यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन परीक्षा: पूरे विश्व में यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन परीक्षा (UPSC Exam) को सबसे कठिन एग्जाम में से एक माना जाता है। वहीं भारत में इसे सबसे कठिन एग्जाम माना जाता है। उम्मीदवार इसी एग्जाम को पास करने के बाद ही आईएएस(IAS), आईपीएस(IPS), आईईएस(IES) या आईएफएस(IFS) जैसे पदों पर पोस्ट होते हैं। हालांकि इन सभी अधिकारियों के बीच सबसे ज्यादा चर्चा आईएएस को लेकर होती है। इस परीक्षा की तैयारी करने वाले ज्यादातर युवा का सपना होता है कि, वे हाई रैंक से परीक्षा को क्रैक कर आईएएस बनें। इस आर्टिकल के माध्यम से आइए हम जानते हैं कि एक आईएस अधिकारी को क्या पावर मिलती है, उनका कार्य क्या है और जिम्मेदारियां क्या होती हैं।
इस तरह होता है IAS अधिकारी का चयन
आईएएस अधिकारी का चयन UPSC के एग्जाम में मिले उनके रैंक के अनुसार होता है। इस एग्जाम में टॉप रैंक वालों को आईएएस पोस्ट मिलता है, लेकिन कई बार टॉप रैंक पाने वालों का प्रेफरेंस IPS या IFS होता है तो निचले रैंक वालों को भी IAS की पोस्ट मिल सकती है। इसके बाद की रैंक वालों को आईपीएस और आईएफएस पोस्ट मिलती है।
आईएएस ऑफिसर की ट्रेनिंग
एग्जाम में चुने गए उम्मीदवारों की ट्रेनिंग मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (LBSNAA) में होती है। यहां पर सभी रैंक वाले ऑफिसर को 3 महीने की फाउंडेशन ट्रेनिंग दी जाती है। इस कोर्स में बेसिक एडमिनिस्ट्रेटिव स्किल सिखाए जाते हैं, जिन्हें जानना हर सिविल सेवा अधिकारी के लिए जरूरी होता है। इसके बाद आईएएस ऑफिसर को मसूरी में ही पूरी ट्रेनिंग दी जाती है। यहां उन्हें एडमिस्ट्रेशन, पुलिसिंग व गवर्नेंस के हर सेक्टर की जानकारी दी जाती है। साथ ही एकेडमी के अंदर कुछ खास एक्टिविटीज कराई जाती हैं, जिसमें मेंटल और फिजिकल स्ट्रेंथ के लिए हिमालय की कठिन ट्रैकिंग भी शामिल है।
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आईएएस ऑफिसर की पोस्टिंग
ट्रेनिंग के बाद उन्हें उनके कैडर में भेज दिया जाता है। जहां पर उन्हें किसी विशेष क्षेत्र या विभाग का प्रशासन सौंपा जाता है। उन्हें अपने संबंधित क्षेत्रों के विकास के लिए प्रस्ताव बनाने व सरकारी नीतियों को लागू करने के साथ-साथ महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए कार्यकारी शक्तियां दी जाती हैं। आईएएस अधिकारी की पहली पोस्टिंग सब डिविजनल मजिस्ट्रेट के रूप में मिलती है। इसके बाद उन्हें जिला मजिस्ट्रेट और उपायुक्त के पोस्ट पर प्रमोशन मिलता है। केंद्र व राज्य सचिवालय के पदों पर IAS अधिकारियों की जरूरत होती है, जो PSU प्रमुख के रूप में काम करते हैं। एक आईएएस जिला स्तर पर कार्य करने के अलावा एक कैबिनेट सचिव के साथ-साथ संयुक्त सचिव, उपसचिव और अवर सचिव के रूप में भी कार्य करता है। यह भारत का सर्वोच्च पद है जिस पर सिर्फ एक IAS ऑफिसर ही तैनात किया जा सकता है। स्टेट में भी टॉप पोस्ट चीफ सेक्रेटरी की होती है जो एक IAS होता है।
आईएएस ऑफिसर की जिम्मेदारी व पावर
एक आईएएस ऑफिसर का कोई ड्रेस कोड नहीं होता और वे फॉर्मल ड्रेस में रह कर कार्य करते हैं। उन्हें अपने संबंधित क्षेत्रों के विकास के लिए प्रस्ताव बनाने की आवश्यकता होती है और उन्हें सभी नीतियों को लागू करने के साथ-साथ महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए कार्यकारी शक्तियां दी जाती हैं। एक आईएएस ऑफिसर जिलाधिकारी के रूप में काफी ज्यादा पावरफुल होता है। एक आईएस के पास जिले के सभी विभाग की जिम्मेदारी होती है। वह जिलाधिकारी के रूप में पुलिस विभाग के साथ साथ अन्य विभागों का भी मुखिया होता है। डिस्ट्रिक्ट की पुलिस व्यवस्था की जिम्मेदारी भी जिलाधिकारी के पास ही होती है। जिले में निषेधाज्ञा, धारा 144 इत्यादि लॉ एंड आर्डर से जुड़े सभी निर्णय एक डीएम ही लेता है। भीड़ पर कार्रवाई करने या फायरिंग जैसे आर्डर भी डीएम दे सकता है।
जानें आईएएस ऑफिसर की सैलरी व सुविधाएं
