नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के तिहाड़ जेल में वजन कम होने का पार्टी आरोप लगा रही है. साथ ही साथ शुगर लेवल कम होने की वजह से नींद के दौरान कोमा में जाने की आशंका भी जता रही है. इन सब आरोपों को तिहाड़ जेल प्रशासन ने खारिज कर दिया है और वजन कम होने के दावे पर गृह विभाग को पत्र लिखा है।
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जेल सुपरिटेंडेंट के मुताबिक, 1 अप्रैल 2024 को जब केजरीवाल पहली बार तिहाड़ आए तो उनका वजन 65 किलो था. 10 मई को जब अरविंद केजरीवाल तिहाड़ से निकलें तो उनका वजन 64 किलो था. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए केजरीवाल को 21 दिनों की अंतरिम जमानत दी थी. उन्हें 10 मई से लेकर 1 जून तक चुनाव प्रचार के लिए जमानत मिली थी. जमानत की अवधि खत्म होने के बाद उन्होंने सरेंडर कर दिया था।
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ED ने कहा था- केजरीवाल आम-मिठाई खा रहे, ताकि ब्लड शुगर बढ़े और जमानत मिले
ED ने 18 अप्रैल को राउज एवेन्यू कोर्ट में कहा था कि केजरीवाल खराब सेहत का बहाना देकर जमानत लेना चाहते हैं। एजेंसी ने दावा किया था कि दिल्ली सीएम तिहाड़ जेल में जानबूझकर मीठा खा रहे हैं, ताकि इससे उनका शुगर लेवल बढ़ जाए और उन्हें मेडिकल के आधार पर जमानत मिल जाए। ED ने कहा कि केजरीवाल को टाइप-2 डायबिटीज है, लेकिन वह जेल में आलू पूड़ी, आम और मीठा खा रहे हैं। कोर्ट ने केजरीवाल को घर का खाना खाने की अनुमति दी है।जांच एजेंसी के आरोपों पर केजरीवाल ने 19 अप्रैल को कोर्ट में बताया था कि उनके घर से 48 बार खाना आया, उसमें से केवल 3 बार ही आम आए थे। 8 अप्रैल के बाद से उनके घर से आम नहीं भेजे गए। एक बार घर पर पूजा के बाद आलू पूड़ी आया था।