द्वाराहाट: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रविवार को अल्मोड़ा जिले के विजयपुर तोक धनखल (द्वाराहाट) पहुंचे, जहाँ उन्होंने पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री एवं नैनीताल सांसद अजय भट्ट के भाई स्वर्गीय राम दत्त के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने शोकाकुल परिवार से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया और इस दुखद घड़ी में ईश्वर से परिवार को धैर्य और शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की।मुख्यमंत्री धामी ने दिवंगत आत्मा के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि राम दत्त जी एक मिलनसार, सरल स्वभाव और कर्मठ व्यक्ति थे। उन्होंने कहा, जब भी उनसे भेंट होती थी, वे सदा मुस्कुराते हुए आत्मीयता से मिलते थे। उनके निधन का समाचार सुनकर मन अत्यंत व्यथित हुआ है।
मुख्यमंत्री ने भगवान से प्रार्थना की कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करें।इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने परिवार के सदस्यों से भावुक बातचीत की और उन्हें सांत्वना देते हुए कहा कि प्रियजन का वियोग असहनीय होता है, लेकिन उनके जाने के बाद भी उनकी स्मृतियाँ और कर्म समाज को प्रेरित करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि राम दत्त जी जैसे व्यक्तित्व सदैव लोगों के हृदय में जीवित रहते हैं और उनका योगदान समाज के लिए प्रेरणास्रोत रहेगा।मुख्यमंत्री के आगमन पर क्षेत्र के लोगों ने भी दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की और शोकाकुल परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी का स्वयं शोक सभा में पहुँचना यह दर्शाता है कि वे संवेदनशील नेतृत्व के प्रतीक हैं, जो जनता के सुख-दुख में सदैव साथ खड़े रहते हैं। राम दत्त जी, जो सांसद अजय भट्ट के भाई थे, अपने सामाजिक कार्यों और मिलनसार स्वभाव के कारण क्षेत्र में अत्यंत लोकप्रिय थे। उनके निधन से स्थानीय जनमानस में शोक की लहर है।
यह भी पढ़ें:द्वाराहाट में दर्दनाक हादसा: खाई में गिरी मैक्स, चालक की मौत, तीन घायल
परिवारजनों और क्षेत्रवासियों ने उनके योगदान और व्यवहार को स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने सादगी, सेवा और सकारात्मकता से भरा जीवन व्यतीत किया।मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि दुख की इस घड़ी में राज्य सरकार और पूरा समाज परिवार के साथ खड़ा है। उन्होंने उपस्थित प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए कि परिवार को हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाए।मुख्यमंत्री की इस यात्रा के दौरान जिला प्रशासन के अधिकारी, जनप्रतिनिधि और स्थानीय नागरिक भी मौजूद रहे। समग्र रूप से मुख्यमंत्री का यह दौरा न केवल शोक संवेदना प्रकट करने का अवसर था, बल्कि मानवीय संबंधों और संवेदनाओं की मिसाल भी रहा।