एक आईएएस ऑफिसर को शानदार सैलरी मिलती है। सातवें पे कमीशन के तहत इनकी सैलरी 56,100 से 2.5 लाख रुपये प्रति महीने होती है। मूल वेतन और ग्रेड पे के अलावा इन्हें डियरनेस अलाउंस, हाउस रेंट अलाउंस, मेडिकल अलाउंस और कन्वेंशन अलाउंस भी मिलता है। इसके अलावा आईएएस अधिकारियों को बंगला, कुक, गार्डनर, सुरक्षा गार्ड और अन्य घरेलू सहायता जैसे अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं। इन अधिकारियों को मुफ्त में या फिर अधिक सब्सिडी पर बिजली और टेलिफोनिक सेवाएं मिलती हैं।
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एक आईएएस अधिकारी की जिम्मेदारियां और कर्तव्य की विस्तृत जानकारी
इस अनुभाग में, हम एक आईएएस अधिकारी की मुख्य जिम्मेदारियों और कर्तव्यों का पता लगाएंगे, जिसमें प्रभावी शासन के लिए महत्वपूर्ण गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है।
1. नीति निर्माण और कार्यान्वयन
आईएएस अधिकारी का प्राथमिक कर्तव्य सरकारी नीतियों के निर्माण और कार्यान्वयन में सक्रिय रूप से शामिल होना है। वे नीति निर्माताओं के साथ मिलकर काम करते हैं, डेटा का विश्लेषण करते हैं और सामाजिक आवश्यकताओं और चुनौतियों को संबोधित करने वाली नीतियों को आकार देने के लिए मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं। इसके अलावा, वे जमीनी स्तर पर इन नीतियों के सफल क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
2. प्रशासनिक पर्यवेक्षण
आईएएस अधिकारी अपने निर्धारित क्षेत्रों में विभिन्न प्रशासनिक गतिविधियों की निगरानी के लिए जिम्मेदार होते हैं। सार्वजनिक सेवाओं की देखरेख से लेकर विकास परियोजनाओं की निगरानी तक, वे सरकारी पहलों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करते हैं और कानून व्यवस्था बनाए रखते हैं।
3. राजस्व सृजन और प्रबंधन
राजस्व सृजन और प्रबंधन में आईएएस अधिकारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे वित्तीय मामलों को संभालते हैं, विकास परियोजनाओं के लिए धन आवंटित करते हैं और जनता के लिए लाभ को अधिकतम करने के लिए संसाधनों का उचित उपयोग सुनिश्चित करते हैं।
4. संकट प्रबंधन और आपदा राहत
संकट या प्राकृतिक आपदाओं के समय, आईएएस अधिकारी सबसे आगे रहते हैं, राहत कार्यों का समन्वय करते हैं और प्रभावित समुदायों को सहायता प्रदान करते हैं। ऐसी स्थितियों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए उनकी त्वरित निर्णय लेने की क्षमता और नेतृत्व कौशल आवश्यक हैं।
5. चुनाव कराना
आईएएस अधिकारियों को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जाती है। वे सुनिश्चित करते हैं कि चुनावी प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से हो, जिससे देश के लोकतांत्रिक सिद्धांतों की रक्षा हो।
6. विकासात्मक परियोजनाएं और योजनाएं
आईएएस अधिकारी विभिन्न विकास परियोजनाओं और सरकारी योजनाओं की योजना बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने में शामिल होते हैं। उनका ध्यान बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य सुविधाओं, शिक्षा और समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास में सुधार पर होता है।
7. लोक शिकायत निवारण
जनता की शिकायतों का समाधान करना आईएएस अधिकारी के कर्तव्य का एक महत्वपूर्ण पहलू है। वे सरकार और नागरिकों के बीच एक सेतु के रूप में कार्य करते हैं, सक्रिय रूप से मुद्दों का समाधान करते हैं और शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करते हैं।
8. न्यायिक कार्य
कुछ मामलों में, आईएएस अधिकारी न्यायिक मजिस्ट्रेट के रूप में भी काम करते हैं। वे प्रशासनिक और सिविल विवादों से संबंधित मामलों की अध्यक्षता करते हैं और निर्णय सुनाते हैं, जिससे न्याय सुनिश्चित होता है।
9. सरकार का प्रतिनिधित्व करना
आईएएस अधिकारी विभिन्न मंचों और अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडलों में सरकार का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनकी भूमिका में समझौतों पर बातचीत करना, वैश्विक मामलों पर भारत का रुख प्रस्तुत करना और राजनयिक संबंधों को बढ़ावा देना शामिल है।
10. अंतरविभागीय समन्वय
आईएएस अधिकारी समान लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अन्य सरकारी विभागों के साथ मिलकर काम करते हैं। वे विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय की सुविधा प्रदान करते हैं और परियोजनाओं के निर्बाध कार्यान्वयन को सुनिश्चित करते हैं।
11. कानून और व्यवस्था बनाए रखना
कानून और व्यवस्था सुनिश्चित करना आईएएस अधिकारी की भूमिका का एक महत्वपूर्ण पहलू है। वे कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सहयोग करते हैं और आपराधिक गतिविधियों को रोकने और उनसे निपटने के लिए उपाय करते हैं।
12. मानव संसाधन प्रबंधन
आईएएस अधिकारी अपने-अपने प्रशासनिक क्षेत्रों में मानव संसाधन के प्रबंधन की देखरेख भी करते हैं। वे सरकारी अधिकारियों की भर्ती, पदोन्नति और स्थानांतरण से संबंधित मामलों को संभालते हैं।
13. पर्यावरण संरक्षण और स्थिरता
पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास को बढ़ावा देना एक आईएएस अधिकारी की दूसरी जिम्मेदारी है। वे पर्यावरण चुनौतियों को कम करने और विकास परियोजनाओं में पर्यावरण अनुकूल प्रथाओं को एकीकृत करने की दिशा में काम करते हैं।
14. सांस्कृतिक संरक्षण
IAS अधिकारी भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे सांस्कृतिक कार्यक्रमों का समर्थन करते हैं, पारंपरिक कलाओं को बढ़ावा देते हैं और ऐतिहासिक स्मारकों का संरक्षण सुनिश्चित करते हैं।
15. जनसंपर्क संभालना
आईएएस अधिकारी अक्सर अपने क्षेत्रों में सरकार का चेहरा होते हैं। वे सार्वजनिक बातचीत में शामिल होते हैं, सामुदायिक चिंताओं को संबोधित करते हैं और जनता के साथ सकारात्मक संबंध बनाते हैं।
16. संकटकालीन निर्णय लेना
अप्रत्याशित परिस्थितियों के दौरान, आईएएस अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्णय तेजी से लेने की आवश्यकता होती है। दबाव में सूचित निर्णय लेने की उनकी क्षमता संकटों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में महत्वपूर्ण है।
17. पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देना
आईएएस अधिकारी शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही की वकालत करते हैं। वे सुशासन के सिद्धांतों को कायम रखते हैं और भ्रष्टाचार और कदाचार को खत्म करने की दिशा में काम करते हैं।
18. वित्तीय एवं बजटीय योजना
आईएएस अधिकारी विभिन्न सरकारी परियोजनाओं के लिए बजट और वित्तीय योजनाएँ तैयार करने के लिए जिम्मेदार होते हैं। उनकी वित्तीय कुशलता संसाधनों के प्रभावी आवंटन को सुनिश्चित करती है।
19. कल्याणकारी पहल
आईएएस अधिकारी समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों के उत्थान के उद्देश्य से कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। वे एक समावेशी और समतामूलक समाज बनाने का प्रयास करते हैं।
20. अंतर्राष्ट्रीय संबंध
विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से मिलना-जुलना और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भाग लेना आईएएस अधिकारी की जिम्मेदारियों का हिस्सा है। वे वैश्विक मंच पर भारत के हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
21. शासन पद्धतियों में नवीनता लाना
आईएएस अधिकारी नवीन शासन पद्धतियों के विकास और कार्यान्वयन में योगदान देते हैं जो दक्षता और सेवा वितरण को बढ़ाते हैं।
22. सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रबंधन
स्वास्थ्य देखभाल प्रबंधन और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं का प्रावधान ऐसे क्षेत्र हैं जहां आईएएस अधिकारी महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
23. शिक्षा के मानकों को बढ़ाना
आईएएस अधिकारी शैक्षिक सुधारों को लागू करके और समावेशी शिक्षण वातावरण को बढ़ावा देकर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने की दिशा में काम करते हैं।
24. ग्रामीण विकास
ग्रामीण क्षेत्रों का समग्र विकास सुनिश्चित करना आईएएस अधिकारियों की प्राथमिकता है। वे कृषि विकास, बुनियादी ढांचे और आजीविका बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
25. शहरी नियोजन और विकास
शहरी क्षेत्रों में, आईएएस अधिकारी निवासियों के जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए विकास परियोजनाओं की योजना बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने के लिए जिम्मेदार होते हैं।
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