नैनीताल: मंगलवार शाम नैनीताल के शांत माहौल को एक भीषण हादसे ने दहला दिया। चीना बाबा मंदिर के पास स्थित एक बहुमंजिला इमारत में अचानक आग लगने से हड़कंप मच गया। इस इमारत में शिशु मंदिर विद्यालय भी संचालित होता है, जिससे स्थिति और भी खतरेभरी हो गई। आग लगने की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन, पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमें तत्काल मौके पर पहुंचीं।प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार शाम करीब सवा सात बजे बिल्डिंग के ऊपरी हिस्से से धुएं का गुबार उठता देखा गया। कुछ ही मिनटों में आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। आसपास के लोगों ने पहले खुद आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन आग की लपटें इतनी तेज थीं कि उन्हें पीछे हटना पड़ा। इसी दौरान सूचना प्रशासन को दी गई।सूचना मिलते ही एसडीएम नवाजिश खालिक, फायर टेंडर और पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे।
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रेस्क्यू टीम ने तुरंत राहत-बचाव कार्य शुरू किया। बताया गया कि आग लगने के समय दो लोग बिल्डिंग के भीतर फंसे हुए थे। कड़ी मशक्कत के बाद दमकल कर्मियों ने उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया। राहत की बात रही कि इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई, हालांकि बिल्डिंग को काफी नुकसान पहुंचा है।रेस्क्यू ऑपरेशन करीब दो घंटे तक चला, क्योंकि बिल्डिंग के अंदर का भाग लकड़ी और पुराने निर्माण सामग्री से बना था, जिससे आग तेजी से फैलती जा रही थी। फायर सर्विस की दो गाड़ियों ने मिलकर आग को नियंत्रित किया। स्थानीय लोगों ने भी पानी की बाल्टियों और पाइपों के जरिये फायर टीम की मदद की।एसडीएम नवाजिश खालिक ने बताया कि आग लगने के कारणों का पता लगाया जा रहा है। प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट की संभावना जताई जा रही है। साथ ही प्रशासन ने बिल्डिंग के स्ट्रक्चर की जांच के निर्देश दिए हैं ताकि ऐसी घटनाओं से भविष्य में बचाव किया जा सके।
इस हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने सरकारी भवनों, स्कूलों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में फायर सेफ्टी उपकरणों की अनिवार्यता पर जोर दिया है। कई लोगों ने कहा कि शहर में पुराने भवनों की वायरिंग और फायर फाइटिंग सिस्टम की नियमित जांच की जरूरत है।नैनीताल जैसे घनी आबादी और पर्यटन वाले शहर में इस तरह की आगजनी की घटनाएं सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती हैं। प्रशासन ने घटना की गंभीरता को देखते हुए क्षेत्र के सभी सार्वजनिक भवनों और शिक्षण संस्थानों में अग्नि सुरक्षा मानकों की समीक्षा करने के निर्देश जारी किए हैं।फिलहाल राहत की बात यह है कि बड़ी दुर्घटना होते-होते टल गई, और प्रशासन की तत्परता से दो लोगों की जान बचाई जा सकी।
