आंध्र प्रदेश लोक सेवा आयोग (APPSC) ने सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया में बड़ा बदलाव प्रस्तावित किया है। अब से आयोग प्रारंभिक (Prelims) परीक्षा केवल उन्हीं भर्तियों में आयोजित करेगा, जिनमें आवेदन की संख्या घोषित पदों की संख्या से 200 गुना से अधिक हो।
इससे पहले यदि किसी भर्ती में 25,000 से अधिक आवेदन आते थे, तो दोनों चरण — प्रीलिम्स और मेन्स परीक्षा कराई जाती थी, भले ही रिक्त पदों की संख्या कम हो। लेकिन अब आयोग इसे समय और संसाधनों की बर्बादी मानते हुए एक नया फ़िल्टरिंग सिस्टम लागू करने जा रहा है।
क्या है नया नियम?
अगर किसी भर्ती में 100 पदों की वैकेंसी है, तो अब केवल तभी प्रीलिम्स परीक्षा होगी जब 20,000 से ज्यादा आवेदन मिलेंगे। अगर आवेदन 20,000 से कम हैं, तो उम्मीदवारों का चयन सीधे मेन्स परीक्षा या एक ही परीक्षा के माध्यम से किया जा सकता है।
सरकार ने पहले ही किया लागू
करियर360 की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य सरकार ने इस प्रस्ताव को Forest Section Officer और Beat Officer की हालिया भर्तियों में लागू कर दिया है। यह नया सिस्टम अन्य विभागों की भर्ती में भी जल्द लागू किया जा सकता है।
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क्यों किया गया ये बदलाव?
- अनावश्यक परीक्षा आयोजित करने से सरकारी खजाने पर बोझ पड़ता है।
- उम्मीदवारों और विभागों दोनों का समय बर्बाद होता है।
- इससे भर्ती प्रक्रिया तेज और सरल होगी।
APPSC की मुख्य जिम्मेदारियां:
APPSC भारतीय संविधान के अनुच्छेद 315 के तहत गठित एक संवैधानिक निकाय है। इसकी भूमिका में शामिल हैं:
- राज्य सेवाओं के लिए प्रतियोगी परीक्षाएं, इंटरव्यू और विभागीय परीक्षाएं आयोजित करना।
- भर्ती संबंधी नियमों और सेवा शर्तों पर सरकार को सलाह देना।
- विभिन्न परीक्षाओं के लिए सिलेबस बनाना।
- Group I, II, III और IV सेवाओं के साथ-साथ तकनीकी और गैर-तकनीकी पदों के लिए नोटिफिकेशन जारी करना।