चमोली: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2025 के लिए अगले सप्ताह से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू होने जा रहा है. इस संबंध में प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी हैं. इस बार यात्रा के पहले महीने में किसी भी यात्री को वीआईपी सुविधा नहीं मिलेगी. यानी किसी भी श्रद्धालु को वीआईपी स्कॉर्ट या विशेष व्यवस्था उपलब्ध नहीं कराई जाएगी. इस संबंध में उत्तराखंड के मुख्य सचिव अन्य राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र भेजेंगे. प्रशासन का लक्ष्य 15 अप्रैल तक यात्रा से जुड़ी सभी व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देने का है।
अगले हफ्ते से शुरू होगा चारधाम का रजिस्ट्रेशन
बुधवार को चारधाम यात्रा प्रबंधन एवं नियंत्रण संगठन द्वारा ट्रांजिट कैंप में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में संबंधित जिलों के जिलाधिकारी (डीएम), पुलिस अधीक्षक (एसपी), तीर्थ पुरोहितों और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. बैठक में चारधाम यात्रा को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए विभिन्न सुझावों पर चर्चा की गई. गढ़वाल आयुक्त और चारधाम यात्रा प्रबंधन एवं नियंत्रण संगठन के अध्यक्ष विनय शंकर पांडेय ने कहा कि पिछले वर्ष ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया में देरी से काफी दिक्कतें आई थीं. इस बार इस समस्या से बचने के लिए अगले हफ्ते से पंजीकरण शुरू करने का निर्णय लिया गया है।
चारधाम यात्रा में इस बार देश के दूसरे राज्यों से ऋषिकेश, हरिद्वार और अन्य जगह मैनुअल रजिस्ट्रेशन को पहुंचने वाले यात्रियों को बड़ी राहत दी गई है। गढ़वाल कमिश्नर ने यात्रा के लिए ऑनलाइन और मैनुअल रजिस्ट्रेशन का कोटा तय कर दिया है। यात्रा के कुल रजिस्ट्रेशन में से 60 ऑनलाइन होंगे जबकि 40 ऑफलाइन किए जाएंगे। काउंटरों की संख्या भी बढ़ाई गई है।
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रजिस्ट्रेशन के लिए बनाए गए अलग-अलग काउंटर
चारधाम यात्रा में शामिल होने वाले तीर्थयात्रियों के लिए ऋषिकेश में 20, हरिद्वार ऋषिकुल में 20 और विकासनगर में 15 विशेष काउंटर बनाए जाएंगे. इसके अलावा, बड़कोट, हिना, पांडुकेश्वर और सोनप्रयाग में भी आवश्यकतानुसार चेकिंग काउंटर लगाए जाएंगे, जहां पंजीकरण किया जा सकेगा. यात्रा मार्ग पर प्रशासन भीड़ प्रबंधन और यातायात नियंत्रण के लिए कड़े कदम उठा रहा है. इस बार पूरे यात्रा मार्ग को 10-10 किमी के सेक्टरों में विभाजित किया गया है. हर 10 किमी पर चीता पुलिस की विशेष टीम वॉकी-टॉकी के साथ गश्त करेगी. यदि किसी स्थान पर कोई समस्या उत्पन्न होती है तो यह टीम तुरंत सूचना देकर समाधान करेगी।
बैठक के दौरान यात्रा मार्ग से संबंधित जिलाधिकारियों ने सड़क मरम्मत और निर्माण कार्यों में आ रही समस्याओं को लोनिवि सचिव के सामने रखा. सचिव ने आश्वस्त किया कि 15 अप्रैल तक सभी सड़कों की मरम्मत और सुधार कार्य पूरे कर दिए जाएंगे. चारधाम यात्रा के दौरान यातायात और भीड़ प्रबंधन सबसे बड़ी चुनौती होगी. गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने बताया कि यदि यात्रियों की संख्या अचानक बढ़ जाती है तो प्रशासन कुछ शहरों में ठहराव स्थल बनाकर भीड़ को नियंत्रित करेगा।
यात्रा के पहले महीने नहीं दी जाएगी वीआईपी सुविधा
