बांग्लादेश: नीदरलैंड के राजनेता गीर्ट वाइल्डर्स ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हुए हिंसा की निंदा की। उन्होंने इसे भयानक बताया और हिंसा को जल्द समाप्त करने का भी आह्वान किया। दरअसल, बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में कुछ खास लोगों के एक वर्ग के लिए आरक्षण प्रणाली के खिलाफ जुलाई के मध्य से छात्रों के विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे। हिंसा के बीच ढाका में हिंदू समुदाय के दो नेताओं ने बताया कि हिंदुओं के कई मंदिरों, घरों और दुकानों में तोड़फोड़ की गई। महिलाओं पर हमला किया गया। हसीना के देश से भागने के बाद हुई हिंसा में अवामी लीग पार्टी से जुड़े दो हिंदू नेताओं की मौत हो गई। बता दें कि वर्तमान समय में बांग्लादेश में सियासी उथल-पुथल के बाद मंगलवार को अंतरिम सरकार का गठन किया गया। नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित मोहम्मद यूनुस को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाया गया है। राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने इसकी घोषणा की।
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हिंसक प्रदर्शन का प्रकोप
रविवार को बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़पों में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई। इस हिंसा में बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं और पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया गया है। इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं, जिससे स्थिति की सही जानकारी मिलना मुश्किल हो गया है।
इन झड़पों के पीछे एक विवादास्पद मुद्दा है
बांग्लादेश की आरक्षण प्रणाली। हाल ही में बांग्लादेश में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच भीषण झड़पें हुईं, जिसमें 200 से अधिक लोगों की जान चली गई। प्रदर्शनकारी सरकारी नौकरियों में आरक्षण को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं, जो 1971 के मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वाले लड़ाकों के परिवारों के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करता है।
आरक्षण प्रणाली के प्रावधान
बांग्लादेश में आरक्षण प्रणाली के तहत सरकारी नौकरियों का कुल 56 प्रतिशत आरक्षण निर्धारित किया गया है। इसमें से 30 प्रतिशत आरक्षण स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों के लिए, 10 प्रतिशत पिछड़े जिलों के लिए, 10 प्रतिशत महिलाओं के लिए, 5 प्रतिशत जातीय अल्पसंख्यकों के लिए और 1 प्रतिशत दिव्यांगों के लिए आरक्षित है।
हिंदू समुदाय पर हमले
प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हमलों की बाढ़ सी आ गई है। देशभर में हिंदू मंदिरों और हिंदू समुदाय के घरों पर हमले हो रहे हैं। रंगपुर जिले के हिंदू काउंसलर काजल रॉय की हत्या कर दी गई है। इसके साथ ही ढाका में स्थित भारतीय सांस्कृतिक केंद्र पर भी तोड़फोड़ की गई है। मिली रिपोर्ट के अनुसार, रंगपुर जिले में अवामी लीग के हराधन रॉय की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई।
इस्कॉन मंदिर पर हमला
हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद की काजल देबनाथ ने जानकारी दी है कि इस्कॉन इंडिया के मंदिर पर हमला किया गया और मूर्तियों को तोड़ा गया। मेहरपुर (खुलना डिवीजन) में एक इस्कॉन केंद्र को जला दिया गया, लेकिन वहां मौजूद श्रद्धालु किसी तरह जान बचाने में सफल रहे।
मुस्लिम समुदाय की प्रतिक्रिया
हालांकि, कुछ राहत की बात यह है कि बांग्लादेश की कुछ मस्जिदों और मुस्लिम संगठनों ने हिंदू अल्पसंख्यकों की रक्षा करने की अपील की है। मोहम्मद जुबैर ने ऐसी ही एक अपील का वीडियो शेयर किया है, जिसमें कहा गया है कि देश में अशांति के इस दौर में सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखना चाहिए और हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
नीदरलैंड के नेता की अपील
नीदरलैंड के नेता गीर्ड वाइल्डर ने भी बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों की तीव्र निंदा की है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा भयानक है। बर्बर इस्लामी भीड़ द्वारा उन्हें मारा जा रहा है और उनके घरों और मंदिरों को जलाया जा रहा है। इसे तुरंत रोका जाना चाहिए।”
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हसीना सरकार पर आरोप
प्रदर्शनकारी छात्रों का आरोप है कि सरकार उन लोगों को आरक्षण दे रही है जो शेख हसीना सरकार का समर्थन करते हैं, और इस वजह से मेरिट के आधार पर सरकारी नौकरियां नहीं दी जा रही हैं। प्रदर्शनकारी इस आरक्षण प्रणाली को समाप्त करने और शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। यही कारण है कि देश में लगातार हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं।
सैन्य कब्जा और भविष्य की दिशा
शेख हसीना के इस्तीफे और देश छोड़ने के बाद, बांग्लादेश की सेना ने देश की सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए कदम उठाए हैं। सेना ने हिंदू परिवारों, मंदिरों और पूजा स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। यह कदम हिंदू अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान करने और हिंसा को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है।
हिंदू डर के साए में
शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश में उपद्रवी हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों को निशाना बना रहे हैं. देश में 1 करोड़ 31 लाख के करीब हिंदू हैं, उनके घरों और दुकानों को आग के हवाले किया जा रहा है. अराजक तत्व हिंदू मंदिरों को भी निशाना बनाने से नहीं चूक रहे हैं. हालात इतने खराब हो गए हैं कि वहां रहने वाले करीब 7 प्रतिशत हिंदू इन दिनों खौफ के साये में हैं. वैसे तो बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले कोई नई बात नहीं है. पहले भी हिंदुओं को यहां निशाना बनाया जाता रहा है. लेकिन इस बार हालात और भी अलग हैं. शेख हसीना सत्ता छोड़ चुकी हैं. ऐसे में भारतीय नागरिकों का क्यो होगा, यही चिंता सताने लगी है.
टारगेट पर 27 जिलों के हिंदू
बांग्लादेश में जारी अनिश्चितता और अराजकता के माहौल के बीच वहां के करीब 27 राज्यों में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों को टारगेट किया जा रहा है. क्या, मंदिर, क्या घर और क्या दुकानें, प्रदर्शनकारी कुछ भी नहीं छोड़ रहे हैं. गुस्साई भीड़ ने यहां पर करीब 27 जिलों में हिंदुओं के घरों के साथ ही उनके व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया है. इतना ही नहीं अराजक तत्व उनका कीमती सामान भी लूट ले गए. वहां पर मंदिरों और गुरुद्वारों में तोड़फोड़ की जा रही है. शेख हसीना के सत्ता और देश छोड़ने के बाद से वहां हालात बदतर हो गए हैं. ये खबर बांग्लादेशी न्यूज वेबसाइट द डेली स्टार में छापी गई है।
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