दिल्ली: दिल्ली नगर निगम, शाहदरा दक्षिण क्षेत्र ने हाल ही में एक शानदार समारोह का आयोजन किया जिसमें ज़ीरो वेस्ट कैम्पेन के तहत उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली 137 सोसाइटियों को सम्मानित किया गया। यह मुहिम अप्रैल 2023 में लॉन्च की गई थी और इसका उद्देश्य कचरे को स्रोत पर ही अलग करके और उपचारित करके लैंडफिल पर पड़ने वाले बोझ को कम करना और साथ ही मूल्यवान खाद का उत्पादन करना है।
इस मुहिम के तहत सोसाइटियों ने गीले कचरे को ऐरॉबिन कम्पोस्टर के माध्यम से खाद में परिवर्तित किया और सूखे कचरे को आइपीसीए के माध्यम से रीसाइक्लिंग के लिए भेजा। इस तरह से इन सोसाइटियों ने ज़ीरो वेस्ट के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। समारोह को संबोधित करते हुए आइपीसीए के सचिव अजय गर्ग ने कहा कि ज़ीरो वेस्ट कैम्पेन कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में एक मील का पत्थर है। उन्होंने सभी सोसाइटियों को इस मुहिम में अपना सहयोग देने के लिए धन्यवाद दिया और इस मुहिम को जारी रखने का आग्रह किया।
क्या है ज़ीरो वेस्ट कैम्पेन?
यह एक अभियान है जिसके तहत गीले कचरे को खाद में और सूखे कचरे को रिसाइकल किया जाता है। इस तरह कचरे को लैंडफिल में जाने से रोका जाता है और पर्यावरण को बचाया जाता है। इस अभियान को इंडियन पॉल्यूशन कंट्रोल एसोसिएशन (IPCA) जमीनी स्तर पर लागू कर रहा है।
कैसे काम करता है यह अभियान?
गीला कचरा: गीले कचरे को ऐरोबिन कम्पोस्टर में 45 दिनों में खाद में परिवर्तित किया जाता है।
सूखा कचरा: सूखे कचरे को IPCA द्वारा संग्रहित किया जाता है और प्लास्टिक को रिसाइक्लिंग प्लांट में भेजा जाता है। बाकी सूखे कचरे को एमआरएफ में अलग कर रिसाइक्लर्स को दिया जाता है।
दिल्ली नगर निगम, शाहदरा दक्षिण क्षेत्र के उप आयुक्त अंशुल सिरोही ने भी इस मुहिम की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त की और सभी सोसाइटियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि ज़ीरो वेस्ट मुहिम की सफलता सामूहिक भागीदारी का प्रतीक है और सभी से स्वच्छता के प्रति अपना मौलिक कर्तव्य निभाने का आग्रह किया।