पिथौरागढ़: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जनपद के बेड़ीनाग क्षेत्र से लापता महिला के मामले में पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। जांच में यह पूरा मामला प्रेम प्रसंग से जुड़ा हत्या कांड निकला। पुलिस के अनुसार, महिला को उसके प्रेमी के पिता ने ही मौत के घाट उतारा और शव को रामगंगा नदी में फेंककर सबूत मिटाने की कोशिश की। इस दिल दहला देने वाली घटना ने स्थानीय क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है।जानकारी के अनुसार, बेड़ीनाग क्षेत्र की एक महिला कुछ दिन पहले लापता हो गई थी। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कर जांच शुरू की। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि महिला का संपर्क एक युवक से था, जिसकी उम्र उससे लगभग आधी थी।
युवक ने महिला को अपने साथ घर से भगाने की कोशिश की थी। इसी बात से युवक का पिता बेहद नाराज हो गया और उसने इस रिश्ते को खत्म करने का मन बना लिया।पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपी पिता ने अपने बेटे और दो चचेरे भाइयों के साथ मिलकर साजिश रची। उन्होंने महिला को बुलाकर उससे “बात करने” के बहाने एक सुनसान जगह ले गए और वहीं उसकी हत्या कर दी। बाद में शव को छिपाने के उद्देश्य से रामगंगा नदी में फेंक दिया।मामले का खुलासा तब हुआ जब पुलिस ने तकनीकी सर्विलांस और सूचनाओं के आधार पर आरोपियों को हिरासत में लिया। पूछताछ में आरोपियों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। उनकी निशानदेही पर पुलिस ने नदी किनारे से महिला का बैग, बनियान, दुपट्टा और अन्य निजी सामान बरामद किया। इन सामानों की पहचान परिजनों ने की, जिससे अपराध की पुष्टि हो गई।
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बेड़ीनाग थाना प्रभारी ने बताया कि चारों आरोपियों — पिता, पुत्र और दो चचेरे भाइयों — को गिरफ्तार कर हत्या, साजिश और सबूत नष्ट करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है।स्थानीय लोगों ने इस घटना पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया है। लोगों का कहना है कि परिवारिक सम्मान और सामाजिक दबाव के कारण आज भी कई बार निर्दोष लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है। क्षेत्र में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है, जहां प्रेम, परंपरा और हिंसा की कड़वाहट ने मिलकर एक निर्दोष की जान ले ली।पुलिस ने कहा है कि यह पूरी घटना सामाजिक सोच में व्याप्त कट्टर मानसिकता का नतीजा है और ऐसे मामलों में समाज को जागरूकता की जरूरत है। बेड़ीनाग का यह मामला न केवल कानून के दायरे में न्याय की मांग कर रहा है बल्कि यह भी दिखा रहा है कि जब रिश्तों में समझ की जगह अहम आ जाता है, तो परिणाम कितना भयावह हो सकता है।
