रुद्रप्रयाग: रुद्रप्रयाग गौरीकुंड हाईवे पर मुनकटिया के पास आज सुबह एक हादसा अत्यंत दर्दनाक और दिल दहला देने वाला रहा, जिसमें एक यात्री वाहन के ऊपर विशाल बोल्डर गिरने से दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन के खतरों की गंभीरता को एक बार फिर उजागर करता है।
हादसे का पूरा विवरण
सोमवार सुबह सोनप्रयाग से गौरीकुंड की ओर जा रहा एक यात्री वाहन जैसे ही मुनकटिया भूस्खलन जोन के पास पहुंचा, ऊपर से भारी भारी वर्षा के कारण एक विशाल बोल्डर वाहन के ऊपर आ गिरा। वाहन में कुल 11 लोग सवार थे। इस भीषण हादसे में दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई—इनकी पहचान रीता (30 वर्ष) और चंद्र सिंह (50 वर्ष) के रूप में हुई है।
घायलों की स्थिति
हादसे में गंभीर रूप से तीन लोग घायल हुए हैं—नवीन सिंह रावत (35 वर्ष), ममता (29 वर्ष) और प्रतिभा (25 वर्ष)। घायलों को सबसे पहले नजदीकी सोनप्रयाग अस्पताल ले जाया गया, जिनमें दो की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें उच्च चिकित्सा केंद्र (हायर सेंटर) के लिए रेफर किया गया।
बारिश और भूस्खलन का लगातार खतरा
स्थानीय प्रशासन और रेस्क्यू टीमों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए घायलों को सुरक्षित रूप से अस्पताल पहुंचाया। प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के कारण पहाड़ी क्षेत्रों में बोल्डर गिरने और भूस्खलन के हादसे बहुत बढ़ गए हैं, जिससे यात्री वाहनों को बड़ा खतरा बना हुआ है। मौसम विभाग ने राज्य के अनेक जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी कर रखा है। प्रशासन ने यात्रियों को सावधानीपूर्वक यात्रा करने की सलाह दी है।
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प्रशासनिक कदम और अलर्ट
राज्य प्रशासन द्वारा दुर्घटना के बाद तत्काल राहत एवं बचाव कार्य आरंभ किया गया। इसके अलावा देहरादून, टिहरी, पौड़ी और हरिद्वार सहित प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश के चलते स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है। यात्रियों और स्थानीय नागरिकों से अपील की गई है कि वे पहाड़ी मार्गों पर अत्यधिक सतर्कता बरतें और मौसम की चेतावनी का पालन करें।
सामाजिक और मानवीय प्रतिक्रिया
मुनकटिया हादसा न सिर्फ यात्रियों के लिए, बल्कि स्थानीय निवासियों के लिए भी गहरी चिंता का विषय बन गया है। लोगों में खतरे की भावना और दुख का माहौल है, वहीं प्रशासन, रेस्क्यू टीम और स्थानीय लोगों का त्वरित सहयोग राहत कार्यों के लिए सराहनीय रहा।
रुद्रप्रयाग गौरीकुंड हाईवे जैसी संवेदनशील सड़कों पर यात्रा के दौरान यात्रियों एवं ड्राइवरों को मौसम सम्बन्धी चेतावनियों और सुरक्षित यात्रा के नियमों का पालन करना अत्यावश्यक है, जिससे ऐसी घटनाओं से बचा जा सके और भविष्य में जानमाल की क्षति को घटाया जा सके।