India Post Payments Bank को डिजिटल पेमेंट्स अवॉर्ड
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) को वित्त मंत्रालय द्वारा वर्ष 2024-25 के डिजिटल पेमेंट्स अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। यह अवॉर्ड IPPB को देशभर में डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने और वित्तीय समावेशन को सशक्त रूप से लागू करने के लिए दिया गया है।
यह सम्मान दिल्ली में आयोजित एक समारोह में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और राज्य मंत्री (वित्त) पंकज चौधरी ने IPPB के एमडी एवं सीईओ आर. विश्वेश्वरन और सीजीएम जी. राय बंसल को प्रदान किया।
DFS परफॉर्मेंस इंडेक्स में टॉप पर रहा IPPB
वित्तीय सेवा विभाग (DFS) द्वारा जारी परफॉर्मेंस इंडेक्स 2024-25 में IPPB ने सभी पेमेंट्स बैंकों में प्रथम स्थान हासिल किया है। पिछले वर्ष इसे “स्पेशल मेंशन” श्रेणी में रखा गया था, जबकि इस वर्ष यह टॉप पर रहा। DFS रैंकिंग बैंक के डिजिटल ट्रांजेक्शन, पहुंच, नवाचार और ग्राहक सेवा जैसे मानकों पर आधारित होती है।
पोस्टमैन और ग्रामीण डाक सेवकों से घर-घर बैंकिंग
IPPB की स्थापना 2018 में हुई थी और यह डाक विभाग की पूर्ण स्वामित्व वाली शाखा है। यह बैंकिंग सेवाएं पेपरलेस, कैशलेस और प्रेज़ेंसलेस तरीकों से प्रदान करता है।
- बैंक की सेवाएं करीब 2 लाख पोस्टमैन और ग्रामीण डाक सेवकों के माध्यम से देशभर में उपलब्ध कराई जा रही हैं।
- ये सेवाएं स्मार्टफोन और बायोमेट्रिक किट्स के जरिये दी जाती हैं।
- IPPB का नेटवर्क 1.65 लाख पोस्ट ऑफिस (जिसमें से 1.4 लाख ग्रामीण क्षेत्रों में) को कवर करता है।
- अब तक 11 करोड़ ग्राहक इससे जुड़े हैं जो 5.6 लाख गांवों और कस्बों में फैले हुए हैं।
बैंक का विजन: हर भारतीय तक डिजिटल सशक्तिकरण
IPPB के एमडी और सीईओ आर. विश्वेश्वरन ने कहा,
“यह पुरस्कार हमारी उस निरंतर कोशिश का प्रमाण है जिसमें हम डिजिटल फाइनेंशियल सर्विस को हर नागरिक तक सुरक्षित और भरोसेमंद तरीके से पहुंचा रहे हैं। हम आने वाले समय में भी नवाचार और सुरक्षा के साथ देश को डिजिटल रूप से सशक्त बनाते रहेंगे।”
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) की स्थापना संचार मंत्रालय के अंतर्गत डाक विभाग द्वारा की गई है, जिसमें भारत सरकार की 100% हिस्सेदारी है। इस बैंक की शुरुआत 1 सितंबर 2018 को की गई थी। IPPB की स्थापना इस उद्देश्य से की गई है कि आम जनता के लिए सबसे सुलभ, किफायती और विश्वसनीय बैंकिंग सेवा उपलब्ध कराई जा सके।
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इस बैंक का मुख्य उद्देश्य उन लोगों तक बैंकिंग सेवाएं पहुँचाना है जो अब तक बैंकिंग व्यवस्था से दूर रहे हैं — विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज़ क्षेत्रों में। IPPB लगभग 1.65 लाख डाकघरों (जिनमें से 1.4 लाख ग्रामीण क्षेत्रों में हैं) और 3 लाख से अधिक डाक कर्मचारियों के नेटवर्क के माध्यम से देश के अंतिम छोर तक सेवाएं पहुंचाता है।
बैंकिंग का नया मॉडल: पेपरलेस, कैशलेस, प्रेज़ेंसलेस
IPPB का संचालन मॉडल इंडिया स्टैक जैसे डिजिटल ढांचे पर आधारित है, जो ग्राहकों को पेपरलेस, कैशलेस और प्रेज़ेंसलेस बैंकिंग सेवाएं उनके दरवाज़े पर ही प्रदान करता है। इसके लिए CBS-संयुक्त स्मार्टफोन और बायोमेट्रिक डिवाइस का उपयोग किया जाता है।
13 भाषाओं में 11 करोड़ ग्राहकों को सेवा
सरल और सुलभ बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए IPPB 13 भारतीय भाषाओं में इंटरफेस प्रदान करता है, जिससे यह 5.57 लाख गांवों और कस्बों में 11 करोड़ से अधिक ग्राहकों तक पहुंच बना चुका है।
डिजिटल इंडिया और कम-नकदी अर्थव्यवस्था की दिशा में योगदान
IPPB का उद्देश्य कम-नकदी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना और डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करना है। बैंक का विश्वास है कि भारत तभी समृद्ध बनेगा जब हर नागरिक को आर्थिक रूप से सशक्त और सुरक्षित होने का समान अवसर मिलेगा।
हर ग्राहक महत्वपूर्ण है, हर लेनदेन का महत्व है, और हर जमा पूंजी अमूल्य है।
डिजिटल भारत मिशन को मजबूत आधार
यह सम्मान केंद्र सरकार के कम-नकद (Less-cash), डिजिटल अर्थव्यवस्था के विजन को और मजबूती देता है। IPPB का उद्देश्य शहरी-ग्रामीण अंतर को पाटना और हर नागरिक को डिजिटल बैंकिंग सेवाओं से जोड़ना है।
निष्कर्ष:
India Post Payments Bank को मिला यह सम्मान यह दर्शाता है कि कैसे पारंपरिक डाक सेवाओं के माध्यम से देश के सबसे दूरदराज़ क्षेत्रों तक भी डिजिटल बैंकिंग को सुलभ बनाया जा सकता है। यह भारत के वित्तीय परिदृश्य में बदलाव लाने वाला एक बड़ा कदम है।