33.3 C
Uttarakhand
Thursday, May 15, 2025

Low frequency मामला

क्या है एग्रीवॉलटिक्स (Agrivoltaics) ?

अमेरिका के सोलर फार्म किराये पर भेड़े ले रहे हैं, ये सोलर फार्म और भेड़ दोनों के लिए ही बढ़िया है। मैदान में घास की कटाई नहीं करनी पड़ती और भेड़ों को भूसे की जगह हरी घास मिल जाती है। इसमें पैसा बचता है, कार्बन उत्सर्जन कटता है और जगह की बर्बादी भी नहीं होती। सोलर फार्म और कृषि के इस मेल को एग्रीवॉलटिक्स (Agrivoltaics) कहा जाता है, अगर हम अमेरिका के 1 % कृषि भूमि पर सौर पैनल लगाते हैं तो यह अमेरिका की बिजली की 20% मांग को पूरा कर सकता है। अब आप भी एग्रीवॉलटिक्स (Agrivoltaics) को अपना सकते हैं।

इसे भी पढ़ें : भारत में बना अनूठा स्कूल (School) : लड़कियों की शिक्षा में मददगार, साथ ही इको फ़्रेंडली

अर्पण किये गए बाल ढक रहे विदेशियों के सर :- 

Low frequency मामला

भारत के कुछ मंदिरों में बाल अर्पण करने की परंपरा है, हालांकि बाल दान करने वाली कई महिलायें ये नहीं जानती कि इन बालों का होता क्या है? ये ना केवल मंदिर बल्कि कम्पनियों के लिए भी फायदेमंद कारोबार है। साफ – सफाई कर इन्हे बाजारों में बेचा जाता है। इनसे विग और हेयर एक्सटेंशन तैयार किये जाते हैं । 1 किलो बाल के 27000 रुपए तक मिल सकते हैं। इन बालों को 55 से अधिक देशों को निर्यात किया जाता है, जो मंदिर महिलाओं से मुफ़्त में बाल लेता है उनका कहना है कि वे इस पैसे का उपयोग गरीबों को खाना खिलाने, अस्पतालों में, विश्वविद्यालयों में करते हैं, यदि कोई बाजार नहीं होता तो इन बालों को फेंकना पड़ता। विदेशों में इन बालों की बहुत मांग है, जो बाल भारत से जाते हैं वे अच्छी गुणवत्ता के होते हैं । इनकी सबसे अधिक मांग यूरोप में हैं जहां इन बालों से सलोन (Salon) हेयर एक्सटेंशन के लिए 1 हजार यूरो तक वसूलते हैं। इस तरह भारत के मंदिरों में दान किये गए बाल विदेशियों के सर ढक रहे हैं।

एक भारतीय रैपर जिसने जाने-माने अमेरिकी रैपर केंड्रिक लैमर को भी पीछे छोड़ दिया :

Low frequency मामला

31 साल के एक भारतीय रैपर और उनके एक रैप गीत की चर्चा आजकल पूरी दुनिया में है। हनुमानकाइन्ड नाम से मशहूर केरल में जन्मे सूरज चेरुकुट के ट्रैक ‘बिग डॉग्स’ ने बहुत कम समय में न सिर्फ़ ग्लोबल चार्ट्स में अपनी जगह बनाई बल्कि जाने-माने अमेरिकी रैपर केंड्रिक लैमर के ट्रैक ‘नॉट लाइक अस’ को भी पीछे छोड़ दिया है।

कितने हिट्स और व्यूज़ :

निर्माता कलमी रेड्डी और निर्देशक बिजॉय शेट्टी के सहयोग से जुलाई में रिलीज़ हुआ सूरज का यह रैप गीत अब तक स्पॉटिफ़ाई पर 13.2 करोड़ बार सुना जा चुका है।  वहीं यूट्यूब पर इसे 8.3 करोड़ व्यूज़ मिल चुके हैं।

कैसे हुई शुरुआत : 

सूरज का जन्म भारत के दक्षिण राज्य केरल में हुआ।  लेकिन उनका बचपन दुनिया के कई अन्य देशों मे बीता।  उनके पिता एक तेल कंपनी में काम करते हैं, इस कारण सूरज फ्रांस, नईजेरिया मिस्र और दुबई में रह चुके हैं।

अपने जीवन का शुरुआती समय ह्यूस्टन और टेक्सास में बिताने के कारण सूरज बचपन से ही ह्यूस्टन की हिप-हॉप संस्कृति से प्रभावित रहे। यहीं से संगीत में उनके कैरियर की नींव भी पड़ी।

सूरज के गीत भी उनकी निजी जिंदगी की तरह, महानगरीय पहचान को छोड़कर भारतीय जड़ों के साथ फिर से जुड़ने की उनकी कोशिश को दिखाते हैं।

उनके गीत अक्सर दक्षिण भारत में आम लोगों के जीवन के संघर्ष पर आधारित होते हैं।  गीत में कानों को पसंद आने वाली लय-ताल के साथ हार्ड-हिटिंग डायलॉग डिलीवरी इसे बिल्कुल अलग रूप में पेश करता है।  बीच-बीच में तबले के बीट्स और सिंथेसाइज़र, उनके रैप को अलग ही पहचान देते हैं।

बेंगलुरु की गलियों में शूट किए गए अपने गानों में सूरज देश के सामने मौजूद समस्याओं पर प्रहार करते हैं।  ‘चंगेज़’ नाम के उनके एक गीत के बोल इस तरह हैं “हमारे देश में समस्याएं हैं ही इसलिए क्योंकि लड़ाई के समय भी हम लोग आपस में बंटे होते हैं। “

‘बिग डॉग्स’ समृद्धि और विलासिता का परिचय कराने वाली मुख्यधारा की रैप से बिल्कुल अलग है।  मुख्यधारा की रैप में इस्तेमाल किए जाने वाले सुंदर और मंहगी कारों की बजाय सूरज अपने रैप सॉन्ग्स में छोटे शहर के स्टंटमैन की ज़िंदगी को हाईलाइट करते हैं।

ये स्टंटमैन ग़रीब परिवारों से आते हैं जो बड़ा जोखिम लेकर मौत के कुंए मे काम करते हैं।  भारत में ये स्टंट की ये कला अब लगभग विलुप्ति की कगार पर है।

स्टंटमैन के बारे में बात करते हुए सूरज ने कॉम्प्लेक्स वेबसाईट से कहा था, “ये वो लोग हैं जो असल में जोखिम लेते हैं….. असली खिलाड़ी यही हैं। ”

इस पर सूरज ने एक बार कहा भी था. उन्होंने कहा था, “आप अपनी जड़ों से जुड़े रहते हैं। इसके साथ ही यह आप पर निर्भर करता है कि अपनी ईमानदारी से समझौता किए बगैर, आप माहौल के अनुसार तालमेल बिठाते हैं या प्रवाह के साथ चलते हैं। “

Follow us on Google News Follow us on WhatsApp Channel
Mamta Negi
Mamta Negihttps://chaiprcharcha.in/
Mamta Negi चाय पर चर्चा" न्यूज़ पोर्टल के लिए एक मूल्यवान सदस्य हैं। उनका विभिन्न विषयों का ज्ञान, और पाठकों के साथ जुड़ने की क्षमता उन्हें एक विश्वसनीय और जानकारीपूर्ण समाचार स्रोत बनाती है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

153FansLike
32FollowersFollow
7FollowersFollow
68SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles