Home साहित्य दौड़ (लघु कथा)

दौड़ (लघु कथा)

0

पटवारी पद के सैकड़ों उम्मीदवार शारीरिक दमखम साबित करने के लिए दस किलोमीटर लंबी दौड़ में हिस्सा ले रहे थे। वह भी एक उम्मीदवार था और काँखता – कराहता किसी तरह दौड़ रहा था। उसे यह देख कर हैरानी हुई कि अभ्यास न होने और सिगरेट की लत के बावजूद वह इतना कैसे दौड़ गया। नौकरी का लालच शक्तिवर्धक का काम कर रहा है शायद, उसने सोच।

“महेश भाई ” किसी ने उसका नाम पुकारा। पीछे मुड़ कर देखा तो उसी के मोहल्ले का एक लड़का उसे हाथ के इशारे से रुकने को कह रहा था। “कम ऑन हेमंत, कम ऑन”  उसने कहा और हेमंत के इंतजार मे रुक कर धीरे – धीरे उछलने लगा, रस्सी कूद की तरह ।

“भाड़ मे गई यार ऐसी नौकरी” पास आने पर हेमंत ने कहा “क्या तुक है भला इस दौड़ का ?”  इतना तो मिलिट्री वाले भी नहीं दौड़ाते…….।  वे दोनों धीरे-धीरे फिर दौड़ने लगे, “बेमतलब की ड्रामेबाज़ी है महेश भाई, असल चीज पैसा है। जिसे नौकरी मिलने वाली होगी वो आराम से घर बैठ होगा, हम उल्लू के पट्ठे जान देने पर तुले हैं । वो तो अच्छा हुआ मैंने एकाध गोली स्टेरॉइड की ले ली थी, वरना कब का लुढ़क गया होता।”

 इसे भी पढ़ें : शोध (Research) कहता है जन्म से तय नहीं होती किस्मत

महेश को हेमंत की बातें अच्छी लगीं, वाकई सच ही तो कह रहा है उसने सोचा और बार – बार रुकने की बात करने वाले हेमंत का हौसला बढ़ाता रहा। सड़क के किनारे खिले पीले – पीले जंगली फूल पीछे छूट रहे थे। आगे कंटीली झाड़ियाँ थी ।

“मैं तो यार बैठता हूँ यहीं कहीं छाया में, अब और दो कदम दौड़ा तो हार्ट फेल हो जाएगा। ”  हेमंत सड़क की बीचों – बीच दोहरा होकर बुरी तरह हांफने लगा, “इस दौड़ के लिए जान थोड़ी देनी है यार …. इंसान जिंदा रहा तो कहीं भी दो रोटी कमा खाएगा। तुम जाओ, मुझे छोड़ो।”

landscape 78058 1280 दौड़ (लघु कथा)

उसने हेमंत को च्युइंगम दिया और हिम्मत न हारने की बात करता हुआ लघुशंका के लिए किनारे खड़ा हो गया। उधर हेमंत एकाएक झटके से सीधा हुआ और बिदके हुए घोड़े की तरह भाग छूटा। वह ‘हेमंत – हेमंत’ पुकारता रह गया। हेमंत ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। तभी उसका ध्यान अगले मोड़ से उठ रहे शोर- गुल की तरफ गया। उसने नागफनी की झाड़ियों की ओट से देखा कि हेमंत सहित दर्जनों लड़के सड़क के आर – पार तने लाल रिबन को पहले छूने की होड़ में  एक दूसरे को रौंद कर आगे निकल जाना चाहते थे।

__दौड़ (लघु कथा)
__लेखक – शंभू राणा

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version