इन ठहराव स्थलों की व्यवस्था हरिद्वार और ऋषिकेश में बड़े स्तर पर की जाएगी. इसके अलावा, विकासनगर, बड़कोट, उत्तरकाशी, श्रीनगर और कीर्तिनगर में भी यात्रियों को रोकने की सुविधा होगी. इन स्थानों पर दो से चार हजार लोगों के ठहरने की व्यवस्था की जाएगी और भोजन व अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी. प्रशासन ने फैसला किया है कि चारधाम यात्रा के पहले महीने में किसी भी यात्री को वीआईपी सुविधा नहीं दी जाएगी. इसका मतलब है कि कोई भी यात्री विशेष स्कॉर्ट सुविधा या अलग से प्रबंधित यात्रा व्यवस्था का लाभ नहीं उठा सकेगा।
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इस निर्णय के तहत उत्तराखंड के मुख्य सचिव अन्य राज्यों के मुख्य सचिवों को अनुरोध पत्र भेजेंगे, ताकि अन्य राज्यों से आने वाले वीआईपी यात्रियों के लिए भी यह नियम लागू हो सके. चारधाम यात्रा 2025 के लिए अगले सप्ताह से ऑनलाइन पंजीकरण शुरू होने जा रहा है. बदरीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खुलेंगे, जबकि अन्य तीनों धामों की तिथियां जल्द घोषित की जाएंगी. इस बार प्रशासन ने यात्रा मार्ग की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. यात्रा मार्ग पर भीड़ नियंत्रण के लिए विशेष ठहराव स्थल बनाए जाएंगे, और यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए पूरे मार्ग को छोटे-छोटे सेक्टरों में बांटा गया है।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यात्रा के पहले महीने में किसी भी यात्री को वीआईपी सुविधा नहीं दी जाएगी. यह निर्णय यात्रा को पारदर्शी और सुगम बनाने के लिए लिया गया है. चारधाम यात्रा से पहले 15 अप्रैल तक सभी सड़क मरम्मत कार्य पूरे करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो. इस बार सरकार यात्रा को अधिक सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए नई तकनीकों और व्यवस्थाओं को लागू कर रही है।
चारधाम यात्रा में इस वर्ष 60 प्रतिशत पंजीकरण ऑनलाइन और 40 प्रतिशत ऑफलाइन किए जाएंगे. इसके लिए सरकार की आधिकारिक वेबसाइट https://registrationandtouristcare.uk.gov.in पर पंजीकरण कराना होगा. बदरीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खुलेंगे, जबकि केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने की तिथि महाशिवरात्रि व अक्षय तृतीया के अवसर पर तय होगी।
कमिश्नर ने श्रद्धालुओं के लिए पानी, बिजली, शौचालय और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं के साथ ही खच्चरों के लिए गर्म पेयजल समेत सभी व्यवस्थाएं चाक चौबंद बनाने के निर्देश दिए। बैठक में सात जिलों के डीएम-देहरादून से सविन बंसल, टिहरी से मयूर दीक्षित, पौड़ी से आशीष चौहान, उत्तरकाशी से मेहरबान सिंह बिष्ट, रुद्रप्रयाग से सौरभ गहरवार, हरिद्वार से कर्मेंद्र सिंह, चमोली से संदीप तिवारी मौजूद रहे। पुलिस कप्तानों में दून से अजय सिंह, उत्तरकाशी से सरिता डोभाल, चमोली से सर्वेश पंवार, टिहरी से आयुष अग्रवाल,आरटीओ दून सुनील शर्मा, ईई बीएन द्विवेदी, हरिद्वार के नगर आयुक्त वरुण चौधरी, ऋषिकेश नगर आयुक्त शैलेंद्र सिंह नेगी, मनोज ध्यानी, एनसी रमोला, तीर्थपुरोहित रजनीकांत सेमवाल, सुनील उनियाल, डॉ. बृजेश सती आदि बैठक में मौजूद रहे।
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