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बजट 2025: मध्यम वर्ग और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को राहत

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बजट 2025: मध्यम वर्ग और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को राहत

बजट 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में आयकरदाताओं और ग्रामीण भारत के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देते हुए वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि 12 लाख रुपये तक की सालाना आय वालों को अब कोई आयकर नहीं देना पड़ेगा। इससे निम्न और मध्यम वर्ग के करदाताओं को आर्थिक सहूलियत मिलने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गरीब और मध्यम वर्ग के उत्थान की प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि टीडीएस की सीमा में भी बदलाव किया गया है। एलआरएस प्रेषण पर टीडीएस की सीमा 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी गई है, जबकि किराए पर टीडीएस की सीमा 6 लाख रुपये कर दी गई है। आयकर रिटर्न दाखिल करने की सीमा भी अब दो साल से बढ़ाकर चार साल कर दी गई है। यह कदम करदाताओं के लिए एक बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है।

परमाणु ऊर्जा मिशन और ग्रामीण डाकघरों का विस्तार
वित्त मंत्री ने 20,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ छोटे मॉड्यूलर नाभिकीय संयंत्रों के शोध और विकास के लिए परमाणु ऊर्जा मिशन की घोषणा की। यह मिशन भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने और नई तकनीकों के विकास को प्रोत्साहित करेगा।

इसके साथ ही भारतीय डाक विभाग को 1.5 लाख ग्रामीण डाकघरों के साथ एक बड़े सार्वजनिक लॉजिस्टिक्स संगठन में तब्दील करने की योजना का भी ऐलान किया गया। यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने और स्थानीय व्यापार को सशक्त बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

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कृषि और MSME के लिए विशेष प्रावधान
असम में 12.7 लाख टन क्षमता वाले यूरिया संयंत्र की स्थापना की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इससे किसानों को उर्वरकों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित होगी। साथ ही, सरकार ने MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए ऋण गारंटी कवर बढ़ाने की योजना बनाई है।

MSME क्षेत्र को निर्यात में 45% हिस्सेदारी का श्रेय देते हुए सीतारमण ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण उत्पादों के माध्यम से यह क्षेत्र अर्थव्यवस्था की रीढ़ बना रहेगा। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम को ऋण परिचालन के लिए सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।

ग्रामीण विकास पर जोर
ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने के उद्देश्य से, सरकार ने विभिन्न योजनाओं और प्रावधानों का ऐलान किया है। डाकघरों को लॉजिस्टिक्स हब में बदलने और ऋण पहुंच में सुधार जैसे उपाय ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में सहायक होंगे।

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह बजट मध्यम वर्ग, किसान और ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने की दिशा में एक ठोस प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। सरकार की इन पहलों से न केवल आयकरदाताओं को राहत मिलेगी, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी नई दिशा मिलेगी।

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