देहरादून। उत्तराखंड की सियासत में उस वक्त हड़कंप मच गया जब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट को एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा जान से मारने की धमकी देने का मामला सामने आया। लगातार आने वाली धमकी भरी कॉल्स से परेशान होकर भट्ट ने देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) को लिखित शिकायत देकर तुरंत कार्रवाई की मांग की है।भट्ट ने पुलिस को दिए गए शिकायती पत्र में बताया कि बीते कुछ दिनों से उनके निजी मोबाइल नंबर पर एक अज्ञात नंबर से बार-बार फोन आ रहे हैं। कॉल करने वाला व्यक्ति न केवल गाली-गलौज और अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहा है, बल्कि खुलेआम जान से मारने की धमकी दे रहा है। सांसद ने बताया कि उन्होंने कई बार कॉल करने वाले व्यक्ति को समझाने का प्रयास भी किया कि इस तरह का व्यवहार अनुचित है, लेकिन इसके बावजूद फोन कॉल और धमकियों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है।
भट्ट ने इसे एक गंभीर मामला बताते हुए कहा कि यह सिर्फ व्यक्तिगत हमले की बात नहीं है, बल्कि यह लोकतांत्रिक प्रणाली में प्रतिनिधित्व करने वाले एक जनप्रतिनिधि के प्रति असहिष्णुता का संकेत है। उन्होंने पुलिस प्रशासन से कॉलर की पहचान कर कठोर कार्रवाई करने की मांग की है, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति इस तरह का दुस्साहस न कर सके।इस मामले को लेकर बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कॉल करने वाले व्यक्ति की भाषा और व्यवहार बेहद उत्तेजित और आक्रामक थे। चौहान ने आशंका जताई कि यह पूरा घटनाक्रम किसी “राजनीतिक दुर्भावना” से प्रेरित लग रहा है। उनके अनुसार, जिस तरह की भाषा और शब्दों का इस्तेमाल किया गया, उससे न केवल महेंद्र भट्ट की व्यक्तिगत और राजनीतिक छवि को ठेस पहुंचाने का प्रयास किया गया है, बल्कि उनके जीवन को भी वास्तविक खतरा हो सकता है।बीजेपी प्रदेश संगठन ने इस पूरे मामले की जानकारी पार्टी हाईकमान तक पहुंचा दी है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी नेतृत्व ने भी राज्य पुलिस से घटना की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
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वहीं, पुलिस ने भी जांच शुरू कर दी है और संबंधित मोबाइल नंबर की लोकेशन ट्रेस करने के लिए साइबर सेल को लगाया गया है।पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शिकायत मिलने के बाद कॉल रिकॉर्ड की जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में माना जा रहा है कि कॉल करने वाला व्यक्ति या तो राज्य के भीतर का है या फिर किसी बाहरी नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहा है। इसके सत्यापन के लिए तकनीकी विश्लेषण कराया जा रहा है।राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि उत्तराखंड जैसे शांतिप्रिय राज्य में इस तरह की घटनाएं जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती हैं। राज्यसभा सांसद और प्रदेश अध्यक्ष जैसे पद पर बैठे व्यक्ति को धमकी मिलना अपने आप में गहन चिंता का विषय है।महेंद्र भट्ट लंबे समय से उत्तराखंड की राजनीति में सक्रिय रहे हैं और अपनी सादगी व संगठन क्षमता के लिए जाने जाते हैं। ऐसे में उन पर आई यह धमकी सिर्फ एक व्यक्ति के प्रति नहीं, बल्कि पूरे लोकतांत्रिक तंत्र के प्रति चुनौती के रूप में देखी जा रही है।
राज्य प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषी को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। फिलहाल पुलिस ने महेंद्र भट्ट की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के निर्देश भी जारी किए हैं।इस घटना ने उत्तराखंड की सियासत में न केवल हलचल पैदा कर दी है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा किया है कि आखिर एक जनसेवक कितना सुरक्षित है, जब उसे अपने ही राज्य में जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। आने वाले दिनों में इस मामले में क्या कदम उठाए जाते हैं, यह देखना फिलहाल दिलचस्प होगा।
