द्वाराहाट (अल्मोड़ा)। द्वाराहाट वन क्षेत्र में बीते कुछ दिनों से गुलदार के आतंक ने ग्रामीणों में दहशत फैलाकर रख दी है। लगातार बढ़ रहे मानव-वन्यजीव संघर्ष को देखते हुए वन विभाग पूरी तरह सतर्क मोड पर आ गया है। वन क्षेत्राधिकारी द्वाराहाट गोपाल दत्त जोशी के नेतृत्व में विभागीय टीम ने ग्राम गनाई सहित आसपास के प्रभावित क्षेत्रों में गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया है।बताया गया कि हाल ही में गुलदार की सक्रियता ग्राम गनाई, ध्याड़ी और गुप्टली क्षेत्रों में अधिक देखी जा रही थी। इससे पूर्व विभाग ने गुप्टली और ध्याड़ी गांवों में भी पिंजरे लगाए थे, ताकि गुलदार को सुरक्षित तरीके से पकड़ा जा सके। साथ ही गुलदार की गतिविधियों की निगरानी के लिए विभाग ने ट्रैप कैमरे भी लगाए हैं, जिससे उसकी मूवमेंट पर लगातार नजर रखी जा सके।
प्रभावित इलाकों में वन विभाग की टीमें लगातार गश्त कर रही हैं और रात के समय विशेष सतर्कता बरती जा रही है। इसके अलावा, संभावित हमलों को रोकने और ग्रामीणों में जागरूकता बढ़ाने के लिए जनजागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं। विभाग की ओर से ग्रामीणों को गुलदार से बचाव के लिए कई अहम दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इनमें सांयकाल के बाद अकेले घर से बाहर न निकलने, घर के आसपास झाड़ियां साफ रखने, पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था करने, तथा बच्चों और महिलाओं को समूह में आवाजाही करने की सलाह दी गई है।गुलदार प्रभावित इलाकों में आने वाले गांवों—गवाड़, इड़ा, कांडे, जमीनीपार, बुधीना, जमीनिवार, भंडारगांव, उलेनी, चितेली, गनाई, ध्याड़ी और गुप्टली—में वन विभाग की टीमें लगातार भ्रमण कर रही हैं।
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ग्रामीणों से अपील की जा रही है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि या गुलदार की सूचना तत्काल विभाग को दें ताकि शीघ्र कार्रवाई हो सके।इस अभियान में वन क्षेत्राधिकारी गोपाल दत्त जोशी के साथ उपराजिक मनमोहन तिवारी, वन दरोगा पंकज तिवारी, राहुल कुमार, सतपाल सिंह, प्रदीप, रवि नैलवाल, वन बीट अधिकारी ललित रौतेला, मनोज कुमार, दिनेश भट्ट, शेखर नाथ, तनुजा पाठक, सोनिया, विद्या, रुचि, मनोज सिंह और तारा नेगी सहित विभाग के कई कर्मचारी लगातार मुस्तैदी से काम कर रहे हैं।वन विभाग का कहना है कि यह प्रयास न केवल गुलदार को पकड़ने की दिशा में हैं, बल्कि ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने का भी हिस्सा हैं। विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि घबराएं नहीं, बल्कि प्रशासनिक निर्देशों का पालन करते हुए सतर्क रहें ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके।

