के लाखों राशन कार्ड उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर आ रही है। नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) देहरादून की ओर से एक नया मोबाइल एप तैयार किया गया है, जिसके माध्यम से उपभोक्ता अपने घर बैठे ही ई–केवाईसी कर सकेंगे। खास बात यह है कि इस एप के लॉन्च होने के बाद प्रदेश के करीब 54 लाख लोगों को अब ई–केवाईसी के लिए राशन की दुकानों तक बार–बार चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता विभाग की ओर से चल रही इस पहल का मुख्य उद्देश्य ई–केवाईसी प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और पूरी तरह डिजिटल बनाना है। अभी तक उपभोक्ताओं को अपनी जानकारी अद्यतन कराने के लिए डीलर केंद्रों या संबंधित कार्यालयों में जाना पड़ता था, जिससे कई लोगों को असुविधा होती थी। लेकिन अब NIC द्वारा बनाया गया यह नया एप पूरे सिस्टम को ऑनलाइन और आम जनता के लिए ज्यादा सुगम बना देगा।
एप एक-दो दिन में होगा लॉन्च
सूत्रों के अनुसार, NIC देहरादून की ओर से इस एप का परीक्षण चरण पूरा हो चुका है और इसे आगामी एक–दो दिन में आधिकारिक रूप से लॉन्च कर दिया जाएगा। एप के माध्यम से राशन कार्ड धारक अपने मोबाइल नंबर से लॉगिन कर, आधार नंबर और ओटीपी के जरिए अपनी ई–केवाईसी पूरी कर पाएंगे। इसके लिए उन्हें किसी भी दुकान या विभागीय दफ्तर में जाने की जरूरत नहीं होगी।इस प्रक्रिया से न केवल समय और मेहनत की बचत होगी, बल्कि सरकार को भी ई–केवाईसी सत्यापन से जुड़ी सूचनाओं को डिजिटल रूप में प्राप्त करने में आसानी होगी। एप लॉन्च होने के बाद इसकी जानकारी प्रदेश के सभी उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए व्यापक प्रचार अभियान भी चलाया जाएगा।
फर्जी राशन कार्ड धारकों पर लगेगी लगाम
देशभर में इस समय राशन कार्ड सत्यापन अभियान चलाया जा रहा है, ताकि फर्जी या डुप्लिकेट कार्डों की पहचान कर उन्हें समाप्त किया जा सके। उत्तराखंड में भी इस प्रक्रिया की अंतिम तिथि 15 दिसंबर निर्धारित की गई है। ऐसे में यह नया एप विभाग और उपभोक्ताओं, दोनों के लिए “विन–विन” स्थिति साबित हो सकता है।ई–केवाईसी के माध्यम से सरकार को यह पता चल सकेगा कि वास्तव में कौन से परिवार पात्र हैं और कौन मनमाने तरीके से योजना का लाभ उठा रहे हैं। यह प्रयास गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले उन लोगों के लिए भी फायदेमंद होगा, जिन्हें न्यायपूर्ण ढंग से खाद्य सुरक्षा का लाभ मिलना चाहिए।
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विभागीय अधिकारियों और डीलरों को भी राहत
अक्सर राशन डीलरों को लाभार्थियों की संख्या और उनके सत्यापन को लेकर कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता था। उपभोक्ताओं की लंबी कतारें, दस्तावेजों की जांच, और मैनुअल रिकॉर्ड अपडेट करने में समय लगता था। नए डिजिटल एप की मदद से यह प्रक्रिया अब स्वतः और सटीक रूप से पूरी हो सकेगी। विभागीय अधिकारी भी रियल टाइम डेटा के जरिए यह निगरानी रख पाएंगे कि किसने अपनी ई–केवाईसी कर ली है और कौन अब तक प्रक्रिया से वंचित है।
आम जनता के लिए बेहतर सुविधा
ई–केवाईसी एप का सबसे बड़ा लाभ आम उपभोक्ताओं को मिलेगा। ग्रामीण इलाकों में रहने वाले बुजुर्ग या दिव्यांग लोग, जिन्हें राशन डीलर के पास पहुंचने में दिक्कत होती है, अब अपने परिवार के मोबाइल के जरिए घर बैठे कुछ ही मिनटों में अपनी जानकारी सत्यापित कर सकेंगे। इससे प्रशासन और जनता के बीच पारदर्शिता भी बढ़ेगी।राज्य सरकार की इस पहल से स्पष्ट है कि अब उत्तराखंड तकनीक के माध्यम से जनता–सुविधा केंद्रित शासन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। डिजिटल इंडिया अभियान के अनुरूप यह प्रयास न केवल प्रशासनिक बोझ कम करेगा, बल्कि भ्रष्टाचार पर भी नकेल कसने में कारगर साबित होगा।
