देहरादून: उत्तराखंड में प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल माफियाओं की सक्रियता लंबे समय से राज्य की छवि पर सवाल खड़े करती रही है। एसएसएससी (उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग) की परीक्षाओं को लेकर युवाओं और अभ्यर्थियों में हमेशा उम्मीद रहती है कि ये परीक्षा निष्पक्ष और ईमानदारी से आयोजित हों। लेकिन इससे पहले भी कई बार नकल माफिया इस व्यवस्था को बिगाड़ते आए हैं। इसी कड़ी में एक बार फिर परीक्षा से पहले ही पुलिस और एसटीएफ ने बड़ा एक्शन लिया है।
शनिवार को देहरादून पुलिस और उत्तराखंड एसटीएफ ने एक संयुक्त अभियान चलाकर नकल गिरोह के मास्टरमाइंड हाकम सिंह और उसके एक साथी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की। पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता और आईजी नीलेश आनंद भरणे ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि इस कार्रवाई से परीक्षा में संभावित धांधली की आशंका पर बड़ा प्रहार हुआ है।
कैसे पकड़ में आया नकल गिरोह
पुलिस और एसटीएफ को काफी समय से इनपुट मिल रहे थे कि कुछ गिरोह स्नातक स्तरीय परीक्षा से पहले पैसे लेकर उम्मीदवारों को नकल कराने की तैयारी में लगे हुए हैं। इसके बाद खुफिया स्तर पर लगातार निगरानी रखी जा रही थी। शनिवार को हुई संयुक्त कार्रवाई के दौरान हाकम सिंह को उसके साथी सहित गिरफ्तार कर लिया गया। हाकम सिंह को इससे पहले भी परीक्षाओं में धांधली के मामलों में गिरफ्तार किया जा चुका है और वह लंबे समय से ऐसे नेटवर्क को संचालित करता रहा है।
युवाओं के विश्वास पर चोट
उत्तराखंड में हर साल लाखों युवा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। बेहतर सरकारी नौकरी की उम्मीद में वे दिन-रात मेहनत करते हैं। लेकिन जब इस तरह के नकल गिरोह पकड़े जाते हैं, तो युवाओं का मनोबल टूटता है और परीक्षाओं की पारदर्शिता पर संदेह गहराता है। बीते वर्षों में भी कई बार परीक्षा पेपर लीक और धांधली के मामले सामने आए हैं, जिससे युवाओं का आक्रोश देखने को मिला है।
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एसटीएफ और पुलिस की चौकसी
आईजी नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि इस बार परीक्षा को पूरी तरह सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए खुफिया एजेंसियों के साथ लगातार समन्वय किया गया है। सभी संवेदनशील केंद्रों पर नजर रखी जाएगी ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। गिरफ्तार किए गए आरोपी से पूछताछ जारी है। माना जा रहा है कि इस गिरोह के कई और सक्रिय सदस्य हो सकते हैं जो पुलिस की रडार पर हैं।
सरकार की सख्ती और भविष्य की राह
राज्य सरकार ने कई बार सख्त संदेश दिया है कि परीक्षाओं में धांधली करने वाले किसी भी व्यक्ति को सख्त सजा दी जाएगी। पिछले कई महीनों में नकल विरोधी कानून को और मजबूत करने की चर्चाएं भी तेज हुई हैं। इस गिरफ्तारी के बाद उम्मीद की जा रही है कि युवाओं का भरोसा एक हद तक बहाल होगा